जनपद में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ आखिरकार बेहड ने तोड़ी अपनी चुप्पी

जनपद में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ आखिरकार बेहड ने तोड़ी अपनी चुप्पी
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05 जून सोमवार को प्रांत 10.30 बजे जिलाअधिकारी युगल किशोर पंत के कार्यलय के बाहर बेहड़ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना किसी झंड़े बैनर
के अकेले धरने पर बैठेंगे

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” HS NEWS ” हल्द्वानी | विश्वनीय सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर रुद्रपुर से मिल रही है जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री और विधायक

तिलक राज बेहड ने अपने निजी आवास पर मीडिया कर्मियों से प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत करते हुए कहा कि मैं दुखी होकर मीडिया के सामने एक अहम मामले में बातचीत करने के लिए सामने आया हूं | बेहड़ ने कहा कि जिस तराई के लोगों ने उत्तराखंड स्थापना में विशेष योगदान दिया हो उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।बेहड ने कहा कि राज्य स्थापना हो रही थी मैं ऊधम सिंह नगर का जनप्रतिनिधि होने के नाते उस समय स्वयं मौजूद था। ऊधम सिंह नगर को उत्तराखंड में शामिल करने की पुरजोर वकालत भी की थी।उसी समय एक प्रतिनिधिमंडल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी से मिला और उनसे मिलकर ऊधम सिंह नगर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग रखी थी।उस समय लाल कृष्ण आडवाणी भी अटल बिहारी के निवास पर मौजूद थे, जबकि ऊधम सिंह नगर को उत्तराखंड में शामिल न किया जाए इसको लेकर बहुत बड़ा आन्दोलन उस समय चला था। जनता सड़कों पर थी और जाम लगाए जा रहे थे,हालत बहुत ख़राब थे। तभी प्रकाश सिंह बादल कमेटी के साथ पंतनगर विश्वविद्यालय में लोगों से मुलाकात कर उनकी राय लेने आए थे। एक ओर विरोध में हजारों लोग थे और पक्ष में कम लोग थे इसके बाद भी ऊधम सिंह नगर को उत्तराखंड में शामिल किया गया था।बेहड ने कहा कि आज बड़ा दुख हो रहा है कि राज्य की स्थापना में विरासत में मिलें हुए लोगों को अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ा जा रहा है,बेघर किया जा रहा है।इनका इतिहास 40-50 वर्षों पुराना है, क्या उस समय के अधिकारी दोषी नहीं है, सरकारें दोषी नहीं है, विभिन्न विभागों के लोग अधिकारी गण जिनके रहते हुए लोग बसे ,दुकानें मकान बनाए आज वही अधिकारी सरकारी जमीन समझकर हटाने के नोटिस दे रहे हैं, बुलडोजर चला रहे हैं आखिर इन सब का जिम्मेदार पूर्व की सरकारें और अधिकारी नहीं है।बेहड ने कहा कि तराई के अंदर किसानों को जमीनें जंगलों को आबाद करने को दी गई थी, उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व गोविंद बल्लभ पंत एवं मेजर संधू ने लोगों को बसाया था, ज्यादातर लोग पाकिस्तान के बंटवारे बाद यहां आएं थे, स्वतंत्रता सेनानियों के गांव बसाए गए।आज सरकार ध उसके अधिकारी किसानों की बंजर भूमि वर्ग 4 व अन्य प्रकार की जमीनों को ढूंढ रहे हैं निशाना लगा कर पोलर लगाएं जा रहे हैं।ऐसी जमीनें जो आबादी के बाद से किसान जोत रहें हैं उन्हें राज्य सरकार कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है। विधायक बेहड ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय के अंदर जो बस्तियां हैं उनको उजाड़ने की तैयारी चल रही है, जबकि यूनिवर्सिटी के अधिकांश लोग वही मेहनत मजदूरी करते हैं,जब यूनिवर्सिटी खुद खेती करती थी तभी से लोग खेती का काम करते थे। इनकी बदौलत यूनिवर्सिटी का फार्म आज तक चल रहा है, कई पीढ़ियों हो गई काम करते हुए, पन्तनगर को आबाद करने में इनका अहम योगदान है, परन्तु अब इन गरीबों मजदूर को उजाड़ने कि तैयारी की जा रही है।बेहड ने कहा कि आज बड़ा दुख हो रहा है,तराई के चुने हुए जनप्रतिनिधि पूर्व जनप्रतिनिधि क्यों खामोश है,

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तोडी चुप्पी बोले दलगत राजनीति से ऊपर उठकर तराई के दुकानदारों, गरीब वर्ग के मकानों और किसानों की जमीनें बचने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को एक मंच पर आने की आवश्यकता* रुद्रपुर -सूबे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और किच्छा विधायक तिलक राज बेहड ने जनपद में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ आखिकार अपनी चुप्पी तोड दी।

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सत्ता में आसीन नेताओ को किस बात का भय है, क्यों नहीं बोलते चाहें सांसद हो चाहे विधायक हों या फिर नगर पालिकाओं व नगर पंचायत के जनप्रतिनिधि हो एक न एक दिन सबको सामने आकर इसका विरोध करना पड़ेगा।बेहड ने कहा कि आज हम सब को दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर जो अतिक्रमण के नाम पर बर्बादी हो रही है उन पीड़ितों को बचाने के लिए एकजुट होकर सरकार पर दबाव बनाना पड़ेगा तभी इस अत्याचार से गरीब जनता को राहत मिल सकेगी। विधायक तिलक राज बेहड ने कहा मैं मुख्यमंत्री से तराई की जनता की तरफ से अपील करता हूं कि इस अभियान को तत्काल रोका जाए और जो लोग अतिक्रमण हटाने के नाम पर उजाडे जा चुके हैं उन सबको बसाने का काम यथाशीघ्र किया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि आने वाली 05 जून सोमवार को वह प्रांत 10.30 बजे जिलाअधिकारी युगल किशोर पंत के कार्यलय के बाहर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना किसी झंड़े बैनर के अकेले धरने पर बैठेंगे और अतिक्रमण हटाने के नाम पर जो अभियान गरीबों को बर्बाद करने के लिए चलाया जा रहा है इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे उन्होंने कहा कि जो समर्थन देना चाहें वो समय अनुसार शामिल हो सकता है।