राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत रोकथाम के उपायों पर कार्यशाला आयोजित

राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत रोकथाम के उपायों पर कार्यशाला आयोजित
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | आज शनिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के टी0बी0 एवं श्वास रोग विभाग एवं कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से मेडिकल कॉलेज परिसर के लेक्चर थियेटर में टी0बी0 रोग की राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत रोकथाम के उपायों पर कार्यशाला आयोजित की गयी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ0 दीपक कुमार प्रजापत पल्मोनरी क्रिटिकल केयर, एलर्जी स्लीप मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल नोयडा व नई दिल्ली ने कहा कि भारत के देशव्यापी टी0बी0 सर्वेक्षण (2019-2021) के अनुसार देश की कुल आबादी के 22 प्रतिशत लोग टी0बी0 से संक्रमित है, तथा देश में प्रतिलाख की आबादी में 312 (286-337) टी0बी0 रोगी पाये जाते है। देश में प्रतिलाख आबादी पर सबसे अधिक रोगी 747 (510-984) देश की राजधानी दिल्ली एवं सबसे कम रोगी 137 (76-198) गुजरात में है, जबकि पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमांचल एवं जम्मू कश्मीर में यह संख्या 378 (169-588) है।

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डा0 प्रजापत ने कहा कि भारत में टी0बी0 उन्मूलन के लिए यह आवश्यक है कि टी0बी0 संक्रमित लोगों का संक्रमण अवस्था में ही उपचार कर लिया जाये, जिससे उनका संक्रमण टी0बी0 रोग में परिवर्तित न हो।
डा0 प्रजापत ने बताया कि टी0बी0 संक्रमण के बाद लगभग 5-10 प्रतिशत रोगी अपने जीवनकाल में टी0बी0 रोग से ग्रसित हो जाते है। इसके अतिरिक्त सामान्य लोगों की तुलना में एच0आई0वी0 पीड़ित, मधुमेह से पीड़ित एवं धूम्रपान करने वाले लोगों में टी0बी0 रोग होने की अधिक संभावना होती है, इसी प्रकार बच्चों में, कुपोषित लोगों में, मदिरापान करने वालें, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले टी0बी0 संक्रमित लोगों में, स्वास्थ्य कर्मियों में एवं प्रदूषित वातावरण में कार्य करने वाले लोगों में भी संक्रमण के बाद टी0बी0 रोग होने का खतरा अधिक होता है।

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डा0 प्रजापत ने कहा कि यदि उक्त सभी प्रकार के टी0बी0 संक्रमित लोगों के संक्रमण का समय से टी0बी0 की आइसोनियाजिड नामक दवा से उपचार कर लिया जाये तो उनके टी0बी0 संक्रमण को टी0बी0 रोग में परिवर्तित होने से रोका जा सकता है, जिससे टी0बी0 रोग से होने वाली मृत्युदर एवं देश को इससे होने वाले सामाजिक एवं आर्थिक नुकसान से बचाने के साथ-साथ भारत के वर्ष 2025 तक टी0बी0 उन्मूलन के उद्देश्य को भी पूरा किया जा सकता है।
कार्यशाला में डॉ0 अरूण जोशी, प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज, डा0 जी0एस0 तितियाल चिकित्सा अधीक्षक, डॉ0 राम गोपाल नौटियाल, विभागाध्यक्ष टी0बी0 एवं श्वास रोग विभाग, डा0 साधना अवस्थी विभागायक्ष कम्युनिटी मेडिसिन विभाग डा0 उमेश,, डा0 परमजीत सिंह, डॉ0 हरि शंकर पाण्डेय, डा0 पंकज वर्मा, डा0 रितु रखोलिया, डा0 मोहन तिवारी, डा0 ठक्कर हेमा, डा0 हरप्रीत सिंह, नागेन्द्र प्रसाद जोशी, समेत रेजीडेण्ट चिकित्सक, पी0जी0 व एम0बी0बी0एस0 के छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम में आ0एच0टी0सी0 एवं समस्त विभागीय टीम का सराहनीय योगदान रहा