क्या हम भारतवासी अपने क्रांतिकारियों के बारे में सब कुछ भूल बैठे हैं
हर वतन वाले को अपना एक ही पैगाम है।
अमन कायम है तो बस आराम ही आराम है।।
करने वाले फर्क आपस में समझते क्यों नहीं।
अमन ही तो दूसरा इंसानियत का नाम है।।
इससे बढ़-चढ़कर जमाने में कोई दौलत नहीं।
अमन दुनिया के लिए सबसे बड़ा इनाम है।।
यह समझ लो मुल्क की कुव्वत है अमनो इतिहाद।
यह नहीं तो मुल्क में ज़ुल्मो सितम की शाम है।।
जिस किसी भी मुल्क की किस्मत में यह दोनों नहीं।
देख लो खुद ही कि क्या उस मुल्क का अंजाम है।।
इसलिए कहती हूं मैं ऐ दोस्तों यह बार-बार।
अमन रखना मुल्क में हर मुल्क वाले का काम है।।
आये बदअमनी तसव्वुर में तो हम ये सोच ले।
अपनी देरीना रवायत का ये कत्ले आम है।।
मंगल पांडे ,खुदीराम बोस, शहीद भगत सिंह, सुखदेव थापर ,बाल गंगाधर तिलक, वीर अब्दुल हमीद, अशफाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आज़ाद, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस ,लक्ष्मी सहगल ,श्रीमती भिकाजी रुस्तम कामा, रानी लक्ष्मीबाई, गुलाब कौर ,सरोजिनी नायडू, रानी चेन्नम्मा, जैसे हजारों लोगों ने हम भारतवासियों पर अपनी जान की बाजी लगा दी हमारे पूर्वजों ने हमारे क्रांतिकारियों ने जाति धर्म ऊंच-नीच गरीब अमीर मुस्लिम हिंदू रंग भेद हर चीज को साइड में रख कर एकता का पैगाम और संग्रह बनाकर भारत को आज़ादी दिलाई थी सीने पर गोलियां खाई फांसी के फंदे पर झूले न जाने कितने अपनो ने अपने प्राणों की आहुति दी न जाने कितने छोटे बड़े जमीनों में यूं ही दफना दिए गए उनके बलिदान का जवाब है
किसी के पास क्या यह भारत आज भी बैसा है जैसा हमारे पूर्वजों ने हमें तोहफे में दिया था सोचने की बात है मेरा यह संदेश पूरे भारत वासियों के लिए है जिसके पास भी ये संदेश पहुंचे वह एक बार जरूर गौर करें क्या यह वही भारत है जो हमारे क्रांतिकारी आज़ाद कराकर गए क्या यह वही भारत है जो हमें तोहफे में मिला था सोच कर फैसला करना भारत को आज कितने हिस्सों में हम सब ने बांट रखा है कितने धर्मों में इसको बांट रखा है कितने दंगों में इसको बांट रखा है कितने फसाद आपस में खड़े कर रखे हैं क्या हमारी क्रांतिकारी ऐसा करते तो भारत आज़ाद हो पाता क्या भारत में इतनी गुटबाजी आज़ादी के वक्त में की जाती तो भारत आज़ाद हो सकता था हमारा राष्ट्रीय गान हमें प्रेरणा देता है एक एक शब्द हमें सिखाता है हमारी तारीफ करता है हमारे राज्यों की तारीफ करता है हमारे देश में बहने वाली नदियों की तारीफ करता है हम वीरों की तारीफ करता है युगो युगो तक करता रहेगा इसलिए हम सबको एकता से ही रहना चाहिए धर्म के नाम पर तो कभी झगड़ना ही नहीं चाहिए क्योंकि हमारे पूर्वज हमें यह बिल्कुल नहीं सिखा कर गए हैं इसलिए हमें भी एकता से संयम से समझदारी से आपस में मिल जुल कर रहना चाहिए
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