जनमत संग्रह की शुरुआत एक राज्य एक राजधानी मेरी राजधानी गैरसैंण नारे के साथ खटीमा गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि

जनमत संग्रह की शुरुआत एक राज्य एक राजधानी मेरी राजधानी गैरसैंण नारे के साथ खटीमा गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि
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हालात-ए-शहर ( संवाददाता अतुल अग्रवाल ) हल्द्वानी – पहाड़ी आर्मी ने आज एक राज्य एक राजधानी मेरी राजधानी गैरसैंण नारे के साथ खटीमा गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए अपने आंदोलन को आरंभ किया उसके बाद रैली के रूप में पंडित गोविंद बल्लभ पंत पार्क में जाकर पार्क की सफाई अभियान चलाया और सरकार की सद्बुद्धि के लिए 2 मिनट मौन रहकर प्रार्थना की क्योंकि पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी की मूर्ति की दुर्दशा देखकर पहाड़ी आर्मी के संयोजक हरीश रावत काफी दुखी हुए क्योंकि मूर्ति में जीव जंतु ने बीट की थी और गले में माला माला सढ़ रही थी जिसमें कीड़े पड़े हुए थे और मूर्ति बहुत ज्यादा गंदी थी और सफाई के उपरांत अमर शहीद क्रांतिकारी नेता गोविंद बल्लभ पंत जी मूर्ति पर माल्यार्पण किया उसके बाद बरसाती नहर रोडवेज बस स्टैंड के मुख्य बाजारों में जनता के बीच जाकर पहाड़ी आर्मी की टीम ने जनमत संग्रह किया नुक्कड़ सभा की और जन जागरूकता अभियान चलाया इस दौरान जनता ने खुले हृदय से गैरसैण के पक्ष में जनमत पत्र पर हस्ताक्षर किए इस अभियान के संयोजक हरीश रावत ने कहा उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है और पहाड़ी राज्य का मूल विकास पहाड़ से होगा गैरसैण राजधानी बनकर होगा गैर से पहाड़ की आत्मा है वहीं से वहीं से उत्तराखंड के विकास की धारा बहेगी प्रवीण कुमार काशी ने कहा उत्तराखंड राज्य के शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए पहाड़ की राजधानी पहाड़ में होना है तभी हम उत्तराखंड का जल जंगल जमीन के विषय में चर्चा कर सकते हैं और उनको बचा सकते हैं उन्होंने बताया यह आंदोलन की शुरुआत है धीरे-धीरे यह आंदोलन पूरे उत्तराखंड में किया जाएगा यह कार्यक्रम शाम के 5:00 बजे तक चला

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उत्तराखंड राज्य का निर्माण हुए 21 वर्ष हो गए पर अभी भी यह देश का एकमात्र राज्य है जिसकी कोई स्थाई राजधानी नहीं ह उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए यहां के नौजवान माताओं बहनों और बुजुर्गों ने बहुत कुर्बानियां दी लेकिन राज्य बनने के बाद यहां के जनप्रतिनिधियों ने राज्य के हित में काम न कर सिर्फ अपने व्यक्तिगत हितों को साधने का काम किया कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति वाले मुख्यमंत्रियों में उत्तराखंड राज्य के राज्य आंदोलनकारियों के उद्देश्यों को पूरा करने एवं जनता के हित में कोई मजबूत कदम नहीं उठाया है जिसकी वजह से पलायन बेरोजगारी सूअर बंदरों का आतंक सड़क स्वास्थ्य एवं शिक्षा के बदतर हाल हो गए !

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पिछले 20 वर्षों में अपने राजनीतिक फायदे के लिए गैर सेल्को सभी राजनीतिक दलों ने अपने अपने हिसाब से जनता को चूरन चटाया किसी ने भूमि पूजन किसी ने भवन निर्माण और किसी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर इसके कपाट खोल दिए जो सिर्फ और सिर्फ जनता के भावनाओं के साथ भद्दा मजाक है
इस दौरान पुष्कर मेहता हेमंत पाठक गौरव कुमार ममता जोशी हरीश चंद्र उपाध्याय विक्रम सिंह कोरंगा अनिल कुमार महेंद्र सिंह बिष्ट आदि लोग उपस्थित रहे