प्रभारी हटाने को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस में कलह एआईसीसी के पूर्व सदस्य ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा पत्र

प्रभारी हटाने को लेकर उत्तराखण्ड कांग्रेस में कलह एआईसीसी के पूर्व सदस्य ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा पत्र
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी |

एक ओर कांग्रेस पार्टी के निवर्तमान अध्यक्ष राहुल गाँधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह से उत्तराखण्ड कांग्रेस पार्टी जनता की नजर में पार्टी की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है | पूर्व से ही देखा जा रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस आपसी गुटबाजी के चक्र्व्यू में फस्ती जा रही है

राज्य में कांग्रेस पार्टी का अंतर्कलह खुलकर आया सामने यदि बात की जाये तो कांग्रेस पार्टी जनता की नजर में पार्टी की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है | पूर्व से ही देखा जा रहा है कि उत्तराखंड कांग्रेस आपसी गुटबाजी के चक्र्व्यू में फस्ती जा रही है , जिससे परिणाम 2022 के विधानसभा के चुनावो में देखने को मिले | एक ओर कांग्रेस प्रदेश में सरकार वापसी का सपना संजोय बैठी है तो दूसरी ओर न ही संगठन मजबूत बनाने में कामयाब हो रही है ,

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बात की जाये अभी कुछ दिनों पूर्व ही द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने देहरादून के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा को पद से हटाया गया था | इस फैसले के पश्चात पार्टी में हंगामा बढ़ गया है लालचंद शर्मा के द्वारा कहा गया था कई ऐसे नेता तो 10-10 सालों से महामंत्री उपाध्यक्ष बने बैठे हैं क्या उन्हें भी पार्टी ऐसे ही पद से हटाएगी या केवल हमारे साथ ही ऐसा होगा | अभी मामला शांत भी नहीं हुआ कि पार्टी में अंतरकलह फिर उपजा एआईसीसी के पूर्व सदस्य व उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने इन्हीं शब्दों के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के हालत पर चिंता जताते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को बदलकर किसी वरिष्ठ नेता को यह जिम्मेदारी दिए जाने की मांग की है।

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खंडूड़ी ने कहा है कि किसी भी प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों और उनके परिणामों के लिए प्रदेश प्रभारी जिम्मेदार होता है। राज्य में पार्टी सही दिशा में चले, इसीलिए प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति की जाती है। यही वजह है कि वर्तमान प्रभारी से पूर्व राज्य में प्रभारी के रूप में अत्यंत अनुभवी, वरिष्ठ व बड़े व्यक्ति के लोगों को ही प्रभारी की जिम्मेदारी दी जाती रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस की स्थिति का आकलन करने के लिए ऐसे व्यक्ति को भेजा जाए, जिसकी जानकारी न प्रभारी को हो और न ही राज्य के वरिष्ठ नेताओं को, ताकि वह अपनी निष्पक्ष व यथार्थ रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को दे सके।