भारत की आत्मा बसती है गांवों में ‘कांग्रेस चली गांवों की ओर‘

भारत की आत्मा बसती है गांवों में ‘कांग्रेस चली गांवों की ओर‘
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ,हालात-ए-शहर ,हल्द्वानी | भारत की आत्मा गांवों में बसती है, यह मूल विचार महात्मा गाँधी ने आज से लगभग 100 साल पहले दिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने 31 दिसम्बर 1929 को पूर्ण स्वराज्य की मांग का प्रस्ताव पास किया था। पूर्ण स्वराज की अवधारणा को रखते हुए महात्मा गांधी जी ने पूर्ण स्वराज अर्थात ग्राम स्वराज का नारा दिया था।


लाल बहादुर शास्त्री जी ने नारा दिया था जय जवान जय किसान लेकिन आज अन्नदाता आंदोलनात्मक भूमिका निभा रहा हे , उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा हे । उनकी जयंती पर कांग्रेस न्याय पंचायतों में किसानों की आवाज़ बन कर जाएगी ।
‘कांग्रेस चली गांवों की ओर‘ कार्यक्रम के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता आज से तीन दिनों तक उत्तराखण्ड की 670 न्याय पंचायतों में प्रवास पर चले गए हैं। सभी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता गांवों में गांधी जयन्ती कार्यक्रमों में शामिल होकर ध्वजारोहण करेंगे और राष्ट्रगान भी होगा। इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान स्थानीय निकाय सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा ग्रामीणों के साथ मिलकर क्षेत्र की समस्याओं और मुद्दों को लेकर परिचर्चा होगी। साथ ही सामूहिक भोज भी होगा। इस दौरान प्रत्येक न्यायपंचायत की एक ग्राम सभा में पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के झण्डे स्टीकर पम्पलैट बाटेंगें। साथ ही गांव में सामूहिक भोज का भी आयोजन किया जाएगा। इस बीच पार्टी के सभी वरिष्ट नेता कार्यकताओं के साथ मिलकर गांवों में चैपाल लगाकर भाजपा सरकार की कुरीतियों को उजागर किया जाएगा। भाजपा सरकार आर्थिक तरक्की को गर्त में धकेलजने का काम कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को निजी क्षेत्र में परिवर्तित करने का काम किया जा रहा है। मोबाइल क्षेत्र की बात करें तो बीएसएनएल को कमजोर कर जिओ जैसी निजी कंपनी को मजबूत किया जा रहा है। यही स्थिति रेल और हवाई यात्रा क्षेत्र की भी है। भाजपा सरकार आम जनता को आर्थिक गुलामी की तरफ धकेलने में तुली हुई हैं। किसानों पर तीन कृषि कानून बिल थोपकर किसानों का शोषण करने का काम किया जा रहा है। यदि कृषि क्षेत्र में यह तीन कानून लागू हो जाते हैं, और कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों के हाथ चला जाता है तो खाद्यान उत्पाद बहुत महंगे हो जायेंगे। खाद्य तेलों की लगातार बढ़ रही कीमत बता रही है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम कानून की क्यों जरूरत है। प्रदेश में पलायन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बेरोजगारी चरम पर है। शिक्षा और स्वास्थ्य का बुरा हाल है। विशेषकर पहाड के लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य की उचित सुविधा नहीं मिलने के कारण वह मैदानी क्षेत्रों को पलायन के लिए मजबूर हैंै। प्रदेश में तमाम आर्थिक संसाधनों के बावजूद इस सरकार को प्रदेश के युवाओं और महिलाओं की कोई चिंता नहीं हैै। भाजपा सिर्फ मुख्यमंत्री बदल सकती हैै। यह सरकार कोरी घोषणाएं कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है।
आज निसंदेह हम आजाद हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी कुशासन से जनता परेशान है। जनता को एक बार फिर महात्मा गाँधी जी के बताए रास्ते को याद करना होगा। गांधी जी के सच्चे अनुयायी, पूर्ण स्वराज और ग्राम स्वराज के विचार तथा नीतियों के पक्षधर कांग्रेस पार्टी ही जनता की भावनाओं को समझ सकती है और विकास कर सकती है।

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