इतिहास के पन्नो में शेष रह जाएगा एशिया की सबसे बड़ी यूनिट एच एम टी नाम

इतिहास के पन्नो में शेष रह जाएगा एशिया की सबसे बड़ी यूनिट एच एम टी नाम
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी |

ध्वस्त की जायेगी एच एम टी बिल्डिंग
1985 में स्थापित एच एम टी यूनिट पहचान रही थी सुनहरे दौर की
वन विभाग ने अपनी 33 एकड़ ज़मीन खाली कराने को कहा

हल्द्वानी | रानीबाग में स्थित एशिया की ( न0 वन ) एच एम टी घड़ी यूनिट कुमाऊँ की शान रहने के साथ साथ हज़ारो युवाओ को रोजगार के अवसर एवम हल्द्वानी में बाजार को आर्थिक मज़बूती देने में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया था

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वर्ष 1985 में रोजगार की दिशा में स्थापित एच एम टी यूनिट कुमाऊं के लिए मील का पथ्थर साबित हुई वर्ष 1992 तक स्वर्णिम दौर रहा एच एम टी यूनिट का वही बात की जाए तो मैनेजमेंट के कुप्रबन्धक एवम अन्य कारणों से रानीबाग स्थित एच एम टी यूनिट अंधकार के गर्त की ओर अग्रसर होती चली गई

केंद्र सरकार के द्वारा उद्योग मंत्रालय से वर्ष 2016 में फैक्ट्री को बंद करने का निर्णय लिया फरवरी वर्ष 2020 में केंद्र सरकार के नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन यानी ( एनबीसीसी ) को भूमि प्रबंधन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया | केंद्र के निर्णय के अनुसार एचएमटी यूनिट की भूमि 33 . 32 एकड़ वन भूमि तथा 13.32 एकड़ लीज़ पर ली गई वन भूमि संबंधित विभागों को वापस कर दी गई ,वहीं वन विभाग ने अपनी भूमि को पुराने स्वरूप में लौटाने के लिए कहा जैसे स्वरूप में एचएमटी फैक्ट्री बनाने के लिए दी गई थी ऐसे में एचएमटी प्रबंधक ने करीब 30 से अधिक आवासीय कॉलोनियों वाले वन भूमि के परिसर को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है जिसका जिम्मा एक ठेकेदार को दिया गया है बुलडोजर शहर की पहचान शान वही एचएमटी को ध्वस्त करने में जुटे हैं