कूड़े दे ढेर में अपना भविष्य तलाशते बच्चे।



निवर्तमान वर्तमान सरकारो के दावों की खुलती हकीकत।
जहां एक और हमारे देश में नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं वही जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है इसका जीता जागता उदाहरण देखिए, यह वह बच्चे हैं जिनको आज अपना भविष्य बनाने के लिए शिक्षा की अहम जरूरत है लेकिन सरकारों की गलत नीतियों के चलते आज यह बच्चे कूड़े के ढेर में अपना भविष्य खोजते नजर आ रहे हैं क्या यही है हमारे देश में बच्चों का उज्जवल भविष्य एक और सरकारें बड़े-बड़े दावे करती है पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया क्या ऐसे ही हमारा देश आगे बढ़ेगा क्या इन बच्चों का सुनहरा भविष्य बनेगा यह एक बहुत बड़ा सवालिया निशान हमारे सिस्टम निवर्तमान एवं वर्तमान सरकारों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
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