200 करोड़ रुपये की लागत से बने स्पोर्ट्स स्टेडियम का काम पूरा होने की दो हफ्ते में तारीख बताए विभाग- हाईकोर्ट

200 करोड़ रुपये की लागत से बने स्पोर्ट्स स्टेडियम का काम पूरा होने की दो हफ्ते में तारीख बताए विभाग- हाईकोर्ट
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200 करोड़ रुपये की लागत से बना ( सफेद हाथी ) इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम मात्र जानवरो चारागाह बनकर अपनी बदहाली पर बहा रहा है आँसू

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी \ नैनीताल। गौलापार ( लालकुंआ विधानसभा ) में विगत पिछले कई से 200 करोड़ रुपये की लागत से बना इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम

मात्र जानवरो चारागाह बनकर अपनी बदहाली पर बहा रहा है आँसू जिसको लेकर तय समय में पूर्ण नहीं करने के खिलाफ माननीय हाईकोर्ट जनहित याचिका दायर की गई | हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हल्द्वानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम का कार्य तय समय में पूर्ण नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

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मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने निर्माण एजेंसी उत्तराखंड पेयजल निगम को स्टेडियम का काम पूरा होने की तारीख दो हफ्ते के भीतर बताने को कहा है। साथ ही काम कितने फेज में हुआ, कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा और उद्घाटन की तिथि भी बताने को कहा है।


कोर्ट ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत सरकार, उत्तराखंड खेल सचिव व कमिश्नर कुमाऊं को भी नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि

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हल्द्वानी में 200 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम 15-20 हेक्टेयर फॉरेस्ट की भूमि पर बनाया गया है। जिसका कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। सरकार इसे बनाने के लिए बार.बार निर्माण एजेंसियों को बदल रही है। अब सरकार ने इस कार्य को पूर्ण करने के लिए उत्तराखंड पेयजल निगम को ठेका दिया है। जबकि इस स्टेडियम में 38वें नेशनल गेम्स होने थे, लेकिन कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण केंद्र सरकार ने अन्य राज्यों को मेजबानी दे दी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने भी इस पर सवाल उठाया है कि स्टेडियम में बहुत सी कमियां है, जिन्हें पूर्ण करना आवश्यक है। तभी यहां राज्य या अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन किया जा सकेगा। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अभी तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ, जबकि इसकी निर्माण पूर्ण होने की तिथि निकल चुकी है।
प्रदेश के खिलाड़ियों को कोचिंग के लिए अन्य राज्यों को जाना पड़ रहा है। जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।