केंद्र सरकार फर्जी चैनलों पर नकेल कसने की तैयारी में
पत्रकारों और मीडिया के प्रवेश और असली नकली आईडी आदि को लेकर छिड़ गई बहस
फर्जी चैनलों की वजह से ही पत्रकारों की पहचान में आए दिन दिक्कत पेश आती है।
संवाददाता अतुल अग्रवाल ” HS NEWS ” हल्द्वानी | विश्वशनीय सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मिल रही है जानकारी ये भी प्राप्त हो रही है कि, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पंजीकृत डिजिटल पोर्टल (Registered Digital Portal) या यूट्यूब चैनल (Youtube chann… ही अपने पत्रकारों को माइक, आईडी जारी कर सकेंगे। केंद्र सरकार इस जरिये फर्जी चैनलों पर नकेल कसने की तैयारी में है। बता दें, फर्जी चैनलों की वजह से ही से ही पत्रकारों की पहचान में आए दिन दिक्कत पेश आती है।




हर छोटे-बड़े न्यूज़ चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी
आपको ये भी बता दें कि यूटयूब पर चलने वाले अधिकांश न्यूज़ चैनल बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे हैं। कोई भी व्यक्ति खुद को संपादक और पत्रकार बताकर चैनल शुरू कर देता है। लेकिन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की योजना है कि अब ऐसा नहीं चल पाएगा। बताया तो ये भी जा रहा है कि, हर छोटे-बड़े चैनल की कुंडली खंगाली जाएगी और जरूरत पड़ने पर एक्शन भी लिया जाएगा। सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, बिना पंजीकरण वाले पोर्टल अवैध माने जाएंगे।
लखनऊ में मीडिया कर्मियों से मांगे जा रहे आईडी

उत्तर प्रदेश में इन दिनों निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ तमाम समाचार चैनल, पोर्टल और अख़बार के पत्रकार जहां-तहां कवरेज अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में असर दिखने लगा है। सोमवार (17 अप्रैल) को लखनऊ में कवरेज के लिए गए पत्रकारों की गहनता से आईडी की जांच की गई। जिससे कई मीडिया कर्मियों को तकलीफ भी उठानी पड़ी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों के रूप में आए हमलावरों ने गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद
फ़िल्मी अंदाज में हुई हत्या
पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए 15 अप्रैल देर रात प्रयागराज के काल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए 3 बाइक सवार शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ का अंत बिलकुल फिल्मी अंदाज में हुआ। जिसके बाद से पत्रकारों और मीडिया के प्रवेश और असली नकली आईडी आदि को लेकर बहस छिड़ गई है।
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