स्वर्गीय रामप्यारी देवी राजभर मरणोपरांत किया नेत्रदान, दो लोगों को मिलेगी रोशनी

स्वर्गीय रामप्यारी देवी राजभर मरणोपरांत किया नेत्रदान, दो लोगों को मिलेगी रोशनी
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ‘ हल्द्वानी | नेत्रदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि इस दान से दो जिंदगिया रोशन होती है। जिंदगी भर जिस शख्श ने कभी दुनिया नही देखी और केवल अंधेरे में ही जिया, उनकी आखों में रोशनी आ जाए तो इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है। शहीद भगत सिंह सेवा समिति नेत्रदान जागरूकता अभियान की लौ पूरे भारत और पूरे विश्व में जगाने का मिशन लेके चल रही हैं हर जगह समिति का जागरूक अभियान इस बात का प्रमाण भी हैं अरुण चुघ और प्रथम (प्रकाश)बिष्ट का कहना हैं धीरे धीरे ही सही लेकिन समाज नेत्रदान के प्रति जागरूक ज़रूर होगा लोग चाहने लगेंगे कि मृत्यु पश्चात भी लोगों का भला करें। इसलिए मरणोपरात नेत्रदान की प्रवृत्ति बढ़ेगी। ऐसा ही एक पुण्य कार्य हुआ गदरपुर ग्राम नंदपुर में जब

रामप्यारी देवी राजभर (72) के देहवसान हो जाने पर परिवार के सदस्यों ने स्वर्गीया के नेत्रदान करने का निर्णय लिया। प्रथम (प्रकाश) बिष्ट और अरुण चुघ शहीद भगत सिंह सेवा समिति की प्रेरणा से एव सीएल गुप्ता आई बैंक के सहयोग से के सहयोग से इस पुनीत कार्य को अंजाम दिया गया।प्रथम बिष्ट और अरुण चुघ ने बताया की दुख की इस घड़ी में भी स्वर्गीय रामप्यारी देवी राजभर जी के परिवार ने नेत्रदान करवा कर जो पुनीत कार्य किया है वह अविस्मरणीय रहेगा।शहीद भगत सिंह सेवा समिति का लगातार प्रयास रहता है कि प्रत्येक परिवार संकल्प ले मृत्यु होने पर नेत्रदान के लिए आगे आऐं। जिससे कतार में खड़े हजारों लोग जिनका जीवन अंधेरे में खड़ा है। उनके जीवन में रोशनी भर दे। आई डोनेशन मोटिवेटर प्रथम बिष्ट और अरुण चुघ के ने बताया कि मृत्यु के छह से आठ घंटे के बाद तक नेत्र बैंक की टीम को बुलाकर मृतक का नेत्रदान कराया जा सकता है। एक व्यक्ति के नेत्रदान से दो लोगों की आंखों में रोशनी आ सकती है। किसी भी आयु वर्ग के स्त्री-पुरुष नेत्रदान कर सकता है।समिति और सीएल गुप्ता आई बैंक द्वारा परिवारजन को सम्मान पत्र भेट किया जाएगा। समिति ने पूरे परिवार का आभार व्यक्त किया हैं पुत्र किशोर कुमार मनोज कुमार ,नाती पंकज ,हर्ष , अंजलि , गीतांजलि , पूनम ,सोनम, संजन्ना , सुनेना , नेत्रदान की प्रक्रिया के दौरान आदि उपस्थित थे। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के निर्देशन में नेत्रदान प्रक्रिया संपन्न हुई।
शहीद भगत सिंह सेवा समिति ने वार्ता पे बताया
आज माता जी के स्वर्गवास होने पर उन्होंने इच्छा जताई माताजी के नेत्रदान की, और संपर्क किया प्रथम बिष्ट से हुआ और नेत्रदान की प्रक्रिया समझाते हुए ॥सम्पर्क आई बैंक की टीम से करा पश्चात प्रथम बिष्ट जी ने तुरंत अपने टीम के अन्य सदस्यों से संपर्क साधा और टीम स्वर्गीय रामप्यारी जी के आवास पर और आई बैंक सीएल गुप्ता मात्र 2 घंटे में टीम ने किशोर जी के आवास नंदपुर गांव में पहुंचकर कॉर्निया का सुरक्षित संग्रह कर लिया , इस प्रकार सुनिश्चित हो गया की रामप्यारी जी की आंखें किन्ही दो लोगो के नेत्रों को रोशनी देंगी , और माता जी सदैव के लिए अमर हो गई जाते जाते समाज को उदाहरण दे गई ।
आपको बता दें शहीद भगत सिंह सेवा समिति की टीम उधमसिंह जिले ,नैनीताल जिले ,देहरादून,दिल्ली और अनेक जगह 15 से ज्यादा जागरूकता कैंप कर चुकी है
टीम के इस अभियान की चर्चा बहुत तेजी से जन जन तक पहुंच रही है सभी लोग कार्य की तारीफ़ कर रहे हैं
टीम के सदस्य प्रथम बिष्ट ने बताया कि नेत्रदान को पारिवारिक परंपरा बनाना है नेत्र दान मिशन की लौ पूरे विश्व में जगानी हैं जबकि अरुण चुघ ने बताया कि नेत्रदान एक फैशन के रूप में स्थापित होगा और आने वाले 5 से 10 सालों में ये एक आम।बात होगी
टीम के वरिष्ठ सदस्य डा॰ मनमोहन सिंह जी का कहना है कि हमारा उद्देश्य भारत के 80 लाख कॉर्निया ब्लाइंड लोगों को आंखें दिलवाना है
अन्य सदस्यों हरप्रीत सिंह , खैराती लाल चुग , रेनू जुनेजा , गुरजीत रंधावा,अमित अरोरा, ललित बिष्ट , मनमीत सिंह ,दिव्यांशु,हैरी साहू आदि भी नेत्रदान मुहिम में दिन रात जागरूकता अभियान में लगे हैं ।