अतिक्रमण मुक्त बाजार समर्थन या विरोध ?

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अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुये अपनी राजनीति चमकाने में लगे कुछ नेता ?

दोनों हाथो में लड्डू रखकर राजनीति चमकाने में लगे है ?

संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी |

महानगर हल्द्वानी बाजार नासूर बनते अतिक्रमण के खिलाफ काफी लंबे समय से व्यापारिक संगठनों सामाजिक संगठनों व आम व्यापारियों के द्वारा शासन प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया गया एवं व्यापारिक संगठनों सामाजिक संगठनों आम व्यापारी के द्वारा शासन प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों से समय-समय पर यह मांग भी की गई कि बाजार क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाया जाए वहीं व्यापारियों का कहना था कि कुछ व्यापारियों के द्वारा अपनी दुकानों के आगे एक मोटी रकम वसूल की अगस्त में दुकान स्वामी दुकानों के आगे ठेला फड़ एवं हार बुंदे वाले दरी वाले मेहंदी वाले अन्य छोटे कारोबारियों को बैठा कार मार्ग अवरुद्ध करने का कार्य करते थे जिसके कारण बाजार क्षेत्र में आए दिन चोरी की घटनाएं होती रहती थी जिसके खिलाफ मुखर होते हुए व्यापार मंडल के पदाधिकारियों सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी एवं आम जनता ने शासन प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से बाजार को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए गुहार लगाई थी जिसके पश्चात शासन प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा विगत कुछ दिनों से बाजार क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जा रही है , वही कुछ व्यापारी नेता इस कार्यवाही के समर्थन में आगे आये
परन्तु

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वही कुछ व्यापारी नेताओ के द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पर सवालिया निशान लगाते हुये अपनी राजनीति चमकाने में आगे आये , ऐसे व्यापारी नेता समय समय पर अपने दिए गए ब्यानो से पलटते भी नज़र आये , ये वही व्यापारी नेता हैं जो शासन प्रशासन एवम व्यापारियों की नज़रो में अपनी स्वच्छ छवि दिखाने की कोशिश करते हुये , एक ओर अतिक्रमण कार्यवाही का समर्थन करने की बाते कर रहे है वही दूसरी ओर पुलिस प्रशासन को द्वी आवाज में चेतावनी देते नज़र आ रहे है यानि की अपने दोनों हाथो में लड्डू रखकर राजनीति चमकाने में लगे है , उनकी बातो से एक बात साफ़ झलकती है कि वो बाजार को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मंसा नहीं रखते , बात की जाए जब से निर्वाचित हो व्यापार संगठन में आये है

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, कभी अतिक्रमण को विरोध करते नज़र आते है कभी समर्थन , लेकिन जब अधिकारियो के समक्ष जाते है उनके व्यवहार बातो से प्रतीत होता है कि अतिक्रमण के खिलाफ है , वही जब शासन प्रशासन कार्यवाही करता है उस वक़्त अपनी टोली के साथ अधिकारियो के विरोध में खड़े होकर नियम कानून मानवता का पाठ पढ़ाते नज़र आते है , सूत्रों के अनुसार कुछ व्यापारियों का आरोप भी है कि ऐसे नेतागिरी दिखाने वाले ही अतिक्रमण को बढ़ावा देते है , व्यापारियों के द्वारा इनके ऊपर अनेको आरोप भी लगाए जा रहे है जिसमे एक आरोप यह भी है कि ये बाहरी लोगो को बाजार छेत्र में अतिक्रमण करने की शह भी देते है

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