किरायदार कर रहे हज़ारों रुपया महीना कमाई नगर निगम की चपत लगाई

किरायदार कर रहे हज़ारों रुपया महीना कमाई नगर निगम की चपत लगाई
ख़बर शेयर करें -

सूत्रों के अनुसार बाजार छेत्र में नगर निगम की दुकाने 30 हज़ार से 50 हज़ार तक किराये पर दी गई

संवाददाता अतुल अग्रवाल – डिजिटल चैनल ” हालात-ए-शहर ”

हल्द्वानी | महानगर हल्द्वानी में नगर निगम के द्वारा व्यापार करने हेतु दुकानों का निर्माण कराया गया | एवं नगर निगम के द्वारा निर्धारित बहुत ही कम किराएदारी पर व्यापारियों को प्रतिष्ठान उपलब्ध कराए गए थे ,वहीं नगर निगम के मेयर डॉ जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला के द्वारा बोर्ड बैठक में दुकानों का किराया बढ़ाने को लेकर काफी लंबे अरसे के बाद एक आदेश पारित किया गया था ,किराएदारी वृद्धि को लेकर व्यापारियों के द्वारा मोर्चा खोला गया था व्यापारियों द्वारा महापौर एव नगर निगम का विरोध करते हुए व्यापारियों द्वारा मेयर की अर्थी तक निकाल दी गई | थी एवं मशाल जुलूस का संचालन करते हुए नगर निगम परिसर में पहुंचकर नगर निगम विरोधी नारे लगाए गए थे , साथ ही वर्तमान में व्यापार मंडल अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों व्यापारियों के द्वारा नारे तक लगाते हुए कहा गया था की हम नगर निगम की ईट से ईट बजा देंगे , वही नगर निगम की बोर्ड की बैठक में पुनः एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसके अनुसार दुकानों का परिक्षेत्र माप कर किराया लेने का प्रस्ताव पारित किया गया था ,परंतु व्यापारियों एवं व्यापार मंडल के लोगों के द्वारा इसका भी घोर विरोध किया गया था लेकिन वही दूसरी ओर

यह भी पढ़ें 👉  अवैध शराब का फोटोसेशन \ नमूना लेकर शेष माल को काट जला कर नष्ट किया

सूत्रों के अनुसार नगर निगम की दुकानों में काबिज़ किरायेदारों के द्वारा अन्य व्यापारियों को काफी मोटी रकम लेकर नगर निगम की दुकानें किराए पर उठा दी गई ,सवाल यही खड़ा होता है कि जहां एक और नगर निगम समय अनुसार दुकानों के किराए में वृद्धि की बातें करता है वहीं व्यापारियों के द्वारा यह बोल आपत्ति उठाई जाती है कि एक और कारोबार नहीं दूसरी ओर नगर निगम कर रहा है किरायेदारों का उत्पीड़न , सूत्रों के अनुसार महानगर हल्द्वानी के बाजार क्षेत्र में नगर निगम की दुकानों में काबिज़ पुराने किरायेदारों के द्वारा हजारों रुपए महीने पर अन्य व्यक्तियों को दुकानें किराए पर देकर मोटी रकम कमाने का खेल खेला जा रहा है ,कुछ व्यापारियों के द्वारा नगर निगम की संपत्ति दुकाने लाखों रुपए में विक्रय कर दी गई ,क्या यह यह अधिकार नगर निगम की दुकानों में काबिज़ व्यापारियों को कौन से मानकों के अनुसार दिया गया है , अभी हाल में ही सदर बाजार में एक बुकसेलर के द्वारा एक ठेला व्यापारी को सूत्रों के अनुसार लगभग ₹30,000 प्रतिमाह पर नगर निगम की दुकान किराए पर दी गई है, एवं दुकान लेने वाले व्यापारी के द्वारा दुकान के बाहर दो ठेला व्यापारियों को लगवा कर मार्ग अवरुद्ध करवा दिया गया , वहीं सूत्रों के अनुसार यह भी ज्ञात हुआ है कि बाजार क्षेत्र में ऐसे कई दुकाने हैं जो कि नगर निगम की संपत्ति है काबिज़ किरायेदारों के द्वारा ₹50,000 महीने तक अन्य व्यक्ति को किराए पर देकर व्यापारियों के द्वारा नगर निगम को लगाया जा रहा है लाखों रुपए महीने का चूना आखिर जिम्मेदार कौन क्या नगर निगम ऐसे मामलों से अनभिज्ञ है या सब कुछ जानते हुए आंखें मूंदे बैठा है