इन्टरार्क कंपनी प्रबंधक का अड़ियल रुख बरकरार गैरकानूनी ठेका प्रथा जारी, विवादों को सुलझाने के लिए कंपनी प्रबंधक द्वारा नहीं किये जा रहे है कोई प्रयास।

इन्टरार्क कंपनी प्रबंधक का अड़ियल रुख बरकरार गैरकानूनी ठेका प्रथा जारी, विवादों को सुलझाने के लिए कंपनी प्रबंधक द्वारा नहीं किये जा रहे है कोई प्रयास।
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18 नवंबर 2022 को किच्छा धरना स्थल पर होने वाले मजदूर किसान महापंचायत के प्रचार प्रसार में जुटे श्रमिक व सहयोगी संगठनों के लोग।

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | इन्टरार्क कंपनी प्रबंधक का अड़ियल रुख निरंतर जारी है साथ ही गैर कानूनी तरीके से श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन करते हुए फैक्ट्री के दोनों प्लांटों में ठेका प्रथा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है और अप्रशिक्षित ठेका मजदूरों के जान को जोखिम में कंपनी प्रबंधकों द्वारा जानबूझकर डाला जा रहा है।
वार्ताओं के दौरान कंपनी प्रबंधकों द्वारा श्रम विभाग के दफ्तर में कहा जाता है की हमारे फैक्ट्री परिसर में कोई भी ठेका श्रमिक मुख्य उत्पादन गतिविधियों में नियोजित नहीं किया गया है ना तो कार्य करता है जबकि जमीनी हकीकत यह है कि कर्मचारी अप्रशिक्षित होने के बावजूद डेंजर जोन में काम करने को मजबूर है कंपनी प्रबंधक का डर एवं प्रभाव उन मजदूरों पर हावी है और कंपनी प्रबंधक लगातार कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए है।

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स्थाई मजदूरों के द्वारा जुझारू आंदोलन के बाद भी कंपनी प्रबंधक मजदूरों से विवादों को सुलझाने के प्रयास में एक भी कदम आगे नहीं बढ़ा रहा है और अपनी हठधर्मिता पर अब भी कायम है। कंपनी प्रबंधक के ऐसे स्थितियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार किस तरीके से जड़े जमा चुका है और कानूनों की पालना और कानून महज कागज के पन्नों तक ही सीमित रह गए हैं गरीबों के लिए कानून की परिभाषा अलग है और अमीरों के लिए कानून महज कागज में लिखा शब्द जिसको मानना ना मानना उद्योगपतियों के ऊपर निर्भर करता है हमारी सरकार ने ऐसे सोच पर मुहर लगा दी है पूर्ण रूप से निष्क्रिय रहकर।
18 नवंबर 2022 को किच्छा के धरना स्थल पर होने वाले मजदूर किसान महापंचायत की तैयारी एवं प्रचार प्रसार के अंतर्गत इन्टरार्क के मजदूर व सहयोगी संगठनों के लोग महापंचायत को सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं और कंपनी प्रबंधकों की मनमानी को अपना जवाब 18 नवंबर को होने वाले महापंचायत के माध्यम से देने को तैयार है।
सभा के दौरान मजदूर नेताओं द्वारा कहा गया कि शासन प्रशासन की मिलीभगत से कंपनी प्रबंधकों द्वारा मजदूरों का शोषण चरम सीमा तक करने के बाद अब कुछ शेष नहीं बचा है अब बारी मजदूरों की है और महापंचायत के दिन मजदूर कंपनी प्रबंधक को अपना ठोस जवाब निश्चित ही देंगे।
सभा के दौरान सैकड़ों मजदूर उपस्थित रहे।