वर्ष 2013 में दैवीय आपदा के पश्चात उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में 29 श्रद्धालुओं की मौत

वर्ष 2013 में दैवीय आपदा के पश्चात उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में 29 श्रद्धालुओं की मौत
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी |

उत्तराखण्ड राज्य देवो की भूमि है इसी लिए इसको देव भूमि कहा जाता है | उत्तराखण्ड में बद्रीनाथ – केदारनाथ -गंगोत्री -यमुनोत्री चारधाम की यात्रा एवं दर्शनों हेतू देश विदेश से लाखो श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते है | वही वर्तमान निवर्तमान सरकारों में चारधाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते लाखो श्रद्धालु को भरी दिक्क्तों का करना पड़ता है सामना यदि बात की जाये इस वर्ष स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में अभी तक 29 श्रद्धालुओं की मौत सरकार एवम उत्तराखंड के लिए एक बड़ा कलंक साबित हुआ है

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यदि बात की जाये वर्ष 2013 में चारधाम की यात्रा के वक़्त दैवीय आपदा के वक़्त बाबा बद्रीनाथ – केदारनाथ के दर्शनों हेतू देश विदेश से लाखो श्रद्धालु उत्तराखण्ड आये थे | दैवीय आपदा में हज़ारो श्रद्धालुाओ की हुई थी मौत कई गांव तेज़ पानी के बहाब में लोगो के मकान हज़ारो दुधारू पशु गाड़िया यहाँ तक की बड़ी बड़ी इमारते निस्ते नाबूत हो गई थी , चारो ओर त्राहि त्राहि मची थी , लाखो श्रद्धालुाओ को रोटी पानी छोटे छोटे बच्चो को दूध तक नहीं मिल रहा था | जहा तक निगाह जाती थी लाशो के ढेर नज़र आ रहे थे , उस वक़्त की सरकार भी बचाव व राहत कार्यो में नाकाम रही |

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आज भी अभी तक 29 श्रद्धालुओं की मौत के बाद भी वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सुविधाये एवं व्यवस्थाएं देने में नाकाम दिखाई दे रही है , जबकि गढ़वाल मंडल विकास निगम को 7 करोड़ रुपए व्यवस्थाओं के लिए सरकार ने दिए उसके बावजूद भी काम नहीं हुआ, लगातार हो रही मौतों के बाद भी सरकार गहरी नींद में हैं ऐसे में सरकार को उपचुनाव से अपना ध्यान हटाकर चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को ठीक करना चाहिए

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अभी कल ही एक मार्ग छतिग्रस्त की वीडियो वायरल देखी गई आज पूरा ध्यान चंपावत उपचुनाव पर है यदि वक़्त रहते वयवस्थाये दुरुस्त नहीं की गई कोई बड़ी त्रासदी हो सकती है।