हल्द्वानी काठगोदाम छतिग्रस्त रेलवे ट्रैक ( पटरी ) ट्रेनों का संचालन रेलवे मत्रालय को किसी बड़े हादसे का इंतज़ार
शंटिंग लाइन टूटने के नुकसान
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मुरादाबाद-काठगोदाम के बीच चलने वाली दो पैसेंजर ट्रेन लालकुआं से चल रही।
ट्रेनों की शंटिंग में पहले 30 मिनट लगते थे। अब दो घंटे का समय लग रहा है।
इंजन से एक बार में छह कोच ही जोड़े जा रहे हैं।
सोमवार, मंगलवार व गुरुवार को काठगोदाम आने वाली देहरादून एक्सप्रेस हल्द्वानी से चल रही।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन नहीं हो सका।
टूरिज्म को मिलता बढ़ावा
दिल्ली-काठगोदाम के बीच वंदे भारत चलने से कुमाऊं में टूरिज्म को बढ़ावा मिलता।
दिल्ली के लोग काठगोदाम पहुंचकर नैनीताल, जिम कार्बेट के साथ ही अल्मोड़ा व अन्य जिलों को जा सकते थे।
रेलवे की आय बढ़ती और कम समय में दिल्ली व काठगोदाम का सफर होता।
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” HS NEWS ” ATUL AGARWAL – HALDWANI | > 160 की रफ्तार से दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का गढ़वाल मंडल में देहरादून से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू हो चुका है। कुमाऊं मंडल में काठगोदाम से भी यह ट्रेन चलनी थी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार देहरादून व काठगोदाम में ट्रेनें एक साथ चलनी थी और दोनों ट्रेनों का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करना था।
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गौला नदी में अवैध खनन इसी गति से चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब अवैध खनन के चलते छतीग्रस्त होती रेलवे लाइनों पर काठगोदाम – हल्द्वानी रेलवे स्टेशनों तक ट्रेनों का संचालन रेल मंत्रालय द्वारा सुरक्षा की दृस्टि से प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाने पड़े >
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हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में करोड़ो की लागत से बनी ( विधुतीकरण ) इलेक्ट्रिक लाइने बनाई गई > ट्रेनों को बढ़ाने के लिये रेलवे को विस्तारीकरण के लिए भूमि की आवश्यकता है , जो रेलवे पास रेलवे विस्तारीकरण के लिए उपयुक्त भूमि नहीं है उपलब्ध जिसके चलते रेलवे बोर्ड ने कुमाँऊ के प्रवेश द्वार हल्द्वानी रेलवे स्टेशन को पिछले कई वर्षो से लम्बी दूरी की ट्रेनों से रखा वंचित , यदि बात की जाए विगत पिछले कई दशकों से – काठगोदाम से आगरा फोर्ट – लखनऊ -कासगंज – बरेली का संचालन बंद ज़िम्मेदार ?
कुमॉऊ के प्रवेश द्वार हल्द्वानी \ काठगोदाम की जनता के साथ पूरे कुमाऊं की जनता के ख्वाब 160 की रफ्तार से दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिले। लोगों की इसी अपेक्षाओं के अनुरूप सरकार ने काठगोदाम से ट्रेन चलाने के लिए सर्वे कराया, मगर काठगोदाम में टूटी शंटिंग लाइन ने वंदे भारत एक्सप्रेस का रास्ता रोक दिया है।
19 अक्टूबर 2021 में गौला नदी उफान पर आई थी। इस दौरान काठगोदाम में रेलवे की शंटिंग लाइन बह गई थी। लंबे इंतजार के बाद दो महीने पहले शंटिंग लाइन की मरम्मत के लिए 15 करोड़ रुपये जारी हो गए। वन विभाग ने जमीन भी दे दी, मगर अभी तक शंटिंग लाइन नहीं बन सकी।
वर्ष 2022 में भारी मानसून की बारिश में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में करोड़ो की लागत से बनी ( विधुतीकरण ) इलेक्ट्रिक लाइन के पोल गौला नदी समा गए थे ऐसे में सवाल ये पैदा होता है , आगामी वर्षो में हल्द्वानी \ काठगोदाम रेलवे स्टेशन ट्रेनों के संचालन सुरक्षा की दृस्टि से उपयुक्त है
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सबसे अहम सवाल गौला नदी में दशकों से चलते अवैध खनन की भेंट चढ़ गई हल्द्वानी \ काठगोदाम रेलवे ट्रैक लाइने यदि बात की जाए तो पिछले कई दशकों से अवैध खनन माफियाओ \ कारोबारियों की कारगुज़ारी के परिणाम भुगत रही है कुमाँऊ की जनता गढ़वाल मंडल में देहरादून से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू हो चुका है। कुमाऊं मंडल में काठगोदाम से भी यह ट्रेन चलनी थी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार देहरादून व काठगोदाम में ट्रेनें एक साथ चलनी थी इसके लिए रेलवे की टीम काठगोदाम रेलवे ट्रैक में सर्वे के लिए पहुंची तो शंटिंग लाइन टूटी मिली।
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अधिकारियों ने जून तक शंटिंग लाइन सही करने का दावा किया था। ऐसे में माना जा रहा था कि जून अंत या जुलाई पहले सप्ताह तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल काठगोदाम से चल सकती है, लेकिन शंटिंग लाइन नहीं बन सकी। कुमाऊं के बीच में होने से काठगोदाम वंदे भारत एक्सप्रेस संचालन के लिए बेहतर जगह है। वहीं इस ट्रेन के लालकुआं व रामनगर से भी चलने की चर्चा तेज है। हालांकि, रेलवे के बड़े अधिकारी अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में नया ईआइ (इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग) पैनल रूम बनकर तैयार हो गया है, जो पूरी तरह से कंप्यूटर से लैस है। अभी तक रेलवे सालों पुराने ढर्रे से चल रहा था, मगर कुछ दिनों बाद इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग से संचालित होगा।
15 करोड़ मिलने के बाद भी नहीं बनी शंटिंग लाइन
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन काठगोदाम से चलनी है। शंटिंग लाइन बहने से कई ट्रेनों पर असर पड़ा है। शंटिंग लाइन बनेगी तो इसके बाद ही वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी।
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