सरकार नगर निकाय चुनावो की तैयारी में जुटी सुत्रोंनुसार इस तारीख को जारी हो सकती है अधिसूचन,,,,,

सरकार नगर निकाय चुनावो की तैयारी में जुटी सुत्रोंनुसार  इस तारीख को जारी हो सकती है अधिसूचन,,,,,
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  • जनता जनार्दन की आवाज * HS NEWS *संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | विश्वसनीय सूत्रों से एक बड़ी खबर देहरादून से प्राप्त हो रही है हाई कोर्ट में दिए गए 30 जून तक चुनाव संपन्न करने के शपथ पत्र में भावना के अनुरूप शासन इसकी तैयारी में जुटा जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनावो के परिणाम घोषित होने के बाद उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनावो की तैयारियां जोरों पर है ,इसी क्रम में निकायों में ओबीसी ( अन्य आरक्षित वर्ग ) के लिए आरक्षण की सीमा 14% के स्थान पर वास्तविक संख्या के आधार पर करने समेत अन्य बिंदुओं को लेकर नगर निकाय अधिनियम के संशोधन के दृष्टिगत वित्त कार्मिक व न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है इसके बाद चुनाव आयोग से अनुमति मिलने पर अध्यादेश के जरिए सरकार अधिनियम में संशोधन कर सकती है और इसी आधार पर निकाय चुनाव होंगे

नगर निकाय चुनावो को लेकर एक बड़ी खबर मिल रही है जानकारी के मुताबिक नगर निकाय चुनावो को लेकर जो संकेत मिल रहे हैं उससे एक बात साथ जाहिर होती है कि 15 में से पहले 99 नगर निकायों के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है राज्य में वर्तमान में 102 नगर निकाय कार्य रूप में परिणत हैं

जानकारी के मुताबिक राज्य में 15 मई तक जारी हो सकती है अधिसूचना यदि बात की जाये तीन चुनाव 99 नगर निकायों में चुनाव वर्तमान में कार्य रूप में परिणत नगर निकायों के चुनाव की कसरत में जुड़ा शासनवही इस बार नगर निकायों में सबसे महत्पूर्ण बात है ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। जिसको लेकर उत्तराखण्ड राज्य में गठित एकल समर्पित वर्मा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को पूर्व में ही सौंप चुका है। एकल समर्पित वर्मा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में नगर निकायों में अभी तक निर्धारित ओबीसी आरक्षण की 14 प्रतिशत की सीमा को निकायों की वास्तविक ओबीसी आबादी के हिसाब से तय करना सुनिश्चित किया जाना है। जिसके पश्चात राज्य की अनेको नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण की सख्या बढ़ना तय है। यदि बात की जाये तो त्रिस्तरीय पंचायतों की भांति नगर निकायों को होर्डिंग पर टैक्स समेत अन्य अधिकार भी देने की तैयारी है। ऐसे प्रावधानों के लिए वर्तमान में निकाय अधिनियम में संशोधन अति आवश्यक है।जानकारी के मुताबिक निकाय अधिनियम के अनुसार प्रशासकों का कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं हो सकता। बात की जाए तो राज्य में नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले वर्ष दो दिसंबर को समाप्त होने के बाद जब चुनाव की स्थिति नहीं बनी तो इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया। जिसके चलते प्रशासकों के कार्यकाल की अवधि दो जून को खत्म हो जाएगी इस बीच निकाय चुनाव में विलंब को लेकर हाईकोर्ट में भी एक मामला चल रहा है। सरकार की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र दिया गया है कि 30 जून तक निकाय चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। यहां बताते चले कि यदि जून में नगर निकाय चुनाव होते हैं तो राज्य में दो चुनावों की आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू नहीं हो सकती। हालांकि राज्य में पहले चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और चार जून को परिणाम आने हैं, तो ऐसे में कुछ ढील मिल सकती हे। सूत्रों के अनुसार इसी आधार पर शासन की ओर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया गया। इस सबको देखते हुए शासन अब निकाय चुनाव की कसरत में जुट गया है। — वही बात की जाये तो निकाय अधिनियम में संशोधन के लिए वित्त, कार्मिक व न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है। जबकि कुछ अहम बिंदुओं पर सहमति प्राप्त हो चुकी है, वही ओबीसी आरक्षण आदि को लेकर लगातार मंथन जारी है। तीनों विभागों से इस माह के आखिर तक परामर्श मिल जाएगा और फिर इस संबंध में चुनाव आयोग से अनुमति मांगी जाएगी। निकाय अधिनियम में संशोधन के लिए मांगा गया है परामर्श नगर निकाय चुनावो को लेकर सरकार का मानना है कि सुत्रोंनुसार आगामी चार जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद लोस चुनाव की आचार संहिता भी हटा दी जाएगी। ऐसे में आयोग को निकाय चुनाव और अधिनियम में संशोधन के दृष्टिगत अनुमति देने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी। सुत्रोंनुसार यदि सब कुछ सुचारु रहा तो 15 मई या इससे पूर्व ही निकाय चुनाव के लिए सरकार अधिसूचना जारी कर सकती है,,,,,,