चेतावनी रैली के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी

चेतावनी रैली के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी
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ऐतिहासिक आशा हड़ताल के बीस दिन पूरे
आशा हड़ताल के बीस दिन पूरे होने पर निकाली गयी “चेतावनी रैली”
सरकार न मानी तो आंदोलन के अगले चरण में मंत्रियों का घेराव किया जायेगा : कमला कुंजवाल

हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी | ऐतिहासिक आशा हड़ताल के बीस दिन पूरे होने पर उत्तराखण्ड सरकार को चेतावनी देने के लिए “चेतावनी रैली” निकाली गयी। चेतावनी रैली के माध्यम से राज्य सरकार को चेतावनी दी गई कि मासिक वेतन समेत आशा वर्कर्स की माँगों पर तत्काल फैसला नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज़ करते हुए आंदोलन के अगले चरण में राज्य सरकार के मंत्रियों का घेराव किया जायेगा।

रैली में ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा गया कि, “आशा आंदोलन के दबाव में सरकार द्वारा आशाओं को मिलने वाली मासिक प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव किया जा रहा है लेकिन आशाएँ स्पष्ट रूप से कहना चाहती हैं कि प्रोत्साहन राशि के बजाय मासिक वेतन फिक्स किया जाय। प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा कभी भी बंद की जा सकती है

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ऐसा पूर्व में पांच हजार रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि के मामले में हो भी चुका है जो इसी सरकार द्वारा अचानक बंद कर दी गई। वैसे भी सरकार प्रोत्साहन राशि दे या वेतन सरकार के खजाने से तो उतना ही पैसा निर्गत होगा लेकिन प्रोत्साहन राशि के स्थान पर मासिक वेतन फिक्स होने से आशाओं में आर्थिक सुरक्षा की भावना आएगी और वे अपने को सुरक्षित महसूस करेंगी। इसलिए मासिक वेतन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।”

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प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “आगामी विधानसभा सत्र में आशाओं के सवालों पर सरकार अपना रुख साफ करे और आशाओं को उनका वाजिब अधिकार दे, अन्यथा पूरे राज्य में आशाओं का विरोध झेलने के लिए तैयार रहे।”

हड़ताल के बीसवें दिन निकाली गयी ‘चेतावनी रैली’ में यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय, रिंकी जोशी, भगवती बिष्ट, रीना बाला, मनीषा आर्य, किरन पलड़िया,
पुष्पलता, उमा दरमवाल, चम्पा मंडोला, कमला मेर, मीना, मंजू, कमला पंत, शांति शर्मा, कमला कंडारी, सायमा, पुष्पा आर्य, विमला खत्री, मिथिलेश, रेशमा, रुखसाना, दीपा बिष्ट, सुनीता अरोड़ा, गीता पाण्डे, कमला बिष्ट, प्रीति रावत, विमला नौगाई, माया शाह, अमिता राज, गीता बोरा, दीपा परगाई, माया टंडन, अम्बिका, कमला आर्य, शहाना, मंजू रंगवाल, माधुरी, प्रियंका साही, चन्द्रकला अधिकारी,पुष्पा पवार, ममता रावत, गीता पालीवाल, हंसा फुलारा, पुष्पा मेहता, हेमा आदि समेत सैकड़ों आशा वर्कर्स मौजूद रहीं। आशाओं की मांगों के समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी भी रैली में पहुँचे।

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चेतावनी रैली महिला अस्पताल स्थित आशा हड़ताल धरना स्थल से तिकोनिया चौराहा तक पहुँचकर वापस महिला अस्पताल धरना स्थल पर समाप्त हुई। सेवा के नाम पर शोषण बन्द करो, मासिक वेतन देना होगा, मासिक वेतन दे न सके जो वो सरकार निकम्मी है, हर जोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है, दो हजार में दम नहीं- इक्कीस हजार से कम नहीं, आशा एकता जिंदाबाद, आशा हड़ताल जिंदाबाद के नारों के साथ निकली रैली में 20 दिनों के बाद भी आशाओं में पूरा जोश दिखाई दिया।