लालकुंआ ,रामनगर स्टेशन से प्रतिदिन अनेकों ट्रेने संचालित भूमि के अभाव में हल्द्वानी रेलवे स्टेशन ट्रेनों से वंचित जिम्मेदार ? >>VIDEO

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हल्द्वानी एवं काठगोदाम रेलवे स्टेशन के क्षतिग्रस्त रेलवे ट्रैक ने वंदे भारत एक्सप्रेस से वंचित कुमाऊ की जनता जिम्मेदार ?
ऐसी ही परिस्तिथिया रही तो वो दिन दूर नहीं जब हल्द्वानी रेलवे स्टेशन मात्र शोपीस बनकर रह जाये

” HS NEWS ” अतुल AGARWAL , HALDWANI | हल्द्वानी कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से विगत पिछले दशकों पूर्व कई ट्रेने प्रतिदिन होती थी संचालित काठगोदाम बरेली पैसेंजर – काठगोदाम आगरा फोर्ट एक्सप्रेस – काठगोदाम लखनऊ एक्सप्रेस – परन्तु स्माल गेज रेलवे ट्रेक ब्रॉड गेज में परिवर्तन होने के पश्चात दशकों बाद भी इन ट्रेनों के पहिये तो लालकुआं रेलवे स्टेशन पर हुये जाम

DMU बरेली लालकुंआ

DMU बरेली काशीपुर

बात की जाये तो दशकों पूर्व छोटा सा हाल्ट स्टेशन कहलाने वाला लालकुंआ रेलवे स्टेशन आज युद्ध स्तर पर आधुनिक रेलवे प्रणाली से बड़े स्तर पर विस्तारीकरण होते हुए एक बड़े जंक्शन रेलवे स्टेशन का स्वरुप की ओर अग्रसर हो रहा है

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वहीं यदि बात की जाये तो कुमाँऊ के प्रवेश द्वार हल्द्वानी का रेलवे स्टेशन जो कि पर्यटन की दृष्टि काफी महत्वपूर्ण है –

राजनीति की भेंट चढ़ते हुये अपना अस्तित्व खोता जा रहा है – जिसकी मुख्य वजह स्टेशन परिसर के निकट पसरी बेतहाशा गंदगी अक्सर देखने को मिलता है जो पर्यटक ( सैलानी ) कुमाँऊ की वादियों में घूमने आते है ट्रेनों से उतरते ही बेतहाशा दुर्गंध से बचने के लिये रुमाल से मुँह ढक कर बाहर निकलते है

इसका जीता जगता सबूत है अभी 3 दिन पूर्व ही भीमताल के विधायक खेल मंत्री रेखा आर्य के साथ पहुंचे थे हल्द्वानी रेलवे स्टेशन रेलवे ट्रेक का करने निरीक्षण

अत्याधिक दुर्गंध नहीं कर सके बर्दाश्त हाथ से नाक बंद करनी पड़ी आप इसी बात से स्वय अंदाज़ा लगा सकते है , जो पर्यटक ( सैलानी ) हल्द्वानी रेलवे स्टेशन ट्रेनों से आते है एक दुर्गंध भरी यादगार छवि साथ लेकर साथ जाते होंगे

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दूसरी ओर बात की जाए तो गौला नदी में अवैध खनन के चलते वर्ष 2021 में भारी मानसून की बरसात के दौरान

काठगोदाम रेलवे ट्रैक गोला नदी की भेंट चढ़ गया था एवम वर्ष 2022 में हल्द्वानी रेलवे ट्रैक भी नहीं रहा अछूता बरसातों में गोला नदी के तेज पानी के बहाव से हल्द्वानी रेलवे ट्रेक का

आधुनिक विस्तारीकरण विधुतीकरण के पोल गौला नदी में समा गए थे

सबसे अहम सवाल है जिस प्रकार प्रत्येक वर्ष भारी मानसून की बारिशों से गौला नदी बढ़ते जल स्तर एवम पानी के तेज बहाव से निरंतर रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होते हुए गौला नदी में धसता जा रहा है –

वहीं शासन-प्रशासन रेलवे प्रशाशन के उच्च अधिकारियों के द्वारा काम चलाऊ व्यवस्था करते हुए पल्ला झाड़ते हुए नजर आते हैं क्या ऐसे हालातों में हल्द्वानी एवं काठगोदाम रेलवे स्टेशन ट्रेनों के संचालन सुरक्षा की दृस्टि से सुरक्षित है

लगातार गौला नदी में समाते रेलवे ट्रैक ऐसे हालातों में अधिक ट्रेनों के संचालन से रेलवे ट्रैक पर भारी दबाव के चलते भविष्य में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना से जानमाल की छति हो सकती है

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आखिर उसका जिम्मेदार कौन –

प्रतिवर्ष वजट सत्र के दौरान कुमाँऊ एवम हल्द्वानी की जनता को रेल मंत्रालय से काठगोदाम – हल्द्वानी से लम्बी दूरी की ट्रेनों की आस रहती है वही देखा जा रहा है पिछले कई वर्षो से काठगोदाम – हल्द्वानी स्टेशन लम्बी दूरी की ट्रेनों से वंचित हो जाते है ,

जिसकी मुख्य वजह है रेलवे के अधिकारियो का कहना है कि हल्द्वानी में नई ट्रेनों के संचालन यात्रियों की सुविधा के लिये नये प्लेटफार्म एवम ट्रेनों के रखरखाव के लिये पर्याप्त भूमि नहीं है

जिसका खामियाज़ा हल्द्वानी के साथ साथ कुमाँऊ की जनता को भुगतना पड़ रहा है यदि ऐसी ही परिस्तिथिया रही तो वो दिन दूर नहीं जब हल्द्वानी रेलवे स्टेशन मात्र शोपीस बनकर रह जाये

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