अधिकारियों ने कहा कि होटल मलारी इन और माउंट व्यू, जिनमें अधिक दरारें विकसित हुई हैं, को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा।
60 मजदूरों के साथ ही 2 जेसीबी, 1 बड़ी क्रेन और 2 टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे। वहीं, गिराए जाने वाले असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | प्राधिकरण उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में आज मंगलवार को होटल और घरों को गिराने का काम शुरू करेगा, जिसमें भूस्खलन और धंसने के कारण दरारें आ गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि होटल मलारी इन और माउंट व्यू, जिनमें अधिक दरारें विकसित हुई हैं, को ध्वस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों के निवासियों को “असुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया गया था, जिन्हें खाली कर दिया गया है। विध्वंस कार्य की निगरानी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की द्वारा की जाएगी, साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को स्थानीय प्रशासन की सहायता के लिए तैनात किया जाएगा। इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही 2 जेसीबी, 1 बड़ी क्रेन और 2 टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे। वहीं, गिराए जाने वाले असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रशासन सर्वे करवा कर डेंजर और बफर जोन की स्थिति का आंकलन कर रहा है। जो जोन पूरी तरह खतरे में होगा उसे तुरंत खाली कराया जाएगा। इस इलाके को डेंजर जोन कहा जा रहा है। जोशीमठ भूस्खलन पर अब तक आई 5 रिपोर्ट 1976 में गठित हुई थी पहली समिति पहली रिपोर्ट में भूस्खलन क्षेत्र में बसा शहर पाया गया मिश्रा कमेटी ने कहा था ढलानों से ना हो छेड़छाड़
2006 में स्वप्नमिता ने किया खुलासा अलकनंदा किनारे भू कटाव की बात आई थी सामने वाडिया इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में भी हुआ था खुलासा सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति ने 2014 में सौंपी थी अपनी रिपोर्ट समिति ने अधिक व अनियंत्रित निर्माण को लेकर खींचा था ध्यान 2022 में परियोजना पर उठे थे सवाल
चार भू वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट में सुरंग को बताया था खतरनाक एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना पर उठाए थे सवाल
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जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू होगा। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु ने असुरक्षित भवनों को गिराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम भवनों को ढहाने का काम करेगी, दोनों संस्थानों की टीमें जोशीमठ पहुंच गई हैं। असुरक्षित भवनों पर लाल निशान लगा दिए गए हैं।
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सबसे पहले शहर के एक बड़े होटल तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी।इस दौरान 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक मौजूद रहेंगे।आपदा प्रबंधन सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जाएगा, जिनमें दरारें आ चुकी हैं। सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे।
2022 में फिर 16 से 19 अगस्त के बीच हुआ सर्वे पिछले साल टीम ने सरकार को सौंपी थी 28 पेज की विस्तृत रिपोर्ट
शहर में ड्रेनेज और सीवरेज की व्यवस्था को लेकर उठाए थे सवाल
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