जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बनीं मजारों पर बोले सीएम पुष्कर सिंह धामी हुए सख्त,बोले स्वत् हटाले अतिक्रमण नही तो होगी बड़ी कार्रवाई

जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बनीं मजारों पर बोले सीएम पुष्कर सिंह धामी हुए सख्त,बोले स्वत् हटाले अतिक्रमण नही तो होगी बड़ी कार्रवाई
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सीधा मतलब ये है कि इन अवैध मज़ारों का निर्माण दो मकसद से किया गया है-
पहला मकसद है- सरकारी ज़मीनों पर अतिक्रमण करना
और दूसरा- समाज के धार्मिक ढांचे पर भी अतिक्रमण कर लेना।

संवाददाता अतुल अग्रवाल ‘ HS NEWS ‘ हल्द्वानी | उत्तराखंड के जिम कार्बेट में मजारों की बढ़ती संख्या से सरकार एक्शन में आ गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अवैध अतिक्रमण जहां भी होगा उसे सख्ती से हटाएंगे। ऐसी जगहों से खुद ही अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा सरकार हटाएगी।साथ ही सीएम ने आगे कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड (UCC) पर भी काफी काम हो गया है और हमारी कमेटी उस पर अंतिम मसौदे को तैयार करने के लिए आगे बढ़ रही है।इस पर कार्य अगले 2-3 महीनों में पूरा हो जाएगा।

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बिना अनुमति के बाद भी लोग यहाँ पहुंच रहे

इसकी वजह पार्क के टाइगर नहीं, बल्कि बाघों के संरक्षण के लिए बने देश के सबसे पुराने नेशनल पार्क में मजारों की आई बाढ़ है।दरअसल, जिस जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में आप जंगली जानवरों को देखने के लिए जाते हैं, अब वहां जानवर कम और मजारें ज्यादा दिखती हैं।जिम कॉर्बेट पार्क में अंदर करीब 1 किलोमीटर की दूरी तय करते ही आपको आपको मजारें दिखनी शुरू हो जाएंगी। इन मजारों पर चादरें चढ़ी हुई हैं। बाकायदा रंग-रोगन किया गया है। इसका मतलब यहां पर लोगों की आवाजाही होती है, जबकि ये एक रिजर्व क्षेत्र है।बिना अनुमित के यहां पर आवाजाही मना है। इसके बाद भी लोग यहां पहुंच रहे हैं।

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जिम कार्बेट जाने वाले लोगों का दावा है कि साल 2000 के आस-पास ये मजारें बनना शुरू हुईं। पहले एक बनी और अब ये संख्या देखते ही देखते 50 तक पहुंच गई है। वहीं, उत्तराखंड में अब तक ऐसी एक हज़ार से ज्यादा मज़ारों को चिन्हित किया जा चुका है, जो वन विभाग या सरकार की दूसरी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बनाई गई हैं और इनमें से अब तक 102 मज़ारों को सरकार ध्वस्त भी कर चुकी है।मज़ारों में जो कब्र बनी हुई हैं, उनमें से कई में मृत व्यक्ति के अवशेष नहीं हैं।यानी कब्र है और उस कब्र की एक मज़ार भी बनी हुई है।लेकिन उस कब्र में मानव अवशेष नहीं है।

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मज़ार का मतलब और मकसद

जबकि मज़ार का अर्थ, उस स्थान से है, जहां किसी व्यक्ति की कब्र या समाधि होती है।मज़ार अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसमें ज़ा-र का मतलब होता है.. किसी से मिलने के लिए जाना. सरल शब्दों में कहें तो मज़ार किसी सूफी संत या पीर बाबा की उस कब्र को कहते हैं, जहां लोग ज़ियारत करने के लिए आते हैं।और ज़ियारत का अर्थ होता है.. उक्त जगह या समाधि के दर्शन करने आना।

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