पत्रकारों को धमकाने पर लगेगा जुर्माना,3 साल तक की हो सकती है जेल

पत्रकारों को धमकाने पर लगेगा जुर्माना,3 साल तक की हो सकती है जेल
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पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 हजार का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल
पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा।
पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी \ देहरादून, उत्तर प्रेदश (देवभूमि जनसंवाद न्यूज़) हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम और सीएम का भी ऐलान आया है कि,पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 हजार का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा।
पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत

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सीएम योगी का कहना है कि पत्रकारों को परेशानी होने पर तुरंत संपर्क कर सहायता प्रदान करें और पत्रकारों से मान-सम्मान से बात करें वरना आप को पड़ेगा महंगा।
बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR नही तो एसएसपी पर होगी कार्यवाही पत्रकार नही हैं भीड़ का हिस्साlपत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं,
उसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए निर्देश भी दिया है कि पुलिस आदि पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना करे।

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किसी स्थान पर हिंसा या बवाल होने की स्थिति में पत्रकारों को उनके काम करने में पुलिस व्यवधान नही पहुँचा सकती।
पुलिस जैसे भीड़ को हटाती है वैसा व्यवहार पत्रकारों के साथ नही कर सकती।
पुलिस वालों या अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा।
काटजू ने कहाँ कि,“जिस तरह कोर्ट में एक अधिवक्ता अपने मुवक्किल का हत्या का केस लड़ता है पर वह हत्यारा नही हो जाता है।उसी प्रकार किसी सावर्जनिक स्थान पर पत्रकार अपना काम करते हैं पर वे भीड़ का हिस्सा नहीं होते।इसलिए पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करना है।”

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प्रेस काउन्सिल ने देश के केबिनेट सचिव,गृह सचिव,सभी राज्यों के मुख्यमंत्री,मुख्य सचिवों व गृह सचिवों को इस सम्बन्ध में निर्देश भेजा है और उसमें स्पष्ट कहा है कि,पत्रकारों के साथ पुलिस या अर्द्धसैनिक बलों की हिंसा बर्दाश्त नही की जायेगी।
सरकारें ये सुनिश्चित करें कि, पत्रकारों के साथ ऐसी कोई कार्यवाही कहीं न हो।

पुलिस की पत्रकारों के साथ की गयी हिंसा मीडिया की स्वतन्त्रता के अधिकार का हनन माना जायेगा जो संविधान की धारा 19 एक ए में दी गयी है और इस संविधान की धारा के तहत बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी या अधिकारी पर आपराधिक मामला दर्ज होगा।

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