प्रदेश संवाददाता अतुल अग्रवाल ” भारतीय मानवाधिकार परिवार ” हल्द्वानी | विश्व में भारत एकमात्र देश है हमारे देश मे विश्व का सबसे रेलवे का नेटवर्क है ! वही यदि बात की जाए देश के बड़े महानगरों एवम राज्यो में सर्वाधिक अवैध अतिक्रमण रेलवे की भूमि पर ही होते है ?




कई दशकों से रेल मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार रेलवे की भूमि पर वोट बैंक की राजनीति करने वालो के संरक्षण में झुग्गी झोपड़ी एवम पक्के अवैध निर्माण कार्यो को बढ़ावा दिया जाता है ! सबसे अहम बात जो वोट बैंक की राजनीति को दर्शाती है ! रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण करने वालो को वो सभी जरूरी दस्तावेज जैसे राशन कार्ड ,फ़ोटो पहचान पत्र , आधार कार्ड सड़के बिजली पानी की सुविधाये मुहैय्या कराई जाती है
यदि बात की जाए रेल मंत्रालय एवम रेलवे अधिकारियों के द्वारा समय समय पर बड़ी कार्यवाही करते हुए ऐसे अतिक्रमण को हटाया भी जाता है

सबसे बड़ी विडंबना देखने को मिलती है जब भी रेलवे अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करता है , राजनैतिक पार्टियों द्वारा अपने वोट बैंक को कायम रखने के लिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का विरोध करते नज़र आते है , जिसके कारण रेल मंत्रालय की हज़ारो एकड़ भूमि अतिक्रमण की जद में आने के चलते रेलवे के विस्तारीकरण में अतिक्रमण सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आता है

सबसे अहम बात ये है कि रेल मंत्रालय के नियमानुसार कोई भी अन्य सरकारी विभाग रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण करने वालो को मूलभूत सुविधाओ के नाम पर ( सड़के , पथ प्रकाश , पेयजल,सीवर ) एवम अन्य योजनाओं के नाम पर सरकारी धन से किसी भी कार्य नही करवा सकता , परन्तु राजनैतिक पार्टियों की वोट बैंक की राजनीति के दवाब में सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुऐ कार्य किये जाते है

सूत्रों के अनुसार विगत कुछ वर्षों पूर्व अनेको महानगरों में रेलवे की भूमि पर काबिज अतिक्रमणकारियो को खदेड़ते हुए रेलवे ने अपनी भूमि कराई खाली
अभी इसी महीने एक बड़ा खुलासा उत्तराखण्ड राज्य के ऋषिकेश में प्रकाश में आया जहा हज़ारो एकड़ रेलवे की भूमि पर भू माफियाओं द्वारा पक्के भवनों का अवैध निर्माण करवा करोडो में बेच दिए गए , जैसे ही समाचार पत्रों के माध्यम से खुलासा हुआ तब जागा रेलवे विभाग अब कर रहा है , अतिक्रमणकारियो के खिलाफ कार्यवाही करने की बात

वही अपने शहर हल्द्वानी में भी वर्ष 2012 से चुनावी जिन्न रेलवे की भूमि का मुद्दा हर चुनावो में बोतल से बाहर निकलता है , चुनाव संम्पन्न होते ही वापस बोतल में कैद हो जाता है , यदि बात की जाए विधानसभा 2022 के चुनावों के आते ही बड़ी ज़ोर शोर से रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण का जिन्न बोतल से बाहर निकला एवम मामला कोर्ट में विचाराधीन है ,हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वालो पक्ष पर सुनवाई जारी है !

शासन प्रशासन केवल लोक निर्माण विभाग के द्वारा लगातार रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर मीटिंगों का दौर जारी है , विभागों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए संसाधनों के टेंडर भी किये गए है , वही जनता में सुगबुगाहट है क्या इस बार रेलवे करता है अपनी भूमि को खाली करवाने की कार्यवाही या पुनः अतिक्रमण हटाने का शगुफ्ता ठंडे बस्ते ???

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 हालात-ए-शहर के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

न सत्ता पक्ष, न विपक्ष, केवल जनतापक्ष *हमारा यू ट्यूब चैनल * हालात-ए-शहर *सबक्राइब करे बेल आइकॉन दबाना न भूले और देखते रहे खबरे हल्द्वानी से *अतुल अग्रवाल हालात-ए-शहर वेबसाइट www.halateshahar.in मेल आईडी atulagarwal9927@gmail.com न्यूज कवरेज़ /विज्ञापन के लिये 9927753077 * 6399599595