25 साल की नौकरी में एक पटवारी ने करीब दो करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की अर्जित
पटवारी ने पाश इलाकों में मकान, दुकान सहित फ्लैट भी बनाए।
इसकी जानकारी इंदौर लोकायुक्त को लगी और टीम ने पटवारी के चार स्थानों पर एक साथ छापेमार कार्रवाई कर दी।
यह संपत्ति हुई उजागर
गौरीधाम कालोनी में आलीशान तीन मंजिला मकान
साढ़े चार लाख रुपये नगद, ढाई लाख रुपये के सोने और 60 हजार के चांदी के आभूषण
दामोदर कॉलोनी इंदौर में छह दुकान
खरगोन के राधावल्लभ मार्केट में एक दुकान
ईश्वरी नगर में तीन मंजिला मकान
एक चार पहिया वाहन
मुलठान में 11 एकड़ भूमि, दो निर्माणाधीन मकान
ग्राम मोघन तहसील गोगावां में तीन जगह जमीन बहन के नाम
ग्राम महुमांडली तहसील गोगावां में जमीन बहन के नाम
ग्राम बिस्टान में चित्तौडग़ढ़-भुसावल राजमार्ग पर भूखंड एवं उस पर दुकान निर्माण
आठ बैंक खातों की जांच बाकी
बहनोई के नाम पर एक टाटा इंडिका वाहन
संवाददाता अतुल अग्रवाल ” HS NEWS ” हल्द्वानी | विश्वनीय सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर खरगोन – इंदौर से मिल रही है जानकारी के मुताबिक




लोकायुक्त पुलिस डीएसपी प्रवीण बघेल, संतोष भदौरिया के नेतृत्व में 22 सदस्यीय टीम ने शहर के दो ठिकानों पर संपत्ति की जांच शुरू की। डीएसपी प्रवीण बघेल ने बताया कि गोगावां तहसील के पटवारी हल्का नंबर 36 घट्टी में पदस्थ पटवारी जितेंद्र सोलंकी के खिलाफ अनुपातहीन संपत्ति की शिकायत की गई थी। इसी के आधार पर खरगोन, मुलठान और इंदौर में एक साथ करीब 50 सदस्यीय टीम ने जांच शुरू की।

जानकारी के मुताबिक जिले की गोगावां तहसील के हल्का नंबर 36 में पदस्थ पटवारी करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक निकला। भ्रष्टाचार से खड़ी की गई इस संपत्ति को गुरुवार लोकायुक्त पुलिस ने उजागर किया है। लोकायुक्त टीम ने तड़के 5 बजे एक साथ पटवारी के चार ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। करीब नौ घंटे चली सर्चिंग में पटवारी के पास दो करोड़ रुपये मूल्य के चार मकान, सात दुकान, साढ़े चार लाख रुपये, जेवर की संपत्ति मिली है। यह संपत्ति पटवारी ने अपने नाम सहित बहनों के नाम पर ले रखी थी। अफसरों के मुताबिक, इंदौर की प्रापर्टी, बैंक लॉकरों, आठ पासबुक सहित अन्य जांच बाकी है। यह अनुपातहीन संपत्ति और बढ़ सकती है।
मकान का इंटीरियर देख रह गए दंग
लोकायुक्त टीम ने बताया कि कार्रवाई के दौरान जब मकान का निरीक्षण किया तो टीम दंग रह गई। हर कमरा एयर कंडीशन से लैस, मोड्यूलर किचन, महंगा फर्नीचर, छत सहित कमरों का महंगा इंटीरियर आदि। हर कमरे में महंगी सजावट, उच्च स्तर की सामग्री देखी गई। वहीं, अभी लोकायुक्त की गणनना जारी है।
1998 में मिली थी अनुकंपा नियुक्ति

डीएसपी बघेल ने बताया कि जितेंद्र को 1998 में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। वर्तमान में 25 साल का सेवा काल हो चुका है, जिसमें अनुमानित 60 लाख रुपये की आय वेतन से हुई है। वहीं, जांच में इनके पास से लगभग एक करोड़ 71 लाख की संपत्ति का फिलहाल खुलासा हो चुका है। फिलहाल जांच जारी है।
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