भूमि सरकारी नजूल अवैध दुकानें बनाकर करोड़ो लिये वसूल ?

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नजूल सरकारी भूमि खरीद-फरोख्त देखे VIDEO

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सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह -सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी
महापौर जोगेन्द्र सिंह रौतेला – अभिलेखों का बारिकी से अध्यन किया जाएगा उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा
अध्यक्ष सुरजीत सिंह का ब्यान – दुकानों के निर्माण की अनुमति 2016 में ली गई है
कोषाध्यक्ष हेमंत बगडवाल का ब्यान – महानगर हल्द्वानी में नजूल की भूमियों पर 50 से 60 % भवन एवं व्यावासिक प्रतिष्ठान बने हैं
समिति के मेंबर दलजीत सिंह ( दल्ली ) नगर निगम के द्वारा किस आधार पर दुकानों को सील किया है

संवाददाता अतुल अग्रवाल ”’ हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | महानगर हल्द्वानी में मटर गली के समीप सरकारी नजूल भूमि पर व्यामशाला में अवैध रूप से 8 दुकानों का बिना अनुमति के किया गया अवैध निर्माण नगर निगम के द्वारा माननीय उच्चन्यालय के आदेशों पर अवैध दुकानों को किया गया सील | जिसके पश्चात कब्जेदारों में मचा हड़कंप यदि बात की जाए तो कब्जेदारो ने इसका विरोध भी किया परंतु शासन प्रशासन के किसी की नहीं चली ,कब्जा जमाए लोग अपना सामान हटाते नजर आए वही बात की जाए तो जानकारी के अनुसार साठ के दशक में सरकारी नजूल भूमि पर व्यामशाला बनाई गई थी , जिसमें कई खिलाड़ियों के साथ ही स्थानीय लोग प्रशिक्षण के लिए व्यामशाला आया करते थे ,व्यामशाला के रखरखाव एवं देखरेख के लिए एक सोसाइटी का गठन भी किया गया जिसकी देखरेख में सफल संचालन हुआ करता था ,
परन्तु कुछ समय पूर्व समिति में नए चेहरे हुए काबिज जिसके पश्चात सरकारी नजूल की भूमि कोखुर्द बुर्द कर खेला गया करोड़ो के वारे न्यारे करने का खेल सरकारी नजूल भूमि पर बिना अनुमति अवैध दुकानों का निर्माण कर दिया गया , वही व्यामशाला सोसाइटी से जुड़े एक पद अधिकारी के द्वारा हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर दी गई , जिसके पश्चात कोर्ट में सरकारी नजूल भूमि पर अवैध दुकानों के निर्माण को संज्ञान में लेते हुए माननीय हाई कोर्ट के द्वारा नगर निगम को पक्षकार बनाया गया जिसके पश्चात नगर निगम प्रशासन के द्वारा 5 जुलाई को कब्जेदारों को नोटिस जारी किया गया , एवं जमीन व दुकान संबंधी दस्तावेज 1 सप्ताह के अंदर कार्यालय में उपलब्ध कराने को कहा गया , परंतु कब्जेदारों के द्वारा 15 जुलाई बीत जाने तक भी कोई भी दस्तावेज या प्रमाण पत्र नगर निगम कार्यालय में मुहैया नहीं कराए गए ,जिसके पश्चात नगर निगम प्रशासन के द्वारा 18 जुलाई को सरकारी नजूल भूमि पर अवैध 8 दुकानों मैं नोटिस चस्पा कर दिए गए एवं अवैध कब्जेदारो की ओर से जमीन संबंधित कोई भी दस्तावेज न दिखाने के बाद मंगलवार को प्रशासन की टीम मटर गली स्थित व्यामशाला कर्मचारियों के साथ पहुंची एवं नजूल की भूमि पर बनी दुकानों को सील करने की कार्यवाही की गई कार्यवाही के दौरान

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सहायक नगर आयुक्त गौरव भसीन के द्वारा बताया गया सरकारी नजूल भूमि  व्यामशाला की जमीन पर अवैध दुकानों का निर्माण होने की सूचना के पश्चात नगर निगम के द्वारा अवैध कब्जेदारो को नोटिस जारी किया गया था एवं नगर निगम के द्वारा वैध दस्तावेज मांगे गए थे परंतु दुकानदारों के द्वारा वैध दस्तावेज नहीं दिखाय जाने की स्थिति में नगर निगम के द्वारा अवैध निर्माण कर दुकानों को सील करने की कार्यवाही की गई

ब्यान -सिटी मजिस्ट्रेट महोदय ऋचा सिंह -सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध भी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी

हमारे द्वारा सिटी मजिस्ट्रेट महोदया ऋचा सिंह जी से सरकारी नजूल भूमि व्यामशाला में अवैध निर्माण को लेकर जानकारी हासिल करने पर सिटी मजिस्ट्रेट महोदय के द्वारा बताया गया है कि मटर गली में व्यामशाला में अवैध दुकानों के निर्माण का प्रकरण उनके संज्ञान में आया है ,जो कि अभी माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है ,उनके द्वारा बताया गया कि नजूल की सरकारी भूमि पर अवैध रूप से दुकानों का निर्माण कार्य किया गया है ,इसी क्रम में नगर निगम के द्वारा इन दुकानों को सील किया गया है ,एवं प्राधिकरण को ध्वस्तीकरण के आदेश हुए हैं , परंतु उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन होने के कारण आदेशा अनुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी वही सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा कहा गया है कि सरकारी नजूल भूमि को क्रय विक्रय करने का किसी भी समिति \ संस्था \व्यक्ति को अधिकार नहीं है निश्चित ही यह गलत है यदि इसमें कोई ऐसा व्यक्ति पाया गया जिसके द्वारा सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई है ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी

अध्यक्ष सुरजीत सिंह का ब्यान – दुकानों के निर्माण की अनुमति 2016 में ली गई है

व्यामशाला में दुकानों के निर्माण के प्रकरण में व्यामशाला समिति के अध्यक्ष सुरजीत सिंह से जब इस विषय में वार्ता की गई उनका कहना है कि नगर निगम के द्वारा जो दुकानें सील करने की कार्यवाही की गई है वह अनुचित है | अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि पहले समिति द्वारा नगर पालिका को ( 250 रु )
टैक्स दिया जाता था ,जिसको बढ़ाकर नगर पालिका के द्वारा ( ₹17 हज़ार ) कर दिया गया ,जब नगर निगम को यह जानकारी ही नहीं है कि यहां पर 10 दुकानें हैं तो टैक्स किस बात का लगाया गया , अध्यक्ष के द्वारा बताया गया है कि उनके द्वारा नगर निगम को वर्ष 2016 में एक लिखित पत्र दिया गया था ,कि व्यामशाला काफी छिड़ धिड़ हालत में हो गई है , समिति को आय का कोई साधन नहीं है अध्यक्ष का कहना है जब भूमि पर दुकानें बनेंगी तभी तो नगर निगम टैक्स लेने का अधिकार रखता है ,जब दुकानें ही नहीं हैं तो नगर निगम टैक्स किस बात का ज्ञानशाला समिति से वसूलता है , जब अध्यक्ष से दुकानों के निर्माण की अनुमति के लिए सवाल किया गया उनके द्वारा बताया गया कि वर्ष 2016 में नगर निगम के मेयर जोगिंदर रौतेला को समिति के द्वारा दुकानों के निर्माण के लिए पत्र दिया गया था परंतु नगर निगम के द्वारा इस दिशा में क्या किया गया उनको इसकी जानकारी नहीं है ,वही समिति के अध्यक्ष सुरजीत सिंह के द्वारा बताया गया है , कि एक महीना पूर्व नगर आयुक्त को भी दुकानों के निर्माण के लिए एक पत्र दिया गया था उनके द्वारा बताया गया है कि दुकानों के निर्माण अनुमति 2016 में ली गई है

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कोषाध्यक्ष हेमंत बगडवाल का ब्यान – महानगर हल्द्वानी में नजूल की भूमियों पर 50 से 60 % भवन एवं व्यावासिक प्रतिष्ठान बने हैं

सरकारी नजूल भूमि व्यामशाला में अवैध दुकानों के निर्माण को लेकर समिति के कोषाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल से जानकारी हासिल की गई उनके द्वारा बताया गया कि नगर निगम के द्वारा दुकानों को सील किया गया है यह जानकारी मुझे प्राप्त हुई थी उस वक्त में शहर से बाहर था | कोषाध्यक्ष का कहना है कि नगर निगम के पास माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दुकानों को सील करने की पावर है ,यदि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार कार्यवाही की गई है समिति उसका पालन करेगी ,कोषाध्यक्ष से जब सवाल किया गया कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है समिति द्वारा जो दुकानें बनाई गई थी लाखो रूपये में बेच दी गई हैं ,उनका कहना है कि होता कुछ है अफवाहे भी होती है ,वही कोषाध्यक्ष के द्वारा बताया गया है कि दुकानों के निर्माण करने के बाद उनका प्रीमियर यानी की किस्त ली जाती है ,एवं चंदे के रूप में किराया समिति वसूल करती है ,वही जब कोषाध्यक्ष से दुकान निर्माण के अनुमति के बारे में जानकारी हासिल करनी चाही उनके द्वारा बताया गया है कि पूरे महानगर हल्द्वानी में 50 से 60 % सरकारी नजूल भूमि है ,वही उनके द्वारा बताया गया है कि व्यामशाला की भूमि नजूल है परंतु जो नजूल भूमि पर जो काबिज होता है यदि वह नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराना चाहता है यदि समिति के पास पैसा होगा तो पूरी जमीन को फ्री होल्ड करवा लिया जाएगा , कोषाध्यक्ष से सवाल पूछे जाने पर कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है दुकाने लाखों रुपए में भेज दी गई वह ( धनराशि कौन से फंड में जमा की गई ) कोषाध्यक्ष के द्वारा कहा गया कि यह तो वही बताएंगे जिनके द्वारा समाचार पत्रों में लिखा गया है ,वही कोषाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल का कहना है कि सरकारी नजूल भूमियों पर अधिकार सरकार का होता है ,नगरपालिका केवल देखरेख करती है मैं भी नगरपालिका में 5 साल रहा हूं ,नगर पालिका को देखरेख कोई भी धनराशि नहीं मिलती है ,उनका कहना है कि यदि सरकारी नजूल भूमि व्यामशाला की है तो उनको पार्टी क्यों नहीं बनाया गया उनके द्वारा व्यामशाला के प्रपत्र दिखाने की बात भी कही मैं उनके द्वारा यह भी स्वीकार किया गया है कि व्यामशाला में दुकानों के निर्माण की शासन प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी वही उनका कहना है कि महानगर हल्द्वानी में नजूल की भूमियों पर 50 से 60 % भवन एवं व्यावासिक प्रतिष्ठान बने हैं

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समिति के मेंबर दलजीत सिंह ( दल्ली ) नगर निगम के द्वारा किस आधार पर दुकानों को सील किया है

सरकारी नजूल भूमि व्यामशाला में अवैध दुकानों के निर्माण के प्रकरण में समिति के मेंबर दलजीत सिंह ( दल्ली ) से वार्ता की गई उनके द्वारा कहा गया है कि नगर निगम के द्वारा किस आधार पर दुकानों को सील किया है ,समिति के पद अधिकारी इसका संज्ञान लेंगे कि कौन सी खामियों के चलते दुकाने सील की गई है उनको दूर करने की कोशिश की जाएगी वही उनका कहना है यदि समिति के द्वारा कोई गलतियां हुई है उनको सुधारा जाएगा वही जब उनसे सवाल किया गया कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है जो दुकानें बनाई गई हैं वह लाखों रुपए में विक्रय कर दी गई हैं इस पर उनका कहना है कि दुकानों के क्रय विक्रय का मामला उनके संज्ञान में नहीं हैं यदि कोई ऐसा मामला उजागर होता है तो उसको देखा जाएगा

महापौर जोगेन्द्र सिंह रौतेला – अभिलेखों का बारिकी से अध्यन किया जाएगा उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा

नगर निगम मेयर के द्वारा बताया गया कि व्यामशाला का एक जन प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने कार्यालय पहुंचा मेयर का कहना है कि जानकारी के अनुसार सरकारी नजूल भूमि व्यामशाला में 8 दुकानें व्यामशाला समिति के द्वारा बनाकर उनको विक्रय कर दिया गया है | उनके द्वारा बताया गया कि यह मामला वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है नगर निगम एवं प्राधिकरण को पार्टी बनाया गया है वहीं मेयर के द्वारा बताया गया है कि यह संपत्ति नजूल की श्रेणी में आती है , तथ्यों के आधार पर यह जानकारी हासिल करनी है कि कहीं यह भूमि अभिलेखों में लीज पर किसी व्यक्ति के नाम पर दर्ज तो नहीं है ,व्यामशाला के जनप्रतिनिधियों के द्वारा नगर निगम मेयर को जानकारी दी गई है यह व्यामशाला वर्ष 1952 से यहां स्थापित है , कि यह भूमि कोई मिस्टर गौड़ हैं उनको लीज पर दी गई थी ,उनके द्वारा सबलेट की गई है वहीं नगर निगम मेयर के द्वारा यह भी कहा गया है कि अभी हमारे द्वारा अभिलेखों को बारिकी से अध्यन किया जाएगा उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा सबसे अहम सवाल है कि जिन व्यापारियों के द्वारा अपनी खेती की भूमि बेचकर लाखों रुपए में दुकाने खरीदी गई थी अब उन व्यक्तियों का क्या ?

सरकार नगर निकाय चुनावो की तैयारी में जुटी सुत्रोंनुसार  इस तारीख को जारी हो सकती है अधिसूचन,,,,,

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जनता जनार्दन की आवाज * HS NEWS *संवाददाता अतुल अग्रवाल * हल्द्वानी | विश्वसनीय सूत्रों से एक बड़ी खबर देहरादून से प्राप्त हो रही है...