मुख्यमंत्री दिखे बगैर फेस मास्क के धूल उड़ने पर मफलर बना सहारा

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संवाददाता अतुल अग्रवाल – डिजिटल चैनल ” हालात-ए-शहर ”

हल्द्वानी | आज देश में कोरोना की तीसरी लहर नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए गाइड लाइन जारी की गई है | वही प्रदेश में आम जनता पर गाइड लाइनों का पालन न करने बगैर फेस मास्क वालो के चालान काटे जा रही है – दो गज़ की दूरी – फेस मास्क है जरूरी – का पाठ सिखाया जा रहा है वही आज हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज के मैदान में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ही गाइडलाइन की परवाह किए बगैर सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के खतरे से उत्तराखंड भी इस खतरे से अछूता नहीं है। स्वास्थ्य विभाग लगातार मास्क और सामाजिक दूरी के पालन करने को आगाह कर रहा है , आज एमबी इंटर कॉलेज मैदान में धूल उड़ी तो भाजपा कार्यकर्ताओं और सुरक्षा कर्मियों की भीड़ से घिरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नाक ढकने के लिए मफलर का सहारा लेना पड़ा।

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पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 दिसंबर को प्रस्तावित रैली के कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बगैर मास्क के पूरे सरकारी अमले के साथ हल्द्वानी पहुंचे। इस दौरान कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों से घिरे मुख्यमंत्री के चेहरे पर मास्क नदारद था। भारी भीड़ और अव्यवस्था के बीच जब एमबी इंटर कॉलेज मैदान में धूल उड़ी तो मुख्यमंत्री को नाक ढकने के लिए मफलर का सहारा लेना पड़ गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मी और अधिकारी तो मास्क पहने नजर आए लेकिन जब मुख्यमंत्री ही बगैर मास्क हों तो भाजपा कार्यकर्ताओं से क्या उम्मीद की जा सकती है।प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने ही किया कोरोना गाइडलाइन को तार-तार: शायद वीवीआईपी को कोरोना का खौफ नहीं, यही वजह है कि पुलिस भी मुख्यमंत्री को मास्क पहनने के लिए नहीं कह सकी।

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कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत हों या मेयर डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, हर बड़ा नेता और कार्यकर्ता बगैर मास्क के मुख्यमंत्री के स्वागत सत्कार में जुटा रहा। सड़क पर आम आदमी का मास्क न पहनने पर चालान करने वाले पुलिस के अधिकारी भी मुख्यमंत्री समेत भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज से मास्क लगाने को नहीं कह सके। ऐसे में ओमीक्रॉन के खतरे को लेकर सरकारी विज्ञापन जारी करने वाले शासन-प्रशासन की गंभीरता को आसानी से समझा जा सकता है।

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