नेपाल बॉर्डर पर काली नदी ने मचाई तबाही बहुमंजिले घर हुए जमींदोज

नेपाल बॉर्डर पर काली नदी ने मचाई तबाही बहुमंजिले घर हुए जमींदोज
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धारचूला( उत्तराखंड) के 30 से 35 घर नदी के कटाव से और जलभराव से हो गए तबाह
पुल, सड़क, पैदल मार्ग, निजी और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान
डीएम पिथौरागढ़ डॉ आशीष चौहान के अनुसार रात 2 बजे से बना आपदा का कहर
लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को कहा गया

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | — विश्वनीय सूत्रों से बड़ी खबर आ रही है कि उत्तराखंड के धारचूला से लगे नेपाल बॉर्डर पर काली नदी ने तबाही मचा दी। ऊफान पर आई नदी ने नेपाल की कई बस्ती को जहां जलमग्न कर दिया, वहीं कई बहुमंजिले घर जमींदोज हो गए। नदी पर धारचूला से तीन किमी तवाघाट की तरफ झील बनने से उत्तराखंड(भारत) के धारचूला तथा नेपाल के दार्चुला जिले के आबादी क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है। सूचना पर पिथौरागढ़ डीएम डॉ आशीष चौहान ने नदी से लगे परिवारों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राजस्व और पुलिस टीम को मौके पर तैनात कर दी है। अभी तक एक महिला की मौत तथा 30 से 35 घर जमींदोज होने की पुष्टि हो पाई है।

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थौरागढ़ जनपद के धारचूला क्षेत्र में काली नदी ने शुक्रवार रात को जमकर कहर बरपाया। नदी का प्रवाह उफान पर आने से भारत और नेपाल के कई परिवार आपदा की चपेट में आ गए। इस दौरान खोटिल तोक तवाघाट की तरफ काली नदी पर झील बनने से भारी तबाही मच गई। काली नदी के चपेट में आने से धारचूला( उत्तराखंड) के 30 से 35 घर नदी के कटाव से और जलभराव से तबाह हो गए। जबकि कई पुल, सड़क, पैदल मार्ग, निजी और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।

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डीएम पिथौरागढ़ डॉ आशीष चौहान के अनुसार रात 2 बजे से आपदा का कहर बना हुआ है। अभी तक 1 महिला की मौत की जानकारी मिली है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के निर्देश राजस्व टीम को दे दिए हैं। आपदा पीड़ितों की हर संभव मदद कराई जा रही है। हालांकि नेपाल की तरफ दार्चुला में कितना नुकसान हुआ, इसका कोई आंकलन नहीं हो पाया। आपदा से जगह जगह लोग फंस गए हैं। प्रशासन ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को कहा गया है। जल्द मौसम साफ होते ही रेस्क्यू कार्य तेजी से किया जाएगा। फिलहाल नुकसान का आंकलन और लोगों को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को कहा गया है।