वह प्रगटयो मर्द अगमड़ा वरयाम अकेला,वाहो वाहो गोंबिन्द सिंघ जी,आपे गुर चेला

वह प्रगटयो मर्द अगमड़ा वरयाम अकेला,वाहो वाहो गोंबिन्द सिंघ जी,आपे गुर चेला
ख़बर शेयर करें -

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | साहिब श्री गुरु गोंबिन्द सिंघ जी के प्रकाश पुरब के उपलक्ष्य में आज छटी व आखरी प्रभातफेरी प्रातः साढ़े पांच बजे से गरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा से शुरू हुई। प्रभातफेरी मीरा मार्ग, बरेली रोड, धरम पूरा होते हुए वापस गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा रामलीला मैदान हल्द्वानी पर ही समाप्त हुई। शबदी जत्थों के रूप में संगत ने गुरुजस का गायन किया। संगत ने “गोबिन्द हम ऐसे अपराधी”, “तुम हो सब राजन के राजा” और “गोबिन्द मिलन की ऐहो तेरी बरीया” आदि शबदों का गायन किया।

यह भी पढ़ें 👉  अवैध खनन कारोबारियों एवम बिना मानचित्र के निर्माण करने वालो खिलाफ की सख्त कार्यवाही होगी-आयुक्त दीपक रावत>VIDEO

वातावरण बोले सो निहाल, सत श्री अकाल, देग तेग फतेह,पंथ की जीत एवं झूलते निशान रहे ,पंथ महाराज के जयघोष से गूंज उठा ।आखरी प्रभात फेरी में बच्चो ,बुजर्ग संगत एवं खास कर सिख महिलाओ ने बड़ी संख्या में हाज़री भारी।संगत ने घरों को बिजली की मालाओं से सजा कर, आतिशबाजी कर व प्रभातफेरी पर पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा पहुंच कर समूह संगत ने कीर्तन दरबार में हाज़िरी भरी।अध्य्क्ष रंजीत सिंघ द्वारा प्रभातफेरी में पहुंची समस्त संगत का व प्रभात फेरी इंचारजो का कमेटी की तरफ से धन्यवाद किया गया ।महामंत्री जगजीत सिंघ ने अगले कार्यक्रम की जानकारी दी ।अंत में मुख्य ग्रंथी अमरीक सिंघ जी ने अरदास कर प्रभातफेरी का समापन किया।

यह भी पढ़ें 👉  श्री खाटू श्याम मंदिर मुखानी में अन्नकूट का विशाल भंडारा

मुख्य आयोजन
3 जनवरी को नगर कीर्तन सुबह 11 बजे निकलेगा।

5 जनवरी को धार्मिक दीवान सुबह 9.30 से 3 बजे तक सजेंगे।

गुरु का लंगर अटूट बरतेगा।

यह भी पढ़ें 👉  यूसीसी विधेयक से जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग में भेदभाव करने वाले व्यक्तिगत में एकरूपता लाने से देश की अखंडता और एकता और मजबूत होगी -अजय भट्ट

प्रभातफेरी में अध्यक्ष रंजीत सिंघ,कमेटी मेंबर नरेंद्रजीत सिंघ रोडू ,अमरजीत सिंघ,रविंदरपाल सिंघ,तजिंदर सिंघ,बलविंदर सिंघ,अमनपाल सिंघ,जगमोहन सिंघ,मनप्रीत सिंघ,जसपाल सिंघ ,अवनीत सिंघ, हरजीत सिंघ, गुरमन सिंघ, जसप्रीत सिंघ, हरविंदर सिंघ, सविंदर सिंघ, जसप्रीत सिंघ, हरप्रीत सिंघ, रमनजीत सिंघ, चरनजीत सिंघ, अमरजोत सिंघ, प्रभजोत सिंघ, हरजोत सिंघ, मनमीत सिंघ, जसनीत सिंघ, परमजीत सिंघ आदि ने सहयोग किया।