वर्ष 2013 आपदा में 22 लाख का तेल बिल घोटाला आया सामने हाईकोर्ट ने पूछा-मंत्रियों और अधिकारियों पर क्या हुई कार्रवाई

वर्ष 2013 आपदा में 22 लाख का तेल बिल घोटाला आया सामने हाईकोर्ट ने पूछा-मंत्रियों और अधिकारियों पर क्या हुई कार्रवाई
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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ज्योति काला टूर एंड ट्रेवल्स को फर्जी बिलों के आधार पर किए गए भुगतान को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।

” HS NEWS ” ATUL AGARWAL , HALDWANI | विश्वनीय सूत्रों के हवाले से वर्ष 2013 की आपदा में एक बड़े तेल घोटाले को लेकर न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से सुनवाई के दौरान काला टूर एंड ट्रेवल्स ने कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा कोई बिल नहीं दिए गए हैं। मामले के अनुसार,

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राज्य में तेल बिल घोटाला 2009 और 2013 में सामने आया था। इन वर्षों में तत्कालीन मंत्रियों की फ्लीट में विभाग ने बाहर से गाड़ियां मंगाईं और 1.38 करोड़ रुपये के बिल बनाकर पैसा निकाल लिया गया। साल 2015 में इस मामले पर तत्कालीन सीएमओ देहरादून द्वारा डालनवाला कोतवाली देहरादून और ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें काला टूर ऑपरेटर और उनियाल टूर ऑपरेटर को आरोपी बनाया गया।

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न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि फर्जी तेल बिल घोटाले में शामिल मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? कोर्ट ने मामले में एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं।

आरोप लगाया था कि इन्होंने फर्जी बिल बनाकर पैसा लिया है। आरोप था कि करीब 22 लाख रुपये काला टूर एंड ट्रेवल्स ने लिए। पांच लाख रुपये का भुगतान उनियाल टूर को किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों पक्ष हाईकोर्ट पहुंचे तो इसी दौरान पुलिस ने इनके खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी। चार्जशीट को चुनौती देने वाली याचिकाओं में दोनों टूर ऑपरेटरों ने कहा कि जो भी बिल उन्होंने निकाले वो संबंधित कार्यालय से सत्यापित थे, लिहाजा उन्होंने कोई फर्जी बिल पेश नहीं किए। इसलिए इस संबंध में चार्जशीट को निरस्त किया जाए। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता शैलेन्द्र नौरियाल ने पैरवी की।