राजनीति केवल ऐशो आराम की जिंदगी जीना मात्र नहीं है – ललित

राजनीति केवल ऐशो आराम की जिंदगी जीना मात्र नहीं है – ललित
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गौलापार में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हल्द्वानी में चौड़ी सड़कें यह बहुत छोटे कार्य हैं

तिवारी जी के द्वारा एचएमटी सेंचुरी पेपर मिल बड़ी-बड़ी कंपनियां सिडकुल में लाये यह बहुत बड़ी बात है

प्रदेश के  विधायकों को सदन मैं एक नीति बनानी होगी पहाड़ों के लिए अन्यथा पहाड़ों से पलायन दिन दुगनी रात चौगुनी रफ़्तार से रहेगा जारी

हम मानते हैं 20 वर्ष के राज्य में जो नीतियां होनी चाहिए थी वह धरातल पर नहीं बनाई गई

जनप्रतिनिधियों को जो करना चाहिए था अपने क्षेत्रों में वह नहीं किया गया मैं इस बात को स्वीकार करता हूं

जल जंगल जमीन को लेकर नीतियां बनाई जाती है तो आज पलायन पूर्णता समाप्त हो जाएगा

संवददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी | स्वर्गीय पं नारायण दत्त तिवारी एक युगपुरुष थे प्रदेश के तीन पीढ़ियां ,पहली पीढ़ी जब देश आजाद हो रहा था ,दूसरी जब हमारा भारत देश बदलाव की ओर चल रहा था , वर्तमान की पीढ़ी जिन्होंने स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को कार्य करते हुए देखा है , ललित जोशी का कहना है कि हमारा सौभाग्य है अत्यंत करीबी होते हुए उनकी कार्यशैली को देखा है वही जोशी का कहना है कि राजनीति केवल ऐसो आराम की जिंदगी जीना मात्र नहीं है आम जनमानस की समस्याओं का समाधान करना ही राजनीति है , रुद्रपुर में सिडकुल गौलापार में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हल्द्वानी में चौड़ी सड़कें यह बहुत छोटे कार्य हैं जो आज की पीढ़ी ने देखे हैं तिवारी जी के द्वारा एचएमटी सेंचुरी पेपर मिल बड़ी-बड़ी कंपनियां सिडकुल में लाये यह बहुत बड़ी बात है स्वर्गीय तिवारी जी के लिए जितना कहा जाए शब्द कम पड़ जाएंगे

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पलायन को लेकर सवाल किए जाने पर जोशी का कहना है कि राज्य में जो होना था वह बहुत कुछ नहीं हुआ पहाड़ों में रह रहे युवाओं के घरों तक रोजगार दे सकें हम आज तक ऐसी नीति ही नहीं बना सके अगली जो हमारी सरकार आय पहाड़ों के बेरोजगार युवाओं के लिए ऐसी नीति बनाई जो पहाड़ों से पलायन रोका जा सके स्वर्गीय तिवारी जी का अनुसरण करें पहाड़ों में उद्योग लगा सकें

ललित जोशी से भीमताल में औद्योगिक क्षेत्र को लेकर आए सवाल किए जाने पर कि विगत कई दशकों से भीमताल में जो इंडस्ट्रियल एरिया था वह बंद क्यों किया गया जोशी का कहना है कि उस वक्त की सरकारों की नीतियों के कारण ऐसी परिस्थितियों का नतीजा है , आज जो उद्योगपति सिडकुल में कल कारखाने लगाने आए हैं वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी बनती है ऐसे उद्योगपति फैक्ट्रियां छोड़कर ना जाएं जिसके कारण हमारे कुमाऊ के युवा बेरोजगार हो जाते हैं

आजादी से आज तक पहाड़ी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार देने की उद्देश्य से फैक्ट्रियां कल कारखाने क्यों नहीं लगाए गए जिसके कारण पहाड़ी क्षेत्र से लगातार पलायन होता रहा जवाब देते हुए जोशी का कहना है कि जो भी उधोगपति पहाड़ों में फैक्ट्रियां लगाने आता है सर्वप्रथम लाभ और हानि का आकलन करता है सरकारों द्वारा ऐसी नीतियां बनानी चाहिए वही के रोजगार से आज के युवाओं को पलायन ना करना पड़े जोशी का कहना है कि उद्योग लगाना हर जगह संभव नहीं है

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पहाड़ों पर हो रहे पलायन की मुख्य वजह जनप्रतिनिधियों के द्वारा राजनीति पहाड़ों से आवास शहरों में यह भी एक मुख्य कारण है यह पूछे जाने पर जोशी का कहना है कि आपका सवाल 50% सही है प्रदेश के  विधायकों को सदन मैं एक नीति बनानी होगी पहाड़ों के लिए अन्यथा पहाड़ों से पलायन दिन दुगनी रात चौगुनी वृद्धि करता रहेगा वही जोशी का कहना है कि हम मानते हैं 20 वर्ष के राज्य में जो नीतियां होनी चाहिए थी वह धरातल पर नहीं बनाई गई वही यह पूछे जाने पर क्या यह विधेयक पारित होना चाहिए जो जनप्रतिनिधि जहां से चुना जाता है उसको अपने क्षेत्र में ही रहना चाहिए , जोशी के द्वारा कहा गया यह सवाल समझ से परे है यह पूछे जाने पर जब किसी व्यक्ति को अपने जनप्रतिनिधि की जरूरत पड़ती है उस व्यक्ति को शहरों में आना पड़ता है इसका मुख्य कारण है जनप्रतिनिधि अपने ही निर्वाचित क्षेत्र में मौजूद नहीं रहते जोशी के द्वारा जवाब का रुख मोड़ते हुए सरकारी अमले पर निशाना साधा गया अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जनप्रतिनिधियों के पक्ष में खड़े नजर आए ललित जोशी उनका कहना है कि जो दूसरे राज्यों से अधिकारी हमारे राज्य में आते हैं वह अधिकारी अपने बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाये उपलब्ध हो सके उसी 4 ज़िलों को उत्तराखंड राज्य मानते हैं यह पूछे जाने पर कि यह बात तो जनप्रतिनिधियों पर भी लागू होती है इसके जवाब में जोशी का कहना था कि हम इस बात से पूर्णता सहमत नहीं है 50\50 सहमत हैं जनप्रतिनिधियों को जो करना चाहिए था अपने क्षेत्रों में वह नहीं किया गया मैं इस बात को स्वीकार करता हूं वही उनके द्वारा कहा गया कि पहाड़ों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए नीतियां बनानी आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है जल जंगल जमीन को लेकर नीतियां बनाई जाती है तो आज पलायन पूर्णता समाप्त हो जाएगा

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न सत्ता पक्ष , न विपक्ष , केवल जनतापक्ष *हमारा यू ट्यूब चैनल * हालात-ए-शहर *सबक्राइब करे बेल आइकॉन दबाना न भूलेऔर देखते रहे खबरे हल्द्वानी से *अतुल अग्रवाल हालात-ए-शहरवेबसाइटwww.@halateshahar.inमेल आईडी atulagarwal9927@gmail.comन्यूज कवरेज़ /विज्ञापन के लिये 9927753077 * 6399599595