मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाते हुए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे

मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाते हुए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे
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संवाददाता अतुल अग्रवाल – डिजिटल चैनल ” हालात-ए-शहर ”

हल्द्वानी | 23 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के हल्द्वानी आगमन पर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष नफ़ीस अहमद खान के नेतृत्व में मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाते हुए काले झंडे दिखाए। भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का कहना था कि साढ़े चार साल तक डबल इंजन की भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर या तो मुख्यमंत्री बदलने का काम किया है या उद्योगपतियों के हितों के लिए काम किया है जनता को तो सिर्फ बाबा जी का ठुल्लू मिला है। अचार संहिता लगने वाली है तो कोरी घोषणाएं करके जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है, जो सरकार साढ़े चार साल में कुछ नही कर पाई वह एक महीने में अपनी घोषणाएं कैसे पूरी कर पायेगी लेकिन जनता समझदार है इनके बहकावे में आने वाली नही है। उत्तराखंड राज्य में कोरोना महामारी के कारण एक गंभीर स्थिति बन गयी है। व्यापार ठप पड़े है तथा काम बंद होने के कारण लाखों दिहाड़ी मज़दूर बेरोज़गार है और दूसरी तरफ एक लाख से ज्यादा उत्तराखंडी युवाओं को राज्य में मजबूरी में वापस लौटना पड़ा है। कोई भी आज कमा नहीं पा रहे हैं। लेकिन लोगों को राहत देने के बजाय सरकार सरसों का तेल, डीज़ल, पेट्रोल व अनेको खाद्यान्य सामग्री के दामों में वृद्धि कर अपना राजस्व वसूलने में लगी है। पानी और बिजली के बिलों पर राहत देने के बजाय बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं। शायद यही प्रधानमंत्री का आपदा में अवसर वाले सूत्र का अर्थ है। यह बहुत शर्मनाक है कि जब जनता त्राहि त्राहि कर रही है तब सरकार जिम्मेदारी लेने के बजाय जनता पर महंगाई थोप रही है और मजदूर कामगार बेरोजगारों को भुखमरी के संकट की ओर धकेल दिया गया है। जबकि बैकलॉग के हज़ारों रिक्त पड़े पदों पर भर्ती कर, बेरोजगारों को रोजगार देकर और महंगाई को कम करके निपटा जा सकता था लेकिन यह करने के बजाय सरकार हवाई दावे और जुमलेबाजी कर रही है। हल्द्वानी की जनता को महंगाई और बेरोजगारी के साथ साथ अवैध ट्रंचिंग ग्राउंड के प्रदूषण का अतिरिक्त तोहफा भाजपा सरकार ने दे दिया है जिसके कारण लाखों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है। सरकार को चाहिए था कि बैकलॉग के हज़ारों रिक्त पड़े पदों पर तुरन्त भर्ती करती। और बेरोज़गारी को कम करने की योजना बनाते हुए सभी बेरोजगारों को योग्यता अनुरूप कार्य सुनिश्चित करती, जब तक यह नहीं होता तब तक सभी बेरोजगारों को दस हजार रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान करती तथा महंगाई पर रोक लगाती। मनरेगा के अंतर्गत काम के दिनों को 200 दिन तक बढ़ा देने से भी मज़दूरों को राहत मिलती। उपरोक्त के अलावा शहरों और पहाड़ों में दिहाड़ी मज़दूर और लौटे हुए उत्तराखंडियों के लिए तुरंत रोज़गार योजना बना सकती थी, राहत देने के लिए राज्य में हर मज़दूर या गरीब परिवार को न्यूनतम 6000 रुपये प्रतिमाह सहायता दी जा सकती थी, भाजपा राज में उर्दू टीचरों की नियुक्ति भी नही की गई है, जनता को राहत देने के बजाय उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर रही है और निजीकरण करके उद्योगपतियों का विकास कर रही है। जनता की गाढ़ी कमाई के टेक्स को चुनावी रैलियों में पैसा पानी की तरह बहा रही है। इस लिए भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है आने वाले चुनावों में जनता इनको जवाब देने के लिए बेसब्री से चुनाव का इंतज़ार कर रही है। कार्यक्रम में नफ़ीस अहमद खान, सिराज अहमद, मोनू कुमार, विकास कुमार, हरीश लोधी, रितिक कांत, विकास यादव,

सरकार नगर निकाय चुनावो की तैयारी में जुटी सुत्रोंनुसार  इस तारीख को जारी हो सकती है अधिसूचन,,,,,

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जनता जनार्दन की आवाज * HS NEWS *संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | विश्वसनीय सूत्रों से एक बड़ी खबर देहरादून से प्राप्त हो रही है...