सहयोगी मंजु पांडे साहब के हि रहमों करम पर नियुक्ति के पश्चात आजतक सुगम ऑफ़िस में ज़मी हुईं हे कुर्सी पर ?
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | — कुमाऊ के द्वार हल्द्वानी के रजिस्ट्री कार्यालय में प्रत्येक महीने होती है , ज़मीनो की करोडो की रजिस्ट्रीया वही सूत्रों से हुआ कमीशन के खेल का बड़ा खुलासा एक ओर प्रदेश की भाजपा सरकार के जीरो टॉलरेंस स्वच्छ प्रशासन व भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लाख बड़े बड़े दावो के बाद भी प्रदेश में भ्रष्टाचार नासूर बनता जा रहा है एव थमने का नाम नहीं ले रहा है ।सरकार का शासन प्रशासन मैं उच्च पदों पर बैठे नौकरशाहों पर कोई अंकुश नहीं है। नतीजा उच्च पदों पर बैठे यह अधिकारी पूरी तरह से अपनी हठधर्मिता पर उतर आए हैं। आलम यह है कि जनता का कोई भी काम बिना लिए दिए नहीं हो रहा है। और जनता न चाहते हुए भी उनकी मनमर्जी झेलने को मजबूर है ।यही हल्द्वानी तहसील की बात करें तो सब रजिस्टार ऑफिस में पूरी तरह भ्रष्टाचार का राज कायम है। जनता को अपने मामूली से मामूली कार्य के लिए भी नीचे से लेकर ऊपर तक कमीशन देना पड़ रहा है। यहां जमीन की रजिस्ट्री कराने आए एक सज्जन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सब रजिस्टार ऑफिस में रजिस्ट्री 2% अच्छी खासी रकम देनी पड़ी । जिसमें कमीशन के नाम पर तहसील कर्मियों द्वारा लिया जाने वाला 2% शुल्क भी शामिल है ।उन्होंने बताया कि जब उन्होंने उगाए जाने वाले 2% शुल्क के बारे में जानना चाहा तो अर्जी निवेश लेखक ने उन्हें जमीन के कागज हाथ में थमा ते हुए टका सा जवाब देते हुए कहा कि यदि आप पैसा नहीं दे सकते तो आप अपने कार्य के लिए किसी और को ढूंढ लीजिए ।इस 2% पर कार्यालय में ऊपर से लेकर नीचे तक कोई बोलने को तैयार नहीं है। सूत्र बताते हैं कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में अधीनस्थों को ऊपर से ही आदेश है कि किसी भी जमीन की रजिस्ट्री पर 2% कमीशन सुविधा शुल्क लिए बिना रजिस्ट्री के कागज नहीं सौंपने हैं.। यह सारा खेल तब खेला जा रहा है जबकि चंद कदमों की दूरी पर परगना अधिकारी हल्द्वानी का कार्यालय है ।लेकिन सब रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों को ना तो किसी बड़े अधिकारी का खौफ है ।और ना ही उन्हें कायदे कानून का ही डर है ।एक तरफ से यह खेल लंबे समय से धड़ल्ले से यूं ही संचालित किया जा रहा है ।और जनता अपने खून पसीने की कमाई को काम ना होने के डर से कमीशन खोरा के हाथों में सौपने को मजबूर है। कमीशन बाजी का यह खेल यहीं तक सीमित नहीं है सब रजिस्ट्रार कार्यालय में इस पूरे खेल को संचालित करने वाले एक बड़े अफसर के बारे में बताया जा रहा है। कि उसके प्रॉपर्टी के धंधे से जुड़े लोगों से सीधे संबंध होने के साथ ही उसके कई असामाजिक तत्वों से भी संबंध है ।जो उसके एक इशारे पर किसी भी कार्य को अंजाम दे सकते हैं इस पूरे कार्य को संचालित करने वाले इस बड़े अफसर के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसके दिल्ली वह राजधानी देहरादून में बैठे राजनीतिक नेताओं से सीधे संबंध है ।जो इस कार्य में राजनीतिक संरक्षण प्रदान करते हैं ।ऊंचे रसूख के चलते यह अधिकारी शासन प्रशासन में बैठे किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों की जरा भी परवाह नहीं करता नही तो क्या वजह है कि जिले में जिलाधिकारी वह तहसील में एसडीएम स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी के बाद भी कमीशन का खेल लंबे समय से बड़े ही संगठित ढंग से उनकी नाक के नीचे ही संचालित किया जा रहा है। और उन्हें इसकी भनक तक नहीं है। कुल मिलाकर हल्द्वानी में जमीन खरीदने का मतलब जमीन के दलालों से लेकर तहसील में बैठे एजेंटों तक से ग्राहक दोनों ही हाथों लूटता रहता है ।कहीं बढ़िया जमीन के दाम पर तो कहीं तमाम तरह की अड़चने दिखाकर उसे दबाव में लेने का कार्य किया जाता है ।तो कभी रजिस्ट्री के एवज में शुल्क के नाम पर उससे जबरन 2% की उगाही की जाती है। सरकार के इन रूटीन के महकमे मैं आए दिन आम आदमी का कोई ना कोई वास्ता पढ़ता रहता है। हालांकि प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार व उसके मुखिया जीरो टॉलरेंस व साफ सुथरा प्रशासन प्रदेश में होने का अपना राग आए दिन ऊंचे मंचो से अलापते रहते हैं । लेकिन इन महकमों की जमीनी हकीकत क्या है ।इससे सरकार वह उसके नुमाइंदे पूरी तरह अंजान बने हुए हैं ।और जनता ना चाहते हुए भी इन में कार्यरत कर्मचारियों व अफसरों के हाथों लूटने को मजबूर है। दूसरी तरफ सरकार वह उसके नुमाइंदे हैंकि प्रदेश में सब कुछ ठीक-ठाक चलने की दुहाई आए दिन देते रहते हैं. कुल मिलाकर स्थिति अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी बनी हुई है।
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मंदिर है प्रसाद तो चढ़ाना ही पड़ेगा – कमीशन बाजी के इस पूरे खेल को संचालित कर रहे सब रजिस्ट्रार कार्यालय हल्द्वानी के इस बड़े रसूखदार अफसर के बारे में यह प्रचलित है कि वह बिना लिए दीए कोई कार्य नहीं करता इतना ही नहीं वह आपने अधीनस्थों से कई बार यह बात कहते सुना गया कि यह कार्यालय तो मंदिर है इसलिए यहां आने वाले को प्रसाद तो चढ़ाना ही पड़ेगा ।
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पूर्व में डीएम ले चुके हैं संज्ञान कुछ माह पूर्व सब रजिस्ट्रार कार्यालय में खेले जा रहे इस कमीशन बाजी के खेल को लेकर स्वर जरूर फूटे थे। उस समय जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल ने तत्काल इस पर संज्ञान लिया था ।डीएम के संज्ञान लेने के बाद कुछ दिनों तक आम जनता को रजिस्ट्री की एवज में किसी तरह का सुविधा शुल्क नहीं देना पड़ा था ।लेकिन कुछ दिनों के अंतराल के बाद कमीशन का यह खेल फिर से खुलेआम खेले जाने लगा है ।जोकि सब रजिस्टार हल्द्वानी की कार्यशैली को दर्शाता है।जिसमें पूरा साथ देती हे उनकी सहयोगी मंजु पांडे मैडम जो कि साहब के हि रहमों करम पर जब से हल्दवनी आयी हे इसी सुगम ऑफ़िस में अपनी सीट जमाईं हुईं हे | जमीन के रजिस्ट्री से जुड़े कार्यालयों में किस तरह मुनाफे को लेकर जनता से खुलेआम लूट की जाती है। कैसे येन केन प्रकारेण कमीशन को लेकर आम आदमी पर कार्यालय कर्मियों द्वारा दबाव बनाया जाता है ।इसी पूरे प्रकरण को लेकर जब हमारे द्वारा छानबीन की गई जिसके पश्चात % के बड़े खेल का हुआ खुलासा
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