दमन के खिलाफ काशी सत्याग्रह की राह पर

दमन के खिलाफ काशी सत्याग्रह की राह पर
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हालात-ए-शहर ( अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी/ नैनीताल | उत्तराखण्ड राज्य में पहाड की वादियों में पहाड सी जिंदगी भी होती इस बात का अहसास बनारस के रहने वाले एक युवा एक्टिविटीज प्रवीण सिंह काशी ने बहुत करीब से देखा , जानकारी की मुताबिक़ 2017 मैं बद्रीनाथ धाम दर्शन के इरादे से आए बनारस के रहने वाले एक युवा एक्टिविटीज प्रवीण सिंह काशी द्वारा हमको बताया कि ,जब वह बाबा बद्रीनाथ के दर्शन कर अपने मित्र संत गोपाल दास से भेंट करने ऋषिकेश पहुंचे

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तब उनका ज्ञात हुआ कि ऋषिकेश में उनके एक अन्य एक्टिविटीज दोस्त संत गोपाल दास बीमार है जोकि ऋषिकेश एम्स में अपना ईलाज करवाने ऋषिकेश एम्स में भर्ती हैं, प्रवीण सिंह काशी उन्हें देखने जब एम्स पहुंचे तब काशी के द्वारा मालूम करने पर पता चला की ऋषिकेश एम्स प्रशासन द्वारा ( AIIMS ) में इलाज कराने आए मरीज के इलाज का खर्च बेतहाशा बढ़ा दिया गया है

जिसके बाद प्रवीण सिंह काशी के द्वारा जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई जिसको कई चरणों में करने के बाद एम्स प्रशासन द्वारा इलाज में बढ़ाए गए वृद्धि दर को वापस लिया गया,

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वर्तमान समय में गेरसेंगर को राजधानी बनाने के लिए गेरसेंगर में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन में प्रवीण सिंह काशी को न्यायालय से समन भेजी गए हैं जिसमें परवीन सिंह राशि का कहना है कि राज्य सरकार हमारा दमन करना चाहती है इसलिए न्यायालय को माधव बनाकर हमारी आवाज दबाना चाहती है परंतु हम न्यायालय सम्मान करते हैं और हम गांधीवादी तरीके से सत्याग्रह करेंगे और न्यायालय द्वारा दिए गए किसी भी समय पर हम जमानत नहीं कराएंगे,

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और जेल जाएंगे,
परवीन सिंह राशि का कहना है कि उत्तराखंड छोटा राज्य है तथा इसमें दो दो राजधानियां उचित नहीं है इसलिए एक राज्य एक राजधानी ( GRAND ) होनी ही चाहिए यही हमारी मांगें और यह जन भावना भी है
प्रवीण सिंह काशी वर्तमान समय में नैनीताल में प्रवास कर रहे हैं।