सरकार के अड़ियल रवैये से प्रदेशभर की आशा कार्यकर्ती प्रताड़ित -बल्यूटिया

सरकार के अड़ियल रवैये से प्रदेशभर की आशा कार्यकर्ती प्रताड़ित -बल्यूटिया
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हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी। आज आशा कार्यकर्ताओं का एक शिष्टमंडल रिंकी जोशी के नेत्रत्व में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया से मिला। इस दौरान उन्होंने अपनी 12 सूत्रीय मांगों से संबंधित समस्या उनके समक्ष रखी। प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कहा कि प्रदेशभर की आशा कार्यकर्ती अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। फिर भी सरकार उनकी मांगों पर अमल करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन आशा कार्यकर्ताओं ने पूरे कोरोना कॉल में अपने परिवार व बच्चों की परवाह किए बिना ड्यूटी निभाई

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बल्यूटिया का कहना है कि सरकार से उन्हीं के हितों के साथ कुठाराघात किया। सरकार के इस अड़ियल रवैये से प्रदेशभर की आशा कार्यकर्ती परेशान हैं। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने उनके समक्ष अपना मांग पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया कि आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू किया जाना चाहिए। साथ ही जब तक मासिक वेतन और कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता तब तक आशाओं को भी आंगनबाड़ी जैसी अन्य स्कीम वर्कर्स की तरह मासिक मानदेय निर्धारित किया जाय।

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जिन आशाओं की पैदल ड्यूटी करते करते घुटनों में दिक्कतें आ गई हैं उनके लिए एक मुश्त पैकेज की घोषणा की जाय। इसके अलावा कोरोना भत्ता, कोविड कार्य में लगी आशा वर्करों की 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाय। कोरोना ड्यूटी के दौरान मृत आशा वर्करों के आश्रितों को 50 लाख का बीमा और 4 लाख का अनुग्रह अनुदान भुगतान किया जाय। उड़ीसा की तरह ऐसे मृत कर्मियों के आश्रित को विशेष मासिक भुगतान किया जाय।

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बल्यूटिया ने कहा ड्यूटी के समय दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी होने की स्थिति में सुरक्षा प्रदान का नियम बनाया जाय और न्यूनतम दस लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान किया जाय। आशा कार्यकर्ताओं की समस्या सुनते हुए बल्यूटिया ने कहा कि कांग्रेस उनकी समस्याओं के साथ हमेशा खड़ी है। उन्होंने कहा कि गूंगी बहरी हो चुकी वर्तमान भाजपा सरकार आशा कार्यकर्ताओं की सुनने को तैयार नहीं है। आने वाले 2022 के चुनाव में आशाओं को चाहिए कि वह भाजपा को इसका मुंहतोड़ जवाब दें।

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