कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने हल्द्वानी रेलवे भूमि में काबिज लोगों को हटाने की कार्यवाही के चलते सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में




निर्णय लिया गया कि28 दिसंबर को अतिक्रमण हटवाने के लिए मैपिंग पिलर लगाना सहित नोटिस चिपकाना आदि कार्य किए जाएंगे
कानून व्यवस्था बनाने के लिए अन्य राज्यों से भी पुलिस बल बुलाई जा रही है। उत्तराखंड में रेलवे भूमि को लेकर यह सबसे बड़ी कार्यवाही होगी। रेलवे की अतिक्रमण भूमि पर करीब 4,500 परिवार रहते हैं। इतने बड़े इलाके से कब्जा हटाना आसान नहीं है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 दिसंबर से अतिक्रमण कार्यों को मुनादी कराने के साथ ही उसी दिन से पिलर बंदी भी की जाएगी। प्रशासन और रेलवे द्वारा 78 एकड़ भूमि पर लगभग 4363 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। अतिक्रमण हटाए जाने का पूरा मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

रेलवे की तरफ से आए एडीआरएम विवेक गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय बैठक में पूरा प्लान बना लिया गया है। अतिक्रमण को हटाने में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी, बैरिकेडिंग व अन्य खचरें के वहन की सहमति रेलवे के अपर मण्डल प्रबन्धक विवेक गुप्ता द्वारा दी गई।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों की हाइ लेवल मीटिंग की गई। मीटिंग में कमिश्नर, पुलिस, प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि रेलवे प्रशासन 28 दिसंबर अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस से जारी करेगा।

अतिक्रमण की रेलवे पटरी से न्यूनतम दूरी 515 फीट तो अधिकमत 820 फीट की है। रेलवे की भूमि पर प्रतिष्ठान बनाकर सैकड़ों लोग रोजगार भी कर रहे हैं। इसके साथ ही कई मस्जिद, मंदिर और स्कूल भी रेलवे की भूमि के दायरे में हैं।
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