HSN * संवाददाता अतुल अग्रवाल > 9927753077 < हल्द्वानी
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हल्द्वानी \ देहरादून। धामी सरकार बिना किसी विधिक प्रावधान के निवृत्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त करके विपक्ष के निशाने पर आई वही धामी सरकार ने आगामी नगर निकाय चुनाव से ठीक पहले राजभवन से पास हुआ नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान अध्यादेश, 582 मलिन बस्तियों के उजड़ने का खतरा अगले तीन सालों तक के लिए टलने के पश्चात मलिन बस्तियों में निवासरत तकरीबन 12 लाख लोगों को मिली बड़ी राहत
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अटकलें के बीच धामी सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश को राजनैतिक नेताओ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तुरुप चाल के रूप में देखा जा रहा है। सियासत के जानकारों का मानना है कि इस अध्यादेश के माध्यम से सीएम धामी ने मलिन बस्तियों के एक बड़े वोट बैंक को तकरीबन साध ही लिया है ,क्योंकि नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान अध्यादेश-2024 को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश की मलिन बस्तियों के उजड़ने का खतरा अगले 3 वर्ष के लिए टल गया है।
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नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान अध्यादेश-2024 लाकर उत्तराखंड की 582 मलिन बस्तियों के तकरीबन 12 लाख से अधिक निवासियों को बड़ी राहत दी है। राज्य में इसी माह नगर निकाय चुनाव होने की यदि बात की जाये तो आगामी निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अध्यादेश की इस फसल को दोनों हाथों से कटेगी,,,,,,,,,,
यदि बात की जाये तो हाई कोर्ट नैनीताल उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद उत्तराखंड में नगर निकायों की सीमा के अंतर्गत वर्तमान में निवासरत मलिन बस्तियां अतिक्रमण हटाओ अभियान की जद में आ गईं थीं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार मलिन बस्तियों को उजाड़ने से बचने के लिए वर्ष 2018 में पहला अध्यादेश लाई थी, जिससे बस्तीवासियों को तीन साल की राहत मिल गई थी,,,,,
तीन साल की अवधि समाप्त होने के बाद वर्ष 2021 में सरकार फिर अध्यादेश लाई, जिसकी अवधि इस साल अक्तूबर में खत्म हो गई थी । अब सरकार तीसरी बार अध्यादेश लाई है, जिसकी अवधि 2027 तक होगी,,,,,,,,
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के राज्यपाल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने बीते मंगलवार को अध्यादेश पर अपनी मंजूरी की मोहर लगा दी है ।राज्यपाल की अध्यादेश पर राज्यपाल की स्वीकृति के साथ ही उत्तराखंड की 582 मालिन बस्तियों के 12 लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिल गई है तथा अगले तीन साल तक बस्तियों से उजड़ने का खतरा टल गया है। उल्लेखनीय है कि धामी कैबिनेट ने हाल ही में नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान-2024 संबंधी अध्यादेश राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था।
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