संविधान की धारा 19 एक ए मैं दी गई है और इस संविधान की धारा के तहत बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी या अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज होगा
अपनी काबिलियत एव श्रम निष्पक्षता के साथ करते हैं काम* पत्रकार के साथ में बांधा डालने वालों पर होगी
पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000का जुर्माना पत्रकारों से बदसलूकी करने पर 3 साल की जेल हो सकती है
पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे केअंदर जेल भेज दिया जाएगा पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत
भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय का काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिए
सार्वजनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं पर वे भीड़ का हिस्सा नहीं होते इसलिए पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का
हनन करना है
प्रेस काउंसिल ने निर्देश के कैबिनेट सचिव गृह सचिव सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस संबंध में निर्देश भेजा
पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्रवाई कहीं ना हो पुलिस की पत्रकारों के साथ की गई हिस्सा मीडिया की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन माना जाएगा
संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी ! विश्वनीय सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर मिल रही है हाईकोर्ट ने पत्रकारों के सम्मान को सुरक्षित करने के लिए लियानिर्णय बताया कि पत्रकार एक स्वतंत्र है उनके साथ गलतव्यवहार करने वालों पर तुरंत होगी कानून कार्यवाही कर अपनी काबिलियत एव श्रम निष्पक्षता के साथ करते हैं काम* पत्रकार के साथ में बांधा डालने वालों पर होगी अब कठोर कार्रवाई हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि




पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000का जुर्माना पत्रकारों से बदसलूकी करने पर 3 साल कीजेल हो सकती है पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे केअंदर जेल भेज दिया जाएगा पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें पत्रकारों सेमान सम्मान से बात करें वरना आपको पड़ेगा महंगा बदसलूकीकरने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी

f.i.r. नहीं तो एसएसपी पर होगी कार्रवाई पत्रकार नहीं है भीड़ का हिस्सा पत्रकार के साथ बढ़ती ज्यानती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम* नहीं कर पाते हैं
उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिलके अध्यक्ष मार्कण्डेय का काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिए हैं कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करेंकिसी स्थान पर हिस्सा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकारों कोउनके काम करने में पुलिस व्यवधान नहीं पहुंचा सकती पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथनहीं कर सकती पुलिस वालों या अधिकारियों के विरुद्धआपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा काटजू ने कहा कि जिसतरह कोर्ट में एक अधिवक्ता अपने मुवक्किल का हत्या काएस लड़ता है पर वह हत्यारा नहीं हो जाता है उसी प्रकार किसी
सार्वजनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं पर वे भीड़का हिस्सा नहीं होते इसलिए पत्रकारों को उनके काम सेरोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करना है*
प्रेस काउंसिल ने निर्देश के कैबिनेट सचिव गृह सचिव सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस संबंध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट कहा है कि पत्रकारोंके साथ पुलिस याअर्धसैनिक वालों की हिस्सा व बर्दाश्त नहीं की जाएगी
सरकारी यह सुनिश्चित करें कि पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्रवाई कहीं ना हो पुलिस की पत्रकारों के साथ की गई हिस्सा मीडिया की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन माना जाएगा
जो संविधान की धारा 19 एक ए मैं दी गई है और इस संविधान की धारा के तहत बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी या अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज होगा
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