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दिल्ली की किरन ‘छावला कांड’ बलात्कार कर हत्या करने वाले बलात्कारियों व हत्यारों की रिहाई के विरोध में राष्ट्रपति व मुख्य न्यायधीश को ज्ञापन प्रेषित किया

दिल्ली की किरन ‘छावला कांड’ बलात्कार कर हत्या करने वाले बलात्कारियों व हत्यारों की रिहाई के विरोध में राष्ट्रपति व मुख्य न्यायधीश को ज्ञापन प्रेषित किया
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | आज 17 नवम्बर को प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन ने बिलकिस बानो और उसके परिजनों के साथ जघन्य अपराध करने वाले व 2012 में दिल्ली की किरन ‘छावला कांड’ बलात्कार कर हत्या करने वाले बलात्कारियों व हत्यारों की रिहाई के सम्बंध में राष्ट्रपति व मुख्य न्यायधीश महोदय को ज्ञापन प्रेषित किया | सभा में साथियों ने कहा कि 15 अगस्त 2022 को एक तरफ हमारा देश अमृत महोत्सव मना जा रहा था|तो दूसरी तरफ उसी दिन क्षमा नीति के तहत गुजरात दंगो के दौरान बिलकिस व परिवार के 4 अन्य महिलाओं से बलात्कार तथा परिवार के 3 साल की बच्ची समेत 14 लोगों की हत्या के 11 अपराधियों को रिहा कर दिया गया। इन अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।सीबीआई व बॉम्बे हाईकोर्ट की आपत्ति के बावजूद भी इन्हें रिहा कर दिया गया।

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दिल्ली में 2012 में घटित हुए 19 वर्षीय युवती के बलात्कार और हत्या के ‘छावला कांड’ में सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। इससे पहले 2014 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने और फिर हाईकोर्ट ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई|
यह रिहाईया आम महिलाओं समेत अल्पसंख्यकों के न्यायालय के प्रति भरोसे को कमजोर करती है|
बिलकिस बानो ने तमाम दबावों, तनावों और धमकियों के बावजूद न्याय की उम्मीद में अपना संघर्ष जारी रखा। कई सालों के बाद अपराधियों को आजीवन उम्र कैद की सजा हुई थी। मगर अब 14 साल बाद ‘अपराधियों’ को माफी देकर रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद अपराधियों का सरेआम फूलमालाओं से स्वागत हुआ।
यह फैसले ना केवल महिलाओं के खिलाफ भांति भांति के अपराध को उकसावा और बढ़ावा देने वाला है बल्कि यह समाज की सभी आम महिलाओं के खिलाफ भी अपराधियों को अपराध को प्रेरित करने का है|
यही नहीं अभी हाल ही में रामरहिम जैसे बलात्कारी बाबा को भी परोल पर छोड़ दिया गया है। ऐसा बाबा राम रहीम के मामले में कई बार हो चुका है।
इस तरह आम समाज में यही संदेश जाता है कि न्याय ताकतवर और सत्ताधारी लोगों और इनसे जुड़े अपराधियों के पक्ष में ही होता है। यह सब कुछ आम लोगों में यह भय, आशंका और निराशा का माहौल बनाता है तथा अन्य अपराधियों को अपराध के लिए उत्साहित करने और उकसाने वाला होता है।
महोदय, हमारा आग्रह है कि समाज में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसे अपराधियों को कानून द्वारा निर्धारित सजा पूरी हो।
प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन,व आम मेहनतकश जनता गुजरात सरकार बिलकिस बानो व ‘छावला कांड’ के अपराधियों की रिहाई की आलोचना करता है और मांग करता है ऐसे जघन्य अपराध अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएं| ज्ञापन देने वालो में भगवती, पुनम आरती, रजनी, मोहन मटयाली , टीका राम पांडे सहित अन्य लोग

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