प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया द्वारा मुख्यमंत्री की गैरसैंण को एक और कमिशनरी मुख्यालय बनाकर सरकार का मानसिक दिवाल्यापन होने का एक और प्रमाण दे दिया

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हल्द्वानी 6 March 2021: दीपक बल्यूटिया ने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष में जहाँ छोटे राज्य हैं वहाँ देश भर में कमिशनरी के अस्तित्व को लेकर बहस छिड़ी है कि कमिशनरी को रखा जाना कितना औचित्यपूर्ण है। ऐसे में बिना अध्ययन व समीक्षा के इस तरह की घोषणा से त्रिवेंद्र सरकार की 2022 के चुनाव को लेकर घबराहट दर्शाती है।

अच्छा होता डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को नए विकास खण्ड देती जिससे केन्द्र से सहायता मिलती और गाँवों तक विकास होता।

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मुख्यमंत्री की स्तिथि उस परीक्षार्थी की तरह जिसने चार साल नीद मे निकाल दिए और अब सामने चुनावी इम्तिहान देख बिना किसी अध्ययन व समीक्षा किए चुनावी हड़बड़ाहट में घोषणाएँ कर जनता गुमराह कर रहे हैं।
जहाँ वर्तमान कमिशनरी मुख्यालय में अधिकारी नही बैठ रहें वहीं एक और कमिशनरी मुख्यालय बनाकर त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य में अतिरिक्त बोझ डालकर सर्वे में सबसे फिसड्डी मुख्यमंत्री होने का प्रमाण दे दिया है। सरकार के पास कर्मचारियों को तनख़्वाह देने के लिए पैसे नहीं है। वही विधवा, बुजर्ग, दिव्याँग पेंसन भी रोक दी गई है।
दीपक बल्यूटिया ने कहा कि गैरसैण में आधारिक संरचना के विकास की योजना, पलायन, बेरोज़गारी, महँगाई, चिकित्सा, शिक्षा जैसे गम्भीर मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के चुनावी पासे फ़ैंक़ जनता को गुमराह किया जा रहा है। नई चुनावी घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री अपने 2017 के दृष्टि पत्र पर भी नज़र डाल लेते तो बेहतर होता।

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दीपक बल्यूटिया ने कहा मुख्यमंत्री चार साल कुम्भकरण की नीद में सोए रहे। चुनाव सामने देख जागे मुख्यमंत्री कई बार पुरानी घोषणाओं की दुबारा घोषणा कर बैठे, पूर्व से चलती हुई योजना का दुबारा लोकार्पण कर दिया। ऐसे में कैसे उत्तराखण्ड में रोज़गार व विकास की परिकल्पना की जा सकती है