वर्तमान सरकार के तानाशाही रवैये से आक्रोशित युवा नेता के द्वारा बयान दिया गया कि ( ना हम डरेंगे – ना हम पीछे हटेंगे – पुलिस से लड़ेंगे ) बेरोजगार हज़ारो युवा अपनी बात सरकार तक जरूर पहुचायेंगे चाहे इसके लिए हमको कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े



महाआक्रोश रैली मंच पर देखा गया कि जो पीड़ित बेरोजगार युवा काफी लंबे समय से सरकार की जनविरोधी नीतियों अपने साथ हुए छल को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दे रहा था | महाआक्रोश रैली मंच से युवाओं को अपनी बात कहने का मंच से मौका तक नहीं दिया गया



युवाओ को मंथन करना होगा कुछ महानुभाव माइक पर स्वय की स्वच्छ छवि का ही गुणगान करते रहे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे ये बेरोजगार युवा महाआक्रोश रैली नहीं आगामी वर्ष 2023 \ 24 के चुनावो की ज़मीन तलाशी जा रही हो , यह भी हज़ारो बेरोजगार युवाओ के साथ अन्याय है , जो आक्रोशित बेरोजगार युवा मंच से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिये माइक पर अपनी बात भी न कह सका युवा महाआक्रोश रैली के कोई मायने ?

प्रदेश संवाददाता अतुल अग्रवाल ” भारतीय मानवाधिकार परिवार ” हल्द्वानी | यूकेएसएससी भर्ती घोटाले को लेकर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं में एक भारी आक्रोश पनप रहा था जिसको लेकर हजारों युवाओं के द्वारा अपने दर्द आक्रोश को व्यक्त करने के लिए काफी लंबे समय से बेरोजगार आक्रोशित युवा सत्तासीन सरकार की युवा विरोधी नीतियों के खिलाफ बेरोजगारी का आक्रोश व्यक्त करने के लिए काफी लम्बे अर्से से रणनीति बना रहे थे | उसी क्रम में रणनीति को जमीनी लड़ाई बनाने के लिए युवा महाआक्रोश रैली का आयोजन करने के लिए जिले के कई शहरों में युवा मंच के द्वारा जिले के कई शहरों में जाकर जनसंपर्क बनाते हुए , महाआक्रोश रैली को सफल बनाने के लिए युवाओं से मंथन कर रणनीति तय की गई |

इसी क्रम में 14 तारीख तय की गई और यह भी आवाहन किया गया कि बेरोजगार युवा अपने अधिकारों रोजगार के लिए एक मंच पर एक सुर में सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का कार्य करेगी ,कि वर्तमान सरकार ने हजारों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए प्रदेश में यूकेएसएससी भर्ती घोटाले को अंजाम दिया | प्रदेश की जनता के सामने वर्तमान सरकार के काले कारनामों का चिट्ठा खोलने के लिए हल्द्वानी में महाआक्रोश रैली के माध्यम से विरोध प्रदर्शन आक्रोश व्यक्त करने का निर्णय लिया गया ,

बेरोजगार युवाओ की हुंकार से घबराकर वर्तमान सरकार एवं शासन प्रशासन के द्वारा हज़ारो युवाओं की आवाज दबाने के लिए कार्यक्रम स्थल को तानाशाही रवैया अपनाते हुए

पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया वहीं युवाओं के द्वारा आरोप लगाए गए कि क्या शिक्षा ग्रहण करने वाला युवा क्या आतंकवादी है ,जो कि वर्तमान सरकार एवं शासन प्रशासन के द्वारा युवाओं की घेराबंदी करते हुए धरने स्थल पर नाकेबंदी कर दी गई

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