गड़बड़ झाला 1988 में मृत नबी रजा खां मुर्दे को जिंदा कर कंपनी बाग मलिक के बगीचे के \ काले कारनामों का बगीचा बना डाला> VIDEO

गड़बड़ झाला 1988 में मृत नबी रजा खां मुर्दे को जिंदा कर कंपनी बाग मलिक के बगीचे के \ काले कारनामों का बगीचा बना डाला> VIDEO
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1988 में मृत नबी रजा खां की बेगम अख्तरी पत्नी नन्हें खां और नबी रजा खां पुत्र अशरफ खां ने वर्ष 2007 में कोर्ट में एक रिट दायर कर डाली
कंपनी बाग की 13 बीघा जमीन को खुर्द-बुर्द करने के लिए अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक सहित छह लोगों ने कागजों में षड्यंत्र रचा।
13 बीघा जमीन नबी रजा खां को बाग के लिए लीज पर मिली थी।
नबी के मरने के बाद उसके नाम से आरोपियों ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया।

  • जनता जनार्दन की आवाज * HS NEWS *संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | आज नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि मलिक का बगीचा की निगम में कंपनी बाग नाम से नजूल अनुभाग में फाइल है। नबी खां को ये बाग लीज में मिला था। सईदा बेगम पत्नी नबी रजा खां, सलीम रजा खां पुत्र नबी रजा खां, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां ने 1991 में अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हल्द्वानी एक शपथ पत्र दिया था। जिसमें कहा था कि ​नबी रजा खां की मृत्यु 3 अक्तूबर 1988 को हो गई थी। इसी झूठे शपथ पत्र के आधार पर रिट भी डाली गई।

रिट में नबी रजा खां और अख्तरी बेगम की ओर से जिलाधिकारी को फ्री होल्ड के लिए भेजे गए पत्रों को आधार बनाया गया है। ये पत्र जिला​धिकारी को 8 जून 2006 और अनुस्मारक पत्र 28 मई 2007 को भेजा गया है। अब सवाल यही है कि जब नबी 1988 में ही मर गए थे तो उनके नाम से रिट किसने डाली? शपथ पत्र कैसे बना और कैसे सत्यापित हो गया?

1988 मे मृत नबी रज़ा खा को ज़िंदा कर कंपनी बाग मलिक के बगीचे के काले कारनामो का बगीचा बना डाला -VIDEO

नबी जमीन फ्री होल्ड नहीं हुई तो 10 रुपये से 100 रुपये के स्टांप पर जमीन को टुकड़े-टुकड़े कर बेच डाला गया। नगर निगम ने इस जमीन से संबं​धित कागजों की जांच की तो कई तथ्य चौकानें वाले सामने आए। मलिक का बगीचा के नाम से पूरे शहर में कहीं भी जमीन नहीं है। बल्कि दंगे के मास्टर माइंड अब्दुल मलिक और उसकी बीवी साफिया मलिक ने अपने गुर्गों के साथ मिल कर उस मुर्दे को कई साल बाद जिंदा कर दिया, जिसे 13 बीघा जमीन बाग के लिए लीज पर मिली थी। इसी मुर्दे को कागजों में फिर से जिंदा कर आरोपियों ने कंपनी बाग की इस 13 बीघा जमीन को मलिक का बगीचा बना डाला, लेकिन अब इनकी गर्दन पर कानून का शिकंजा और कस चुका है।

नबी की मौत के 19 साल बाद डाली गई रिट

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हल्द्वानी : नबी रजा खां की मौत वर्ष 1988 में हो गई थी। जबकि वर्ष 2007 में कोर्ट में एक रिट अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां और नबी रजा खां पुत्र अशरफ खां की ओर से डाली गई। इस रिट में जो शपथ पत्र नोटरी किया लगाया गया, उसमें नबी रजा खां की उम्र 55 वर्ष दर्शायी गई। ये शपथ पत्र 9 अगस्त 2007 को सत्यापित कराया गया।

उपरोक्त विषयक श्रीमती साफिया मलिक उपरोक्त रिट याचिका संख्या एम.एस. 319/2024 भ. उच्च न्यायालय नैनीताल, उत्तराखण्ड में दायर की गयी है। उक्त रिट में प्रतिशपथ दायर करने के लिए नगर निगम हल्द्वानी के नजूल अनुभाग में नजूल लिपिक श्रीमती भगवती शर्मा के पास संचित पत्रावली का अवलोकन किया गया।

उक्त पत्रावली में लीज भूखण्ड संख्या 368 रकवई 13 बी. 3 वि. वाके कम्पनी बाग हल्द्वानी के विनियमिती करण के सम्बन्ध में पत्रावली संचित है। पत्रावली में उपलब्ध कागज संख्या 28 अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हल्द्वानी को सम्बोधित श्रीमती सईदा बेगम पत्नी स्व. नयी रजा खां एवम् सलीम रजा खां पुत्र स्व. नवी रजा खां श्रीमती अख्तरी बेगम पत्नी नन्हे खां कम्पनी बाग हल्द्वानी, नैनीताल का प्रार्थना पत्र दिनांक 28.10.91 संलग्न है। इस प्रार्थना पत्र में श्री नवी रजा खां की मृत्यु 03.10.88 को होना अंकित किया गया है।

2 रिट याचिका संख्या 963 एम.एस. वर्ष 2007 में याचिकाकर्ता के रूप में श्रीमती अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां और नबी रजा खां पुत्र श्री अशरफ खां दोनो निवासी हल्द्वानी, जिला नैनीताल अंकित है। इस रिट में नबी रजा खां उम्र 55 वर्ष पुत्र अशरफ खां निवासी हल्द्वानी, जिला नैनीताल का शपथ पत्र संलग्न किया गया है, शपथ पत्र दिनांक 09.08.2007 को सत्यापित किया गया है। इस रिट को नबी रजा पुत्र श्री अशरफ खां, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां निवासी हल्द्वानी द्वारा जिलाधिकारी / कलेक्टर नैनीताल को सम्बोधित पत्र दिनांक 08.06. 2000 एवम् अनुस्मारक पत्र दिनांक 28.05.2007 को आधार बनाया गया है

उक्त रिट याचिका के कम में जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल के पत्रांक 521/25-नजूल/2008 दिनांक 30.06.2008 से अपर जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, हल्द्वानी के पत्र संख्या 225 दिनोंक 13.03.2008 की आख्या अनुसार नवी रजा की मृत्यु पूर्व में होने के दृष्टिगत तुरंत जांच कर आख्या देने के निर्देश दिये गये है।

अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, हल्द्वानी-काठगोदाम के पत्र संख्या 907 दिनांक 12.11.2007 में नवी राजा खां की मृत्यु वर्ष 1988 में होने के दृष्टिगत सईदा बेगम एवम् उनकी संतान को बाद में पक्षकार बनाये जाने का विवरण अंकित किया गया है। प्रार्थना पत्र के पृष्ट 3 के पैरा दो में इस प्रकार अंकित किया गया है. इस आख्या के अतिरिक्त अवगत कराना है कि यात्री ने उक्त याचिका विचारधिन बेदखली बाद को लम्बान करने व भविष्य में पेशबंदी के लिए मृतक व्यक्ति नबी रजा के नाम से प्रार्थना पत्र व न्यायालय में याचिका दायर की है, नबी रजा की मृत्यु का तथ्य पालिका ने पूर्व पत्र में भी उजागर किया था’।

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पत्र दिनांक 13.03.2008 में यूसुफ जहां व अख्तरी बेगम / नदी रजा खां वर्तमान सईदा बेगम व अन्य के कम्पनी बाग से सम्बन्धित अवैध कब्जे की भूमि पर अवैध प्लाटिंग, अवैध निर्माण, अवैध हस्तान्तरण के तथ्य अंकित करते हुए कार्यवाही का अनुरोध किया गया है।

उपरोक्त तथ्यों से प्रथमदृष्टया स्पष्ट होता है कि श्री नयी रजा की मृत्यु 1988 में होने के बाद नबी रजा के नाम से भूमि फि-होल्ड करने के आवेदन देने एवम् मा. न्यायालय में मृतक व्यक्ति के नाम से झूठे शपथ पत्र लगाकर रिट दाखिल किया गया है। साफिया मलिक द्वारा स्टि याचिका संख्या 319 वर्ष 2024 में प्रार्थीना पत्र दिनांक 07.01.2021 संलग्न किया गया है.

जिसमें अंकित किया गया है कि लीज होल्डर स्व. नवी रजा खां द्वारा हिबा से उनके पिता स्व. हनीफ खां को वर्ष 1994 में प्राप्त हुई थी, इससे भी स्पष्ट होता है कि साफिया मलिक द्वारा वर्ष 1988 में मृत हो चुके व्यक्ति नदी रजा के नाम का उपयोग कर राजकीय भूमि को हड़पने तथा खुर्द-बुर्द करने का प्रयास किया जा रहा है। इस तथ्य की जांच किया जाना उचित होगा कि साफिया मलिक के पिता हनीफ खां को कब और किस प्रकार से राजकीय भूमि दी गयी

उनके द्वारा किस प्रकार और किस अभिलेख से अपने वरिसों को राजकीय भूमि हस्तान्तरित की गयी। कार्यालय अभिलेखों में अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल रज्जाक निवासी अब्दुला बिल्डिंग लाईन नं. 8. हल्द्वानी, जिला नैनीताल का पत्र दिनांक 14.12.2020 प्राप्त होकर संलग्न है। उक्त पत्र में प्रश्नगत भूमि के फि-होल्ड कार्यवाही की प्रकिया अग्रसारित होकर लम्बित होने का हवाला देते हुए कहा गया है

प्रश्नगत भूमि पर कोई नया निर्माण न होने का तथ्य अंकित किया गया है। कार्यालय अभिलेखों में संलग्न आदेश संख्या 1728 दिनांक 28.12.2020 से प्रश्नगत स्थल पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्यवाही की गयी है। उक्त अवैध निर्माण को ध्वस्त किये जाने हेतु अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल रज्जाक उपरोक्त को नोटिस दिनांक 11.12.2020 को दिया गया था। इससे भी स्पष्ट है कि अब्दुल मलिक एवम् सााफिया मलिक उपरोक्त के साथ-साथ अन्य लोगों द्वारा राज्य सरकार के स्वामित्व की भूमि/नजूल भूमि पर अवैध तरिके से अवैध प्लाटिंग, अवैध निर्माण, अवैध हस्तान्तरण करने का कार्य किया गया है।

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वाद संख्या 22/3 नगर पालिका बनाम (नबी रजा खा) सईदा बेगम में दिनांक 10.10.1991 को श्री गौस रजा पुत्र श्री मोहम्मद अशरफ खां निवासी लाईन नं. 17, बनभूलपुरा का बयान अंकित किया गया है। बयान में कहा गया है कि श्रीमती अख्तरी बेगम मेरी मां है, उन्हें खालिस पड़ गया है और वे बिस्तर से नहीं उठ सकती। हाजी नवी रजा खां की मृत्यु 1988 में हो चुकी है, उनकी पत्नी एवम् बच्चे इस समय जिंदा है। विवादित भूमि सरकारी नहीं है।…. इस जमीन में 500 फलदार वृष है और एक पक्का कमरा 12 x 12 फिट का बना है।

स्व. अरतरी बेगम एवम् स्व. नवी रजा खां ने अपने जीवित रहते ही उक्त भूमि का हिया रव. अब्दुल हनीफ खां पुत्र अब्दुल लतीफ खां निवासी बरेली, उत्तरप्रदेश को कर दिया था। यह भी लिखा है कि शपथकतो की माता स्व. अख्तरी बेगम द्वारा हियानामा के उपरान्त स्व. हनीफ खां के वारिसान ही उपरोक्त भूमि की देख-रेख कर रहें है। इस तथ्य में हिचानामा की तिथि एवम् अभिलेख के सम्बन्ध में काई राष्थ्य अंकित नहीं कियो गये है। उपरोक्त वयानपत्र पर अंकित हस्ताक्षर एवम् रिट याचिका संख्या 319/2024 में संलग्न शपथ दिनांक 31.01. 2024 में अंकित हस्तार में अनार है, जो कि संदिग्ध प्रतीत होते है।

अतः उक्त तथ्यों के दृष्टिगत कम्पनी बाग स्थित लीज भूखण्ड संख्या 368 रकवई 13 वी. 3 वि. वाके की भूमि पर श्रीमती साफिया मलिक पत्नी अब्दुल मलिक, अब्दुल गलिक पुत्र स्व. अब्दुल रज्जाक, निवासी अब्दुला बिल्डिंग, लाईन नं. ४. हल्द्वानी, अख्तरी बेगम पत्नी नन्हें खां, नयी रजा खां पुत्र अशरफ खां निवासी हल्द्वानी, गौस रजा खां पुत्र स्व. अशरफ खां निवासी लाईन नं 17. आजादनगर हल्द्वानी, तहसील हल्द्वानी, जिला नैनीताल, अब्दुल लतीफ निवासी बरेली, उत्तर प्रदेश द्वारा षडयंत्र और कूटरचंना करते हुए मृत व्यक्ति के नाम का उपयोग करते हुए भूमि पर अवैध प्लाटिंग, अवैध निर्माण, अवैध हस्तान्तरण करने का कार्य किया गया है। उक्त के साथ-साथ आपराधिक षडयंत्र रचकर राजकीय विभागों एवम् झूठे शपथ पत्रों के आधार पर मा. न्यायालय को गुमराह करने का कार्य किया गया है। अतः सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही करने का कष्ट करे।

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