भाजपा 2022 में पुनः प्रदेश की जनता को गुमराह कर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है: बल्यूटिया

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-अब भाजपा सरकार के झूठे वादों में नहीं फंसेगी जनता

– सरकार साढ़े 4 सालों में जनता के लिए कुछ नहीं कर पाई

-आशा कार्यकत्रियां को 5 महीने तक 2000 रुपये प्रतिमाह का थमाया झुनझुना

पर्यावरण मित्रों को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का चुनावी सिर्फ वादा

हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी | कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अब भाजपा प्रदेश की आम जनता को गुमराह कर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है। जो सरकार साढ़े 4 सालों में जनता के लिए कुछ नहीं कर पाई अब वह 5 महीनों में प्रलोभनों का झुनझुना थमा रही है।

बल्यूटिया ने कहा कि जो आशा कार्यकत्रियां लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं बजाय उन्हें उनके अधिकार देने के अब 5 महीने तक दो 2000 रुपये प्रतिमाह देने का झुनझुना थमाया गया है। बिजली उपभोक्ताओं का 3 महीने का फिक्स्ड चार्ज माफ करना, 3 महीने का लेट सरचार्ज माफ करना, 5 महीने तक पर्यावरण मित्रों को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का वादा सिर्फ चुनाव तक कर्मचारियों और जनता गुमराह कर वोट में सेंध लगाने का काम किया है।

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प्रदेश प्रवक्ता बल्यूटिया ने कहा कि भारत के नियंत्रक महामहालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट से राज्य सरकार की पोल खुल कर सामने आई है। प्रदेश में सरकार की राजस्व घाटे की स्थिति बहुत खराब है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार
वर्ष 2016-17 में राजस्व घाटा 383 करोड़ रुपए था। जबकि 2019-20 में राजस्व घाटा 2136 करोड़ रुपए पहुंच चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2020 को उत्तराखंड सरकार कुल 65982 करोड़ के कर्ज के तले दब चुकी थी। कैग ने सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़े हुए राज्य सरकार को आय बढ़ाने के लिए संसाधन जुटाने के भी सुझाव दिए हैं।

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उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में राज्य के 65000 लोगों को गलत बिजली के बिल पहुंचने का भी मामला सामने आया, सरकार अपनी इस जिम्मेदारी से भी नहीं बच सकती। स्वास्थ्य व्यवस्था का इतना बुरा हाल है कि कुमाऊं के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी जैसे शहर में भी 108 एंबुलेंस सेवा का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण 3 दिन पहले तब देखने को मिला जब एक अकाउंटेंट का स्वास्थ्य खराब होने पर 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई और बाद में अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गई। प्रदेश के अस्पतालों में आधे से अधिक डॉक्टरों के पद खाली हैं। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं जबकि यह सरकार अपना टैक्स घटाने को तैयार नहीं है। दमुवाढुंगा में मालिकाना हक को लेकर इस सरकार ने कांग्रेस सरकार के आदेश को पलट दिया जिससे यहां की जनता काफी नाराज है। यही वजह है कि आज यहां भाजपा नेता पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए हैं। हल्द्वानी नगर के अंतर्गत जहां अधिकांश सड़कों में गड्ढे बने हुए हैं वही जहां सड़कें बनी भी हैं वहां गुणवत्ता काफी खराब है। सड़कों के निर्माण में खराब गुणवत्ता को लेकर खुद भाजपा कार्यकर्ताओं का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला और गुणवत्ता की जांच की मांग की है। जिस क्षेत्र में सड़क की गुणवत्ता खराब होने की बात कही गई है वह क्षेत्र स्वयं कबीना मंत्री बंशीधर भगत का है। इसलिए भाजपा को अपने गिरेबान में झांकते हुए जनता को बरगलाने से बाज आना चाहिए।

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