साहूकार अधिनियम के तहत ब्याज के कारोबार करने वाले को लेना होगा लाइसेंस – सुप्रीम कोर्ट

साहूकार अधिनियम के तहत ब्याज के कारोबार करने वाले को लेना होगा लाइसेंस – सुप्रीम कोर्ट
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संवाददाता अतुल अग्रवाल ” हालात-ए-शहर ” हल्द्वानी |

हल्द्वानी | वर्तमान में हल्द्वानी महानगर में ब्याज का कारोबारी खूब फल फूल रहे हैं देखा गया है | जरूरतमंद व्यक्ति की परेशानी का लाभ उठाते हुए , जरूरतमंद व्यक्ति कही से भी पैसा लेने को मज़बूर होता है , जिसका लाभ उठाते हुए कुछ ब्याज साहूकारी के धंधे में लिप्त अधिक ब्याज वसूलते हुए ब्याज पर पैसा देता है

– पीड़ित व्यक्ति अपने लिए पैसे का बंदोबस्त नहीं कर पता है क्योकि बैंक से ऋण उपलब्ध नहीं होता बैंको की कागजी कार्रवाई पूरी नही की जा सकती है ऐसे में व्यक्ति ब्याज का पैसे ले लेता है पर वह उसके एवज में कुछ न कुछ गिरवी।रखने में मजबूर होता है ऐसे में वह सुद्धखोर की चुगल में फस जाता है और ब्याज दर बैंक के ब्याज दर से कई गुना अधिक अब मजबूरी है क्या करे ब्याज दर इतनी होती हैं। उसे देना मुश्किल हो जाता है असल रकम pr ब्याज दरों को छोड़ दिया जाता है और फिर वह उसे प्रताड़ित करते ,उसको धमकी दी जाती हैं पर

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कई लोग तो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है क्या करे जिससे पैसे लिए उसको ब्लेंक चेक व स्टाम पेपर में उसके हस्ताक्षर करवा कर रख लेता है फिर उसे न्यायालय की धमकी देता है कि मै तेरा चैक बाउंस करवा कर कोर्ट में लगा दूंगा। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जो इन ब्याजियो के चुगल में फस चुके है। और गरीब लोग अक्सर इनकी चुगल में फस चुके हैं पीआर ।कानून व्यवस्था क्या कहती हैं जो व्यक्ति अगर ब्याज का कारोबार करता है तो उसे मनी लैंडिंग एक्ट के अंतर्गत सरकार द्वारा स्थापित संस्था से लाइसेंस लेना होता है अलग अलग प्रदेशों में साहूकार अधिनियम भी होता है इस पर साहूकार अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए प्राधिकरण ब्याज पर रूपए देने के व्यापार करने के लिए लाइसेंस देते हैं निजी रूप से ब्याज पर रूपए उधार देना एक अपराध है पर। इस तरह का कारोबार करने वाले व्यक्ति अपने साथ सफेदपोशों की शरण मे रहते हैं और उन पर दबाव बनाते हैं।