लुटेरी दुल्हने शादी के एक दिन पहले सवा दो लाख लेकर भागी …….. क्यू

लुटेरी दुल्हने शादी के एक दिन पहले सवा दो लाख लेकर भागी …….. क्यू
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मध्य प्रदेश के कटनी में एक अजीबो गरीब मामला आया सामने अपने को गरीब परिवार का बताकर जालसाजों ने दुल्हनों की फर्जी मां, मामा बताकर दो परिवारों से शादी के खर्च के लिए दो लाख छब्बीस हज़ार रुपए की रकम शादी कराने के एवज में बतौर बयाना लिए । एसपी सुनील कुमार जैन ने बताया कि कैमोर थाने के बड़ारी गांव के रहने वाले 76 साल के जगदंबा प्रसाद दीक्षित ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे बसंत लाल दीक्षित और राजेश दीक्षित कुँवारे हैं। दो महीने पहले सतना के रहने वाले अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार घर आए थे। बताया कि सतना के सिंधी कैंप में रहने वाली बबीता तिवारी की दो बेटियां हैं। पिता नहीं होने से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जगदंबा को भी दोनों बेटों की शादी के लिए लड़की की तलाश थी। उनके बुलावे पर वे 23 अक्टूबर 2021 को सतना पहुंचे। यहां उन्हें दो मंजिला मकान में बबीता तिवारी से मिलवाया गया। दोनों लड़कियों को भी दिखाया गया। जगदंबा को बहू के रूप में साधना तिवारी और शिवानी तिवारी पसंद आ गईं। उन्होंने उसी दिन रिश्ता तय कर दिया। रिश्ता तय होने पर जगदंबा की नातिन शिवानी ने दोनों लड़कियों के साथ फोटो भी खिंचवाई। शादी की तारीख तय करने के लिए गांव बड़ारी बुलाया। बबीता, दोनों बेटियां, केशव प्रसाद मामा, दीपक भाई बनकर पहुंचे। यहां शादी के पहले की रस्में की गईं। 29 नवंबर को शादी की तारीख तय हुई।

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आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर बबीता, मामा केशव और भाई बने दीपक ने आयोजन में सहयोग के नाम पर कैमोर आकर 11 नवंबर को 60 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद 50 हजार रुपए बबीता के सतना जिले के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में जमा कराए। रुपए देने के बाद दीक्षित परिवार शादी की तैयारियों में जुटा रहा। शादी के कार्ड छपवाकर रिश्तेदारी और समाज में बांटे दिए गए। टेंट, मैरिज गार्डन, कैटरिंग, घोड़ी और बैंड-बाजे की एडवांस बुकिंग कर करीब एक लाख रुपए दे दिए। बारात निकलने के एक दिन पहले 28 नवंबर को बबीता ने मोबाइल पर दीक्षित परिवार को जानकारी दी कि जेठ का निधन हो गया है। इस कारण शादी नहीं हो सकेगी। इसके बाद दूसरे दिन दीक्षित परिवार उनके दुख में शामिल होने के लिए सतना पहुंचा। यहां पता चला कि जिस मकान में बबीता तिवारी से मुलाकात हुई थी, वो किराए का था, जिसे उसने खाली कर दिया। यह भी पता चला कि बबीता की लड़कियां भी नहीं हैं। उन्होंने खोजबीन शुरू की। सतना में ही उन्हें बबीता का शिकार किया हुआ एक और परिवार मिला। उमरिया जिले के अमरपुर निवासी राकेश पाठक और धनवाली के रहने वाले रमाकांत उपाध्याय ने उन्हें बताया कि 29 नवंबर के लिए बबीता तिवारी ने अपनी बेटी शिवानी की शादी उनके भाई रामकिशोर उपाध्याय के बेटे विनोद से तय की थी। साथ ही, 86 हजार रुपए नकद और 30 हजार रुपए खाते में जमा कराए थे। इसके बाद दोनों परिवारों को ठगी का अहसास हुआ। इसकी शिकायत दीक्षित ने कैमोर पुलिस से की। पुलिस ने बताया कि बबीता तिवारी, केशव प्रसाद साकेत, अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि बबीता तिवारी का भाई केशव प्रसाद का पूरा नाम केशव प्रसाद पुत्र रामसजीवन साकेत निवासी करकोठी गांव सभापुर सतना है। वहीं, भाई दीपक का नाम दीपक पुत्र शिवराम चौधरी निवासी बर्ती गांव रामपुर बघेलान सतना है। दुल्हनों का नाम साधना पुत्री रमेश तिवारी और शिवानी पुत्री राकेश त्रिपाठी निवासी टिकुरी गांव थाना कोटर सतना है। वही शादी के एक दिन पहले ही सभी फरार हो गए। पुलिस ने दुल्हनों की फर्जी मां, मामा और दो दलालों को गिरफ्तार कर लिया है।

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