रिपोर्ट कार्ड V\S फीस लेने का खेल अभिभावक

रिपोर्ट कार्ड V\S फीस लेने का खेल अभिभावक
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हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी | प्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब निजी विद्यालयों ने भी स्कूल खोलने की तैयारी शुरू कर दी है प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक स्कूलों को 2 अगस्त से खोलने का फैसला लिया है। फिलहाल स्कूल किस तरह खुलेंगे क्या गाइडलाइन होगी इस -एस ओ पी का इंतजार सभी कर रहे हैं।

यदि बात की जाए 2020 मार्च 22 से पुरे देश में वैश्चिक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया गया | देश के ओधोगिक संस्थान \व्यावासिक प्रतिष्ठान \ यातायात व्यवस्था \विधालय पूर्णयता प्रतिबंधित किये गये थे , जिसके चलते देश में कारोबार का संकट गहरा गया था , करोडो नौकरिया चली गई देश की जनता के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई , समाजसेवी संगठनों ने इस कठिन दौर में जरूरत मंदो के लिए भोजन की वयवस्था कराई ,वही सुरक्षा की दृस्टि से विधालय पूर्णयता बंद होने से करोडो नौनिहालों \छात्रों का भविष्य अन्धकार में डूब गया |

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वही सरकार द्वारा ऑन लाइन पढ़ाई की घोषणा की गई , इसमें निजी स्कूलों के संचालको ने बड़ा गेम कार्ड खेला ट्यूशन फीस के नाम पर हज़ारो रुपया प्रतिमाह अभिभावकों की जेब से निकाला | वही सत्र 2020 \21 में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र \छात्राओं के 10 व 12 कक्षा के प्री बोर्ड एग्जाम व प्रैक्टिकल कराये गए , रिपोर्ट कार्ड दिखाने के बहाने अभिभावकों को विधालय बुला सत्र की फीस जमा करने की बात कही गई , कि हम ऑन लाइन आपके बच्चे को शिक्षा दे रहे है \स्कूल भवन के बिजली पानी\ भवन के रखरखाव \बसों की EMI \टीचरों की सैलरी के नाम पर सत्र 2018 में जो फीस थी उससे अधिक ट्यूशन फीस के नाम पर वसूली गई

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,जिसके बाद अभिभावकों के विरोध के बाद सरकार फीस को लेकर लगातार ब्यान बदलती रही , आज भी जो अभिभावक कारोबार \नौकरिया न होने के कारण फेस जमा करने में असमर्थ है , उनके बच्चो की ऑन लाइन क्लासेस बंद की जा रही है ,स्कूल प्रबन्धक का कहना है पहले सत्र की पूरी फीस के बाद ही क्लासेस दी जायेगी | दूसरी ओर सरकार ने कक्षा 6 से लेकर 12 तक स्कूल खोलने का फैसला लिया है

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अभिभावकों का कहना है कि सरकार का ये फैसला निजी स्कूलों को लाभ पहुँचाने के लिए लिया जा रहा है , क्योकि 31 तारीख को रिज़ल्ट घोषित किया जाना है वही रिपोर्ट कार्ड देने के एवज में सत्र की फीस के लिए दवाब बनाया जाएगा ,अभिभावकों का कहना है , कारोबार नहीं नौकरिया नहीं कहा से लाये हज़ारो रुपया फीस ?