नाबालिग से गैंगरेप किए जाने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान
महिला से गैंगरेप में 20 साल की सजा और आजीवन कारावास, यौन संबंध के लिए झूठे वादे करना या पहचान छिपाना भी अब अपराध होगा।
नए कानून में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध घटित करने वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कड़ी सजा के प्रावधान हैं।
अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों के मैजेस को शामिल किया गया
अब 60 दिन के भीतर आरोप तय होंगे और मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय देना होगा।
वहीं सिविल सेवकों के खिलाफ मामलों में 120 दिन में निर्णय अनिवार्य होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत मामलों की तय समय में जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान
शिकायतकर्ता को 90 दिन में जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा और गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी।
ई-एफआईआर के मामले में फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करने होंगे
पेनड्राइव में अपने बयान की कॉपी ले सकेंगे। इस प्रकार नए कानूनों में आमजन को बहुत सारे लाभ प्रदान किए गए हैं।
जनता जनार्दन की आवाज संवाददाता ( HSN ) अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | देशभर में आज (1 जुलाई) से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS),क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो चुका है। नए कानूनों के लागू होने को लेकर पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रत्येक जिले के पुलिस अधिकारी/कार्मिकों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के नये कानूनों/प्रावधानों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिस क्रम में
प्रहलाद नारायण मीणा, एस0एस0पी0 नैनीताल द्वारा जनता को इन नये कानूनों के प्रति जागरूक करने के लिये प्रत्येक थाना प्रभारी को अपने-अपने थाना क्षेत्र में जन जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिस आदेश के क्रम में हरबंस सिंह, एसपी क्राइम/ट्रैफिक नैनीताल(नोडल अधिकारी) के पर्यवेक्षण में जनपद के सभी थाना प्रभारियों के नेतृत्व में पुलिस टीमों द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आज पुष्कर सिंह धामी, मा०मुख्यमंत्री जी उत्तराखंड द्वारा राधा रतूड़ी मुख्य सचिव उत्तराखंड महोदया तथा अभिनव कुमार पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड महोदय समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारीगण की उपस्थिति में पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड सभागार से नए कानूनों का ऑनलाइन माध्यम से सभी जिलों के पुलिस प्रभारी एवम् थानों को सम्मिलित कर शुभारंभ किया गया। साथ ही जनता से रूबरू होकर उन्हें नए कानूनों में जनता की सुविधा के लिए पुलिस अभियोग पंजीकरण की प्रक्रिया के सरलीकरण तथा त्वरित न्यायिक प्रक्रिया के मुख्य बिंदुओं के बारे में अवगत कराया गया।
सभी पुलिस कर्मियों तथा न्यायिक प्राधिकारियों को नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शुभकामनाएं भी प्रेषित की गई। अलग अलग जिलों से जुड़े जनता से ऑनलाइन माध्यम से वार्ता भी की गई।
एसएसपी नैनीताल समेत अन्य अधिकारी द्वारा भी थाना हल्द्वानी, लालकुआं, मल्लीताल तथा रामनगर से ऑनलाइन जुड़कर मा०मुख्यमंत्री का संबोधन तथा संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। इसके साथ ही एसएसपी नैनीताल द्वारा हल्द्वानी मीटिंग हॉल में जनता को नए कानूनों के संबंध में जागरूक किया गया। कार्यक्रम में श्री हरि विनोद जोशी, पूर्व निदेशक विधि उत्तराखंड, श्री आशीष गुप्ता सहायक अभियोजन अधिकारी तथा श्री प्रताप सिंह नेगी उपनिरीक्षक मास्टर ट्रेनर द्वारा भी न्याय संहिता से जुड़े विधिक पहलुओं के संबध में जानकारी दी गई।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। नए कानून लागू होने से भारत की न्याय प्रणाली आईपीसी के तहत अंग्रेजों द्वारा बनाए गए औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त हो चुकी है। ये कानून दंड नहीं बल्कि न्याय केन्द्रित है।
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रस्तावित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में पहला अध्याय अब महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित सजा के प्रावधानों से संंबंधित है। इन प्रावधानों के अनुसार जहां बच्चों से अपराध करवाना व उन्हें आपराधिक कृत्य में शामिल करना दंडनीय अपराध होगा वहीं नाबालिग बच्चों की खरीद-फरोख्त जघन्य अपराधों में शामिल की जाएगी। नाबालिग से गैंगरेप किए जाने पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। नए कानूनों के अनुसार पीड़ित का अभिभावक की उपस्थिति में ही बयान दर्ज किया जा सकेगा। इसी प्रकार नए कानूनों में महिला अपराधों के संबंध में अत्यंत सख्ती बरती गई है। इसके तहत महिला से गैंगरेप में 20 साल की सजा और आजीवन कारावास, यौन संबंध के लिए झूठे वादे करना या पहचान छिपाना भी अब अपराध होगा। साथ ही पीड़िता के घर पर महिला अधिकारी की मौजूदगी में ही बयान दर्ज करने का भी प्रावधान है। इस प्रकार नए कानून में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध घटित करने वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कड़ी सजा के प्रावधान हैं।
नए कानूनों में खास
अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों के मैजेस को शामिल किया गया है। केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कानूनी प्रभाव, वैधता और प्रवर्तनीयता कागजी रिकॉर्ड के समान ही होगी। अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी न्यायालयों में पेशी हो सकेगी। अब 60 दिन के भीतर आरोप तय होंगे और मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय देना होगा। वहीं सिविल सेवकों के खिलाफ मामलों में 120 दिन में निर्णय अनिवार्य होगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत मामलों की तय समय में जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान है। इसी प्रकार छोटे और कम गंभीर मामलों के लिए समरी ट्रायल अनिवार्य होगा। नए कानूनों में पहली बार अपराध पर हिरासत अवधि कम रखी जाने व एक तिहाई सजा पूरी करने पर जमानत का प्रावधान है। साथ ही किसी भी शिकायतकर्ता को 90 दिन में जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा और गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी।
नए कानूनों से होने वाले लाभ
ई-एफआईआर के मामले में फरियादी को तीन दिन के भीतर थाने पहुंचकर एफआईआर की कॉपी पर साइन करने होंगे। नए बदलावों के तहत जीरो एफआईआर को कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया है। फरियादी को एफआईआर, बयान से जुड़े दस्तावेज भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। फरियादी चाहे तो पुलिस द्वारा आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी ले सकता है। यानी वे पेनड्राइव में अपने बयान की कॉपी ले सकेंगे। इस प्रकार नए कानूनों में आमजन को बहुत सारे लाभ प्रदान किए गए हैं।
ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम में प्रकाश चंद्र, एसपी सिटी हल्द्वानी, श्री हरबंस सिंह एसपी क्राइम/ट्रैफिक नैनीताल, श्री उमेश मालिक प्रभारी निरीक्षक हल्द्वानी थाना पुलिस कर्मी, व्यापार मंडल, आशा कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, छात्र वर्ग, टैक्सी यूनियन तथा स्थानीय लोगों ने प्रतिभाग किया।
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