वनभूलपुरा का जिन्न एक बार फिर निकला बाहर

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रेलवे विभाग ने लोगों के घरों में फिर से चस्पा किए बेदखली के नोटिस
1000 से अधिक नोटिस चस्पा किये गये
डबल इंजन की सरकार रेलवे की आड़ में गफ़ूर बस्ती व वनभूलपुरा वासियों उजाड़ने में लगी हैं
दमुवाढूँगा के साँथ- साँथ वनभूलपूरा की हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुँचा के रहेंगे
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि गफुरबस्ती व वनभूलपुरा के हक की लड़ाई को वो अंजाम तक पहुँचा के रहेंगे
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने वहां पहुंचकर लोगों की सुनी आपबीती

हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी। वनभूलपुरा में रेलवे विभाग की ओर से बेदखली के नोटिस चस्पा करने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। सोमवार को रेलवे विभाग की ओर से गफूर बस्ती और आसपास के क्षेत्रों में 1000 से अधिक नोटिस चस्पा कर दिए गए। इसे लेकर लोगों में गहरा रोष रोष फैल गया। देर शाम यहां गफूर बस्ती में लोगों ने बैठक कर रेलवे विभाग और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की। लोगों के घरों में नोटिस चस्पा होने की खबर मिलते ही प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने वहां पहुंचकर लोगों की आपबीती सुनी। उन्होंने कहा कि रेलवे विभाग द्वारा इस तरह से एकतरफा कार्रवाई करना ठीक नहीं है। इससे पहले भी एक बार रेलवे विभाग की ओर से इसी तरह की कार्रवाई की गई थी।

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने रेलवे द्वारा पन्द्रह दिन के अन्दर अतिक्रमण हटाने के लिये दिए गए नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पहले सरकार बताए कि उत्तराखण्ड राज्य की नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार विनियमितिकरण, पुनर्वासन, पनवर्यस्थापन तथा उससे सबंधित व्यवस्थाओं एवं अतिक्रमण निषेध नियमावली, 2016 के क्रियान्वयन हेतु क्या किया गया।
कांग्रेस सरकार द्वारा

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2016 में उत्तराखंड राज्य की नगर निकायों में अवस्थित मलिन बस्तियों के सुधार, विनियमितीकरण, पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थापन तथा उससे संबंधित व्यवस्थाओं एवं अतिक्रमण निषेध नियमावली, 2016 जारी की जिसके बाद मलिन बस्तियों को तीन श्रेणी में वर्गीकृत किया गया। श्रेणी १- ऐसी बस्तियाँ जिन्हें नियमित किया जा सकता है। श्रेणी-२ ऐसी बस्तियाँ जो आंशिक रूप से नियमित की जा सकती है।
श्रेणी-३ ऐसी बस्तियाँ जो नियमित नही हो सकती है और जिन्हें अन्य स्थान पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करानी है।
जिसमें श्रेणी-१ में 5169, श्रेणी-२ में 80, श्रेणी-३ में 6078 परिवारों को चिन्हित किया गया। 17 अक्टूबर 2018 में अधिसूचना जारी कर सरकार ने वादा किया था कि 03 वर्ष के भीतर मलिन बस्तियों एवं झुग्गी झोपड़ियों आदि के रूप में हुए अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण जैसी समस्याओं के समाधान समाधान हेतु सभी संभव प्रयास करेगी जिससे कि उत्तराखंड राज्य के नगर निकायों का सतत एवं नियोजित विकास किया जा सके । अब कुल 6 माह बचे हैं भाजपा सरकार के। सरकार ने मलिन बस्ती वासियों के लिए कुछ नही किया। डबल इंजन की सरकार रेलवे की आड़ में गफ़ूर बस्ती व वनभूलपुरा वासियों उजाड़ने में लगी हैं जो कि गलत है। दीपक बल्यूटिया ने कहा कि गफुरबस्ती व वनभूलपुरा के हक की लड़ाई को वो अंजाम तक पहुँचा के रहेंगे और लोगों को उनके हक दिलवा के रहेंगे।

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अब दमुवाढूँगा के साँथ- साँथ वनभूलपूरा की हक की लड़ाई को अंजाम तक पहुँचा के रहेंगे। पार्षद लईक कुरैशी ने कहा कि वनभूलपुरा और गफूर बस्ती क्षेत्र की जनता के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह हर दम तक क्षेत्र की जनता के लिए संघर्ष करेंगे।

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