आईयूसीएन स्विट्जरलैंड व केएफडब्ल्यू की एक संयुक्त टीम ने भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन द्वारा नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में संचालित संयुक्त परियोजना का किया निरीक्षण

आईयूसीएन स्विट्जरलैंड व केएफडब्ल्यू की एक संयुक्त टीम ने भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन द्वारा नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में संचालित संयुक्त परियोजना का किया निरीक्षण
ख़बर शेयर करें -

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | आईयूसीएन स्विट्जरलैंड एवं केएफडब्ल्यू की एक संयुक्त टीम द्वारा उत्तराखंड वन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून एवं जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन द्वारा नंधौर वन्यजीव अभयारण्य में संचालित संयुक्त परियोजना का निरीक्षण किया गया। यह दो दिनी निरीक्षण कार्यक्रम की शुरुवात टनकपुर से की गई जो नंधौर वन्यजीव अभ्यारण्य का पूर्वी प्रवेश द्वार भी है। नंधौर वन्यजीव अभ्यारण्य के पूर्वी प्रवेश द्वार ककराली गेट कहलाता है।

निरीक्षण टीम के सदस्यों में आईयूसीएच स्विट्जरलैंड से एलिजा फैचिनी,

केएफडब्ल्यु इंडिया से श्रीमती संगीता अग्रवाल एवं आईयूसीएन इंडिया से सुश्री रईसा रहमान मौजूद रहे। जेडएसएल इंडिया से डा. हरीश गुलेरिया एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम की अगुवाई वहां के पूर्व निर्देशक डा. गोपाल सिंह रावत द्वारा की गई एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान की परियोजना से संबंधित अन्य सदस्यों में वरिष्ठ परियोजना वैज्ञानिक डा. नवीन चंद्र जोशी, परियोजना वैज्ञानिक डा. रिचा सिंह, परियोजना सहयोगी श्री विवेक रंजन एवं परियोजना सहयोगी श्री अजय चौहान आदि मौजूद रहे। निरीक्षण टीम द्वारा ग्राम सभा उचौलीगोठ का दौरा किया गया जहां उनका स्वागत ग्राम सभा की प्रधान श्रीमती पूजा महर द्वारा किया गया। निरीक्षण टीम द्वारा ग्राम सभा में चलाए जा रहे विभिन्न आजीविका संवर्धन केंद्रों एवं प्रशिक्षण स्थलों का निरीक्षण किया गया एवं उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षार्थियों से भी उनके अनुभवों पर विस्तार से चर्चा की।

यह भी पढ़ें 👉  गणतंत्र दिवस के अवसर पर विशिष्ट कार्य के लिए अधिकारी कर्मचारियों को उत्कृष्ट सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह से विभूषित/अलंकृत किया जायेगा।

वरिष्ठ परियोजना वैज्ञानिक डॉ0 नवीन चन्द्र जोशी, ने टीम को बताया कि ग्राम सभा उचौलीगोठ एवं इस परियोजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया जा चुका है। वर्तमान में ग्राम सभा के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूह हेतु सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में ग्राम सभा की कुल 57 महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इससे पूर्व ग्राम सभा में धूप अगरबत्ती एवं प्रसाद बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। जिसमें कुल 72 महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं जूट बैग बनाने के प्रशिक्षण में 56 महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। आई0यू0सी0एन0 की टीम द्वारा महिलाओं से उनके भविष्य की योजनाओं व वन्यजीवों से होने वाले संघर्ष की स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई। निरीक्षण टीम द्वारा ग्रामसभा के अन्तर्गत हाथियों से अपनी फसलों को बचाने हेतु परियोजना के अन्तर्गत लगाये गये पूर्व सूचना यंत्र का निरीक्षण किया गया एवं ग्रामवासियों द्वारा टीम को बताया गया कि ग्राम सभा में टेटिंकल फेंसिंग की आवश्यकता है एवं परियोजना टीम द्वारा लगाये गये अर्ली वर्निंग सिस्टम पिछले 03 सााल से लगाये गये हैं। जो हाथियों के आने पर अलार्म बना रहता है। यह बहुत कारगर है। ग्राम सभा में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं सूचित किया कि उन्होंने अपने 02 समूहों के अन्तर्गत अपने-अपने प्रोडक्शन सेंटर खोल दिये हैं। जिनमें मॉ पूर्णागिरी के मेले हेतु धूप अरगबŸाी एवं प्रसाद का निर्माण किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  कोविड अलर्ट जारी यूपी के इन चार शहरों में मास्क लगाना भी हुआ अनिवार्य नहीं लगाने पर जुर्माने

निरीक्षण टीम द्वारा महिलाओं द्वारा संचालित प्रोडेक्शन का संेटर का भी दौरा किया गया, जहॉ टनकपुर क्षेत्र के उपजिलाधिकारी श्री हिमांशु कफल्टिया एवं असिंटेंट प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन0आर0एल0एम0 श्रीमती विन्नी जोशी ने भी निरीक्षण टीम के साथ महिला स्वयं सहायता समूह से भविष्य की परियोजना पर विस्तार से चर्चा की एवं चर्चा के दौरान उपजिलाधिकारी महोदय ने महिला स्वयं सहायता समूह की उनके द्वारा निर्मित धूप अगरबŸाी एवं प्रसाद के विक्रय हेतु मॉ पूर्णागिरी समिति द्वारा किये जाने का आश्वासन दिया। एवं भविष्य में भी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। चर्चा के अंत में ग्राम प्रधान श्रीमती पूजा महर ने सभी का धन्यवाद दिया।
निरीक्षण टीम द्वारा परियोजना के अन्तर्गत ग्राम सभा गैंडाखाली में चलाये जा रहे 02 प्रशिक्षण केन्द्रों का भी दौरा किया एवं प्रतिभागियों से चर्चा की गई। आई0यू0सी0एन0 टीम द्वारा ग्राम सभाओं में परियोजना के अन्तर्गत चलाये जा रहे विभिन्न आजिविका सर्वधन कार्यक्रमों की सराहना की गई एवं ग्रामवासियों का भविष्य में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  शिकार की तलाश में युवक चाकू लेकर छिपा दीवार के पीछे पुलिस ने वारदात से पहले पहुँचाया सलाखों के पीछे


दूसरे दिन टीम द्वारा नन्धौर वन्यजीव अभ्यारण्य में वन विभाग के अधिकारियों के साथ परियोजना के अन्तर्गत वन्यजीव संरक्षण हेतु दिये गये तकनीक सहयोग एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई। वन विभाग की टीम की अगुवाई श्रीमती ममता चन्द, उप निदेशक नन्धौर वन्यजीव अभ्यारण्य द्वारा की गई। उन्होंने परियोजना के अन्तर्गत फेज-1 एवं फेज-2 के तहत चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी टीम को दी। नन्धौर रेंज के अन्तर्गत प्राप्त उपकरणों एवं प्रशिक्षण की विस्तृत जानकारी नन्धौर के वनक्षेत्राधिकारी श्री सुनील शर्मा द्वारा दी गई। आई0यू0सी0एन0 टीम द्वारा परियोजना के अन्तर्गत चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं तकनीकी सहयोग की सराहना की गई।

छै महीने बीत जाने के पश्चात आवारा पशुओ से नहीं निजात ज़िम्मेदार ? VIDEO

छै महीने बीत जाने के पश्चात आवारा पशुओ से नहीं निजात ज़िम्मेदार ? VIDEO

जनता जनार्दन की आवाज संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | ,,,,,, जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिलाधिकारी महोदया द्वारा 6 महीने पूर्व एक ब्यान दिया गया...