अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गरीबो पर गाज रसूकदारो माननीयों की पहुँच वालो का राज ?

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गरीबो पर गाज रसूकदारो माननीयों की पहुँच वालो का राज ?
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शहर में जो सड़के 30 , 40 वर्षो पूर्व बनाई गई थी , आज भी वही है न ही सड़को का चौड़ीकरण किया गया
कोढ़ में खाज बड़े व्यवसाइयो व्यापारियों द्वारा माननीयो की शह पर मार्गो पर अतिक्रमण कर चौड़ी सड़को को तंग संकरी गलियों में तब्दील कर दिया
शहर के किसी बड़े व्यावासिक ( मॉल ) बैंको में नहीं उपभोक्ताओं के लिये पार्किंग सुविधा ?
बाजार छेत्र में नहरों \ नालो के ऊपर काबिज़ पहुंच वाले व्यापारियों को नज़रअंदाज़ करते हुए नगर निगम के बड़े बड़े अधिकारियो के मौजूदगी में रातो रात
सड़को को खोद कर नाले बना दिए जाते है ?
अतिक्रमण हटाने के वक़्त मुखानी चौराहे पर एक राजनैतिक पार्टी के नेता की बहुमंज़िली इमारत की एक ईट तक नहीं हिला सके ?
मंगल पड़ाव में टेलीफोन का खम्बे का स्थान परिवर्तन होता गया प्रतिष्ठान का अवैध निर्माण होता गया ?
वोट बैंक की राजनीति एवम छट्ट भैय्या अपनी नेतागिरी चमकाने एवम वोटरों को साधने के लिए नालो \ नालियों पर होने वाले अवैध निर्माण से क्यों फेर
लेते नज़रे ?

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | हल्द्वानी में यातायात की समस्या विकराल रूप है जिसमे कि जब गर्मियों की छुट्टिया एवं पर्यटन सीजन आते ही विकराल रूप धारण कर लेती है | इसी वक़्त प्रशासनिक अधिकारी एक्टिव मूड में आते है | कुछ समय पश्चात् शांत हो जाते है

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जिसका मुख्य कारण है महानगर हल्द्वानी की सड़के यदि बात की जाए शहर में जो सड़के 30 , 40 वर्षो पूर्व बनाई गई थी , आज भी वही है न ही सड़को का चौड़ीकरण किया गया , न ही इस दिशा में शहर में कोई पहल की गई , यदि तक बात की जाये पिछले विगत कई वर्षो में वाहनों की संख्या में कई गुना बृद्धि हुई , सड़के वही के वही कैसी मिलेगी जाम के ताम झाम से मुक्ति

ऊपर कोढ़ में खाज बड़े व्यवसाइयो व्यापारियों द्वारा माननीयो की शह पर मार्गो पर अतिक्रमण कर चौड़ी सड़को को तंग संकरी गलियों में तब्दील कर दिया जाता है , यदि बात की जाए शहर में जब भी किसी बड़े व्यावासिक ( मॉल ) बैंक का निर्माण कार्य किया जाता है , प्राधिकरण से नक्शा स्वीकृत कराया जाता है , नक़्शे में उपभोक्ताओं के वाहनों के लिए पार्किंग दर्शाई जाती है

परन्तु इसी पार्किंग में लाखो रुपया कमाने के लालच में दुकानों स्वामियों द्वारा दुकानों का निर्माण कर दिया जाता है ,ऎसी परिस्थितियों में खरीदारी करने आने वाले उपभोक्ताओं के द्वारा वाहन सड़को पर ही पार्किंग कर दिय जाते है , जिसके कारण शहर एवं मुख्यमार्गो में हर वक़्त जाम से जूझती है शहर की जनता , वही देखा जाता है शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर सीपीयू एव पुलिस द्वारा गरीब ठेले वही – दो पहिया वाहन वालो के चालान काट इतिश्री करते हुये सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए लगातार उत्पीड़न किया जाता है

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बाजार छेत्र में नहरों \ नालो के ऊपर काबिज़ पहुंच वाले व्यापारियों को नज़रअंदाज़ करते हुए नगर निगम के बड़े बड़े अधिकारियो के मौजूदगी में रातो रात सड़को को खोद कर नाले बना दिए जाते है ?

विगत अभी कुछ महीनो पूर्व शासन प्रशासन \ नगर निगम ने संयुक्त रूप से काठगोदाम से तीन पानी तक युद्ध स्तर पर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया , देखा गया अतिक्रमण की जद में आने वाले बड़े बड़े मॉल – प्रतिष्ठानो – पार्को को नज़रअंदाज़ करते हुए , गरीब छोटे व्यापारियों पर अतिक्रमण के नाम पर गिरी गाज

यदि बात की जाये विगत कुछ वर्ष पूर्व मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर कालाढूँगी मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर बहुत बड़ी कार्यवाही प्रशासनिक अधिकारियो की मौजूदगी में की गई थी , वही मुखानी चौराहे पर एक राजनैतिक पार्टी के नेता की बहुमंज़िली इमारत की एक ईट तक नहीं हिला सके ?

अभी कुछ माह पूर्व मछली बाजार में अतिक्रमण के नाम पर गरीब व्यापारियों की दुकानों पर भवन स्वामियों की आशियानों पर चलाया गया बुलडोज़र आखिर ये भेदभाव ???

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वही मंगल पड़ाव में एक प्रतिष्ठान स्वामी की दुकान पूर्व के वर्षो में काफी छोटी थी , देखा गया टेलीफोन का खम्बा अपने स्थान से आगे बढ़ता गया साथ ही प्रतिष्ठान का अवैध निर्माण होता गया इसी प्रतिष्ठान में आने वाले उपभोक्ताओं के वाहन सड़को पर ही खड़े रहते है जिससे मार्ग अवरुद्ध होता है ,

परन्तु प्रशासनिक अधिकारियो की नज़र में ये अतिक्रमण नहीं ??? — ऐसे बहुत से मामले शहर में है अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर गरीबो पर गाज रसूकदारो माननीयों की पहुँच वालो का राज ???

वही शोशल मिडिया में बरसात के पश्चात हल्द्वानी के एक छेत्र से कुछ महानुभाव घरो में नालो का दूषित पानी जलभराव की फोटो वीडियो अपलोड करते हुये अनेको टिप्पड़िया करते है , सबसे अहम सवाल जब नालो पर अवैध भवनों एवं दुकानों का अवैध निर्माण किया जाता है , उस वक़्त नगर निगम , शासन प्रशासन क्यों आँखे मूंदकर बैठ जाता है ,

वही बात की जाए तो वोट बैंक की राजनीति एवम छट्ट भैय्या अपनी नेतागिरी चमकाने एवम वोटरों को साधने के लिए नालो \ नालियों पर होने वाले अवैध निर्माण से नज़रे क्यों फेर लेते है , जिसके परिणाम बरसातों में देखने को मिलते है इसका ज़िम्मेदार ??