इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर के अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी

इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर के अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी
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मजदूरों, किसानों व सहयोगी संगठनों में है आक्रोश।
कंपनी प्रबंधक एवं शासन प्रशासन ने मजदूरों के अधिकारो पर कुठाराघात करने के लिए छेड़ा अनैतिक युद्ध

मजदूर किसान एकता जिंदाबाद। हम अपना अधिकार मांगते
नहीं किसी से भीख मांगते ।
जब तक समाधान नहीं तब तक आराम नहीं।

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | हमारे प्यारे भारत देश के श्रम कानूनों को ताक पर रख कर गैर कानूनी ठेका प्रथा अब भी है जारी , अनगिनत बार शिकायत करने पर भी जिला प्रशासन और श्रम अधिकारी नहीं लगा रहे हैं कंपनी प्रबंधक पर लगाम।
18 नवंबर 2022 को आयोजित होने वाली मजदूर-किसान महापंचायत की युद्धस्तर पर तैयारी शुरू
पिछले 4 वर्षों से अपने अधिकारों एवं शोषण उत्पीड़न के विरोध में कंपनी प्रबंधक के खिलाफ मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था । 16 अगस्त 2021 से फैक्ट्री के बाहर मजदूर परिवार संग 24 घंटे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।परंतु फैक्ट्री मालिक एवं शासन प्रशासन मजदूरों के उत्पीड़न को रोकने के बजाय उनके अधिकारों को दिलाने के बजाय लगातार कठोर एवं क्रूरता पूर्वक व्यवहार कर रहे है।


हद तो तब हो गई जब 4 अक्टूबर 2022 को मजदूरों को समर्थन देने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत मजदूर किसान महापंचायत में उपस्थित होकर मजदूरों के लिए आगे आंदोलन करने की बात कही तो पूंजी परस्त लोगों को एवं उनके चाटुकारों को यह बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने कंपनी प्रबंधकों के इशारे पर मजदूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह को फोन करके सिर काटकर उनकी हत्या करने की धमकी तक दे दी ।
मजदूर पिछले 13 महीनों से लोकतांत्रिक तरीके से जिन अधिकारों को वापस पाने की बात कर रहे हैं
भारतीय संविधान के अनुसार बनाए गए कानूनों में दिए गए अधिकारों को पाने की बात कर रहे हैं ,तो कंपनी मालिक व कंपनी प्रबंधन शासन प्रशासन के साथ गठजोड़ कर बिल्कुल उसके विरुद्ध अपनी नीति बनाकर के मजदूरों को उलझाने एवं आंदोलन को कुचलने का काम करने में लगे हुए हैं।
जो कि इस समाज के लिए बहुत ही घातक परिणाम लेकर सामने आने वाला है।
गरीब असहाय जनता को कानून एवं न्याय पर भरोसा होता है परंतु इस भरोसे को चकनाचूर करने वाले यह कानून के रक्षक ही जब भक्षक बने हुए हैं तो समाज का गरीब वर्ग किसकी ओर मुंह करके देखेगा।
कमजोर व गरीब अगर अपने नैतिक बल को समेट कर आगे बढ़ता है तो उसको विकृत मानसिकता के लोगों द्वारा डराया और धमकाया जाता है। सरकारी तंत्र का उसमें पूर्ण सहयोग रहता है ।तो वह प्रताड़ित व्यक्ति या समूह या वर्ग क्या करें यह बहुत ही गंभीर सवाल एवं सोचनीय विषय बन जाता है।
इन्टरार्क मजदूर संगठन के अध्यक्ष को दी गई धमकी से सिडकुल के मजदूरों , ट्रेड यूनियनों, सहयोगी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं समूचे किसान वर्ग में आक्रोश की लहर दौड़ रही है।
फैक्ट्री मालिक,प्रबंधक एवं मजदूरों की पारम्परिक आम लड़ाई में फैक्ट्री मालिक व प्रबंधक अगर मजदूर नेताओं को जान से मारने पर या मरवाने पर आमादा हो जाएंगे तो यह गंभीर विषय बनता है कि उनकी सोच किस तरह की है ।और ऐसे सोच को संरक्षण एवं बल कहां से प्राप्त हो रहा है । क्या यह शासन में बैठे सरकारों एवं सरकारीअधिकारियों कि अपनी जिम्मेदारी नहीं बनती है की ऐसी परिस्थितियों में तुरंत कठोर कार्रवाई करते हुए समाज को एवं समाज के हर वर्ग को अपनी ओर से एक भरोसा देने का काम करें?
भारत के संवैधानिक अधिकारों में दिए गए कानूनों एवं श्रम कानूनों की घोर अवमानना करते हुए कंपनी प्रबंधक निरंतर गैर कानूनी ठेका प्रथा को बढ़ावा देते हुए अप्रशिक्षित मजदूरों को अंग भंग होने के लिए खतरनाक मशीनों एवं मुख्य उत्पादन गतिविधियों में नियोजित कर रहे हैं जबकि श्रम कानूनों के अनुसार मुख्य उत्पादन कार्यों को केवल स्थाई रूप से नियोजित श्रमिक ही कर सकते हैं ।और इस समय स्थाई श्रमिक सामूहिक रूप से कार्य बहिष्कार पर है जिसकी सूचना संगठन के द्वारा श्रम अधिकारी महोदय को अनगिनत बार दी जा चुकी है ।परंतु बहुत ही चिंता का विषय है कि इतनी बार शिकायत देने के बाद भी श्रम अधिकारी महोदय द्वारा आज तक कंपनी प्रबंधक के इस गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने कि कोई भी कोशिश नहीं की गई है। कंपनी प्रबंधक द्वारा ऐसे गैर कानूनी कृत्य आज भी बदस्तूर जारी हैं ।जोकि आने वाले समय में एक भयानक स्थिति पैदा करने को आमंत्रित कर रहा हैं।
आज की सभा में मजदूरों द्वारा इन्हीं विषयों पर चर्चा की गई और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही ना होने पर उग्र आंदोलन करने की बात तय की गई सभा में सैकड़ों मजदूर अपने परिवार संग उपस्थित रहे। और 18 नवंबर 2022 को किच्छा में आयोजित होने वाली मजदूर किसान महापंचायत के प्रचार प्रसार को जुझारू योजना बनाई गई ।औऱ स्तर पर पोस्टर और पर्चें ,फ्लेक्स ,होर्डिंग्स और माइक से जुझारू प्रचार करने को ठोस योजना बनाई गई।

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